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कैप्टन पर दांव खेलेगी BJP.. NDA की तरफ से अमरिंदर सिंह हो सकते हैं उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

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चंडीगढ़ 02-Jul-2022

Punjab Politics News: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) NDA की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। ऐसे में चर्चा ये हो रही है की BJP कैप्टन पर अपना दांव खलेने के लिए तैयार है। दरअसल कैप्टन के PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अच्छे संबंध हैं। ऐसा में खबर है कि कैप्टन ने कांग्रेस से अलग होने के बाद अपनी पार्टी बनाई है। 

आपको बता दें कि इस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) लंदन में हैं। वह पीठ की सर्जरी करवाने के लिए वहां गए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनके अगले सप्ताह भारत लौटने की उम्मीद है। इसके बाद वह अपनी पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का भाजपा में मर्ज कर सकते हैं। प्रधानमंत्री  (Narendra Modi) ने रविवार को अमरिंदर की सर्जरी के बाद उनसे बातचीत की थी। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी मर्ज करने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह का उपराष्ट्रपति (Vice-President) के लिए नाम दिया जा सकता है। इसी बीच आपको बता दें कि 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव होंगे। इसके लिए 5 जुलाई को अधिसूचना जारी होने के बाद 19 जुलाई तक नामांकन भरे जाएंगे। 

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पंजाब के सियासी दिग्गज हैं कैप्टन 

कैप्टन पंजाब के सियासी दिग्गज हैं। ये नाम पंजाब के शहरों से लेकर गांव- गांव तक सबसे ज्यादा चर्चित नेताओं में से आता है। इसलिए भाजपा कैप्टन के सहारे पंजाब को साधने की कोशिश कर रही है। खासकर सिख समुदाय से नजदीकी बढ़ाने के लिए भाजपा हर दांव खेल रही है। यही नहीं कैप्टन के सहारे 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पंजाब की 13 सीटों पर नजर लगाए बैठी है। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन के चलते सिख भाजपा से काफी नाराज चल रहे हैं।

CM पद से हटा देने के बाद छोड़ी कांग्रेस 

कैप्टन अमरिंदर सिंह 2 बार पंजाब के CM रहे। उनका साढ़े 9 साल का कार्यकाल रहा। जिसके बीच उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में कहा था कि उन्हें नेतृत्व द्वारा तीन बार अपमानित किया गया और अब वह यह सहन नहीं कर सकते। जिसके बाद उन्हें मजबूरन पार्टी से हटना पड़ा। इसी बीच पिछले साल अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद कई कांग्रेस नेताओं (Congress leaders) ने भी अपनी पार्टी बदल दी थी और बीजेपी को ज्वाइन कर लिया था। इसके बाद कैप्टन ने पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से नई पार्टी बनाई। फिर भाजपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन उनके कैंडिडेट के साथ कैप्टन खुद भी हार गए।