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Leh To Manali: महेंद्र ने बनाया गिनीज रिकॉर्ड, 4 दिन 21 घंटे,18 मिनट का पैदल चलकर तय किया सफर

Leh To Manali Way: डॉ. महेंद्र महाजन ने लेह-मनाली मार्ग 4 दिन 21 घंटे,18 मिनट का सफर पैदल चलकर तय किया है. गिनीज़ बुक ऑफ व‌र्ल्ड में शामिल किया अपना नाम.

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मनाली 14-Jul-2022

Leh To Manali: इरादे पक्के और मेहनत करने का ज्जबा अगर मन में हो तो दुनिया में कोई भी मुकाम हासिल करना मुश्किल नहीं होता है. इन्हीं वाक्यों को सच कर दिखाया है महाराष्ट्र नासिक निवासी 44 वर्षीय डाक्‍टर महेंद्र महाजन ने।

दरअसल, डॉ. महेंद्र महाजन ने लेह-मनाली मार्ग (leh manali way) का पैदल सफर किया है. इसके लिए उन्हें 4 दिन 21 घंटे 18 मिनट का वक्त लगा. गिनीज़ बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड्स के जनून ने डॉ. महेंद्र महाजन के पाव के छालों के दर्द को मिटा दिया. यही नहीं इस सफर को तय करते समय इनके सीने में एक बार दर्द भी हुई, लेकिन मंजिल पाने की चाह के आगे वो भी फीकी पड़ गई. इस सफर को तय करने के बाद आप महेंद्र ने अपना नाम  गिनीज़ बुक ऑफ व‌र्ल्ड में शामिल कर लिया है.

आपको बता दें की  महेंद्र ने 17600 फीट ऊंचे दर्रों की खून जमा देने वाली ठंडी हवाओं का सामना करते हुए इस जनून भरे सफर में सफलता हासिल की है. महेंद्र पहले ऐसे व्यक्ति नहीं है जिन्होंने इस सफर को पूरा किया है इनसे पहले सोनीपत की महिला सोफिया खान भी छह दिन 12 घंटे 6 मिनट में इस दूरी को तय कर गिनीज बुक (Guinness Book of World Record) में अपना नाम दर्ज कर चुकी हैं. लेकिन महेंद्र ने अपना ये सफर 4 दिन 21 घंटे,18 मिनट में पूरा किया है. 

आइए जानते है कैसा रहा महेंद्र का ये सफर 

Day 1 डॉ.महेंद्र महाजन ने बताया कि 7 जुलाई को वह सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर लेह से पैदल मनाली (leh to manali) के लिए निकले एडीजीपी लद्दाख पुलिस एसएस खंडारे और लद्दाख के इंजीनियर और वैज्ञानिक सोनम वांगचुक ने हरी झंडी देकर उन्हें रवाना किया. पहले दिन वह 92 किलोमीटर दौड़ने के बाद तंगलंगला दर्रे के नीचे पहुंचे.

Day 2 दूसरे दिन सुबह चार बजे इन्होंने चलना शुरू किया जिसमें वह 86 किमी का सफर तय करते हुए पांग पहुंचे.यहां ठंडी हवाओं के साथ बारिश का भी सामना करते हुए चलते रहे. 

Day 3  तीसरे दिन 77 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए लाचुंग ला (16597 फीट) और नकीला (15547 फीट) के दो दर्रे पार कर सरचु में आराम किया.

Day 4 चौथे दिन बारालाचा जैसे कठिन दर्रे को पार करते हुए 76 किमी की दूरी तय कर ज़िंगज़िंग बार पतसेउ होते हुए और दारचा रुके. यहां से अगले दिन सुबह दारचा से चलना शुरू किया और 11 बजे तांदी पुल और शाम सात बजे अटल टनल (Atal tunnel) के नार्थ पोर्टल और दौड़ने के बाद सुबह के करीब 3.30 बजे 96 किमी दौड़ने के बाद चार दिन 21 घंटे और 18 मिनट में मनाली पहुंचे.

अपने इस सफर को 4 दिनों में पूरा करते हुए मीडिया ने उनसे बातचीत की महेंद्र ने हम फिट तो देश फिट के नारे को बल देते हुए यह नई पहल की बात कही.और आज के युवाओं का हौंसला बढ़ाया। उन्होंने टीम के सदस्य सुमीत पारिंगे, नितिन वानखेड़े और भतीजे ओम महाजन का शुक्रिया किया है.

महेंद्र नव बताया कि उनके बड़े भाई हितेंद्र महाजन उनके प्रेरणास्रोत हैं. पहली बार भाई जितेंद्र के साथ 2003 में पिन पार्वती ट्रेक फतेह किया था. वहीं, 25 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट भी फतेह किया.

लेह से मनाली (Leh To Manali) के इस वॉक से पहले महेंद्र महाजन ने पांच नवंबर 2018 को कश्मीर में कन्याकुमारी तक 10 दिन, 10 घंटे और 1 मिनट में 9.32 मील प्रति घंटे की औसत गति से 2331 मील की दूरी तयकर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया था, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में पहले भी दर्ज है.