5 Dariya News

1985 विमान ब्लास्ट के आरोपी रिपुदमन सिंह की कनाडा में गोली मारकर हत्या.. PM मोदी की तारीफ की थी

सिख नेता Ripudaman Singh Malik का बब्बर खालसा और Talwinder Singh Parmar के साथ जुड़ा था नाम.. PM Narendra Modi की खूब की थी तारीफ

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वैंकूवर(कनाडा) 15-Jul-2022

Canada के Vancouver से एक बड़ी खबर आ रही है। सिख नेता Ripudaman Singh Malik की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। रिपुदमन एक बिजनेसमैन भी थे। जैसे ही वो सुबह घर से ऑफिस के लिए निकले, घर के सामने ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं पुलिस के घटनास्थल पर एक जलती हुई कार भी मिली है। पुलिस जांच में जुट गई है।

आपको बता दें कि Ripudaman Singh Malik की जिंदगी भी विवाद से भरी रही है। सबसे पहले 1985 के एयर इंडिया बम धमाकों में  रिपुदमन का नाम सामने आया था। केस चला, 4 साल जेल में भी काटे लेकिन बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था। रिपुदमन को लगा कि उन्होंने अपनी जिंदगी के प्रमुख 4 साल जेल में बिता इसलिए उन्होंने कानूनी शुल्क के रूप में $9।2 मिलियन डॉलर की मांग की, लेकिन ब्रिटिश कोलंबिया के एक न्यायाधीश ने मुआवजे के दावों को खारिज कर दिया।

इतना ही नहीं Ripudaman Singh Malik का नाम पंजाब में कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा था। कहा जाता है कि रिपुदमन एयर इंडिया बमबारी के मास्टरमाइंड Talwinder Singh Parmar का करीबी सहयोगी था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बब्बर खालसा, एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन है। यह संगठन अमेरिका, भारत और कनाडा जैसे कईं देशों द्वारा प्रतिबंधित है।

इसी साल Ripudaman Singh Malik फिर एक बार चर्चा में आए थे। दरअसल उन्होंने जनवरी 2022 में भारत के प्रधानमंत्री Narendra Modi की तारीफ की थी। रिपुदमन ने सिख समुदाय के लिए मोदी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों के लिए पत्र लिखकर आभार जताया था। पूरे देश में रिपुदमन की चर्चा होने लगी थी।

1985 में एअर इंडिया बम धमाके की घटना में करीब 331 लोगों की मौत हुई थी। विस्‍फोट के बाद विमान टुकड़े टुकड़े होकर अटलांटिक महासागर में जा गिरा। कुछ यात्रियों के शव की जांच और पोस्टमार्टम में पता चला कि उनकी मौत विस्‍फोट नहीं बल्कि समुद्र में डूबने के कारण हुई। वो लोग विमान के ऐसे हिस्‍से में बैठे थे जहां वे ब्‍लास्‍ट से बच गए, उनतक ब्लास्ट का असर नहीं पहुंच पाया था। इस मामले में कनाडा में सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक भी आरोपी था लेकिन सबूतों के अभाव में बाद उन्हें बरी कर दिया गया।  पंजाबी मूल के इस कनाडाई सिख रिपुदमन सिंह पर खालिस्तानी होने के आरोप लगे थे। 

सबसे पहले कैब ड्राइवर बने

रिपुदमन 1972 में कनाडा गए। उन्होंने अपने करिअर की शुरुआत कैब ड्राइवर के तौर पर की। बाद में एक सफल बिजनेसमैन बने। वहा खालसा क्रेडिट यूनियन (KCU) के अध्यक्ष रहे, जिसकी संपत्ति 110 मिलियन डॉलर से अधिक थी। रिपुदमन कनाडा के सतनाम एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष थे और खालसा स्कूल चलाते थे। इस स्कूल की सबसे खास बात ये है कि इसमें पंजाबी भाषा और सिख इतिहास भी पढ़ाया जाता है।

आपको इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए कि रिपुदमन सिंह मलिक पर भारत ने एक दशक तक देश में घुसने पर बैन लगाए रखा। सिख संगठनों के अनुरोध पर मोदी सरकार ने उसे 2020 में सिंगल एंट्री वीजा दिया। इसके बाद हाल ही में 2022 में मल्टीपल वीजा दिया गया था। जिसके बाद रिपुदमन ने मई में दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की तीर्थ यात्रा की थी। इसके बाद से ही रिपुदमन मोदी के मुरीद हो गए थे।