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विधायक ने अधिकारियों को समाज कल्याण स्कीमों की जानकारी दिए जाने के दिए निर्देश

5 दरिया न्यूज (शशि किरण)

पंचकूला 11-Oct-2012

हरियाणा सरकार द्वारा जिले में इन्दिरा आवास योजना के तहत वर्ष 2011-12 के दौरान गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए इन्दिरा आवास योजना के तहत 230.90 लाख रूपए की राशि से जिले में 511 मकानों का निर्माण करवाया गया।जानकारी देते हुए पंचकूला के विधायक डी.के. बंसल ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने गरीब तबके के लोगों के उत्थान के लिए अनेकों समाज कल्याण स्कीमें लागू की हुई हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग जानकारी के अभाव में सरकार की इन स्कीमों का समय पर लाभ नहीं उठा पाते। इसलिए सम्बंधित विभाग के अधिकारियों की जिम्मेवारी बनती है कि वे उनके विभाग के माध्यम से चलाई जा रही स्कीमों को आम लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जिले में प्रशासन द्वारा 90 प्रतिशत महिलओं को लाभ दिया है और 460 महिलाओं के मकानों का निर्माण करवाया। इसके साथ-साथ 8 अनुसूचित जाति व 35 अल्पसंख्यकों के परिवारों को इस योजना का लाभ पहुंचाया गया। बंसल ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने दोरे के दौरान लोगों को राज्य सरकार की विभिन्न समाज कल्याण स्कीमों की जानकारी दें ताकि लोग इनका लाभ उठा सकें। 

उन्होंने इन्दिरा आवास योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण आवासीय योजना, ग्रामीण विकास मंत्रायलय भारत सरकार द्वारा इन्दिरा आवास योजना के द्वारा लागू की गई है जो एक केन्द्र प्रयोजित योजना है जिसमें लागत केन्द्र व राज्य के बीच 75.25 के आधार पर बांटी जाती है। इस योजना के अनुसार ग्रामीण गरीबी रेखा से नीचे बसर कर रहे परिवारों को विशेष रूप से लक्षित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्रों में 35000 रूपए और पहाडी क्षेत्रों में 38,500 रूपए की वित्तीय सहायता बी0पी0एल0 परिवारों को दी जाती है। यह वित्तीय सहायता लाभान्वितों को नगद रूप में दो किस्तों (20,000 रूपए व 15000 रूपए) के रूप में दी जाती है।  उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को दी जाने वाली राशि  पहली अप्रैल 2010 से  बढा दी गई है। मैदानी श्रेत्रों में 45 हजार रूपए और पहाड़ी श्रेत्रों में 48,500 दी जा रही है।  उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 60 प्रतिशन अनुसूचित जाति के लिए एवं 3 प्रतिशत शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए सुरक्षित की गई है।