5 Dariya News

कोर्ट में बोली महबूबा मुफ्ती की बहन रूबैया सईद- हां! यासीन मलिक ने ही मेरा अपहरण किया था

Mehbooba Mufti की बहन और पूर्व केंद्रीय मंत्री Mufti Mohammad Sayeed की बेटी Rubaiya Sayeed ने अलगाववादी नेता Yasin Malik की पहचान अपहरणकरता के रूप में कर दी है

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नई दिल्ली 16-Jul-2022

Mehbooba Mufti की बहन रुबैया सईद ने अलगाववादी नेता Yasin Malik की पहचान साल 1989 में उनका अपहरण करने वाले अपराधियों में से एक के रूप में की है। रूबैया सईद ने शुक्रवार को जम्मू की टाडा अदालत में मामले से जुड़े चार लोगों की पहचान की, जिसमें मलिक भी शामिल है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रुबैया सईद Mufti Mohammad Sayeed की बेटी हैं। जिस समय रूबैया का अपहरण हुआ था, उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्रीय गृहमंत्री थे। तब रूबैया को सईद को छुड़ाने के लिए खूंखार आतंकियों को रिहा करने का उन्होंने निर्णय लिया था।  रुबैया सईद का 8 दिसंबर, 1989 को लाल डेड अस्पताल के पास अपहरण कर लिया गया था। 

Yes, she (Rubaiya Sayeed, sister of PDP chief Mehbooba Mufti) has been able to identify everyone on the basis of photographs that were made available to her during CBI investigation: Adv Anil Sethi when asked if Sayeed identified all her abductors, including Yasin Malik,from 1989 pic.twitter.com/JX0E7hDXB7

— ANI (@ANI) July 15, 2022

रुबैया को छोड़ने के लिए केंद्र में बीजेपी समर्थित तत्कालीन Vishwanath Pratap Singh सरकार से 5 आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई थी। पांच आतंकवादियों को रिहा करने के पांच दिन बाद रुबैया को रिहा कर दिया गया था। आपको बता दें कि रुबैया सईद शुक्रवार यानी 15 जुलाई को CBI अदालत के सामने पेश हुईं। सीबीआई ने 1990 में इस मामले की जांच शुरू की थी। तब से यह पहली बार था जब रुबैया सईद को मामले के संबंध में अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रुबैया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में मौजूद यासीन मलिक की पहचान अपहरणकर्ता के तौर पर की। रूबैया ने न्यायाधीश से कहा, यह वही व्यक्ति है और इसका नाम यासीन मलिक है। ये वह व्यक्ति था जिसने मुझे धमकी दी थी कि अगर मैंने उसके आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया तो वह मुझे मिनीबस से बाहर खींच लेगा। रुबैया ने अदालत में प्रदर्शित तस्वीरों के माध्यम से भी यासीन मलिक की पहचान की।

बता दें कि यासीन मलिक आतंकवादियों को फंडिंग करने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। हाल ही में उसे यह सजा सुनाई गई है। वहीं, यासीन मलिक के ऊपर और बड़ी घटना को अंजाम देने के आरोप में भी मुकदमा चल रहा है। यह जनवरी, 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में हुए आतंकी हमले से संबंधित है। इसमें वायुसेना कर्मचारियों पर आतंकवादियों द्वारा गोलिबारी की गई थी, जिसमें एक महिला समेत 40 लोगों को गंभीर चोटें आई थीं। वहीं सेना के 4 जवान भी शहीद हुए थे।