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Single-use Plastic ban: केंद्र सरकार ने लगाया प्रतिबंध, 1 जुलाई यानि आज से होगा नियम लागू

केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाया गया प्रतिबंध नियमों की अवहेलना करने वालों का जुर्माना हर दिन बढ़ सकता है 5,000 रुपये।

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नई दिल्ली 01-Jul-2022

Single-use Plastic ban: केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाया गया प्रतिबंध आज यानी 1 जुलाई से लागू हो गया है। राज्य सरकारें इस प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाएंगी और सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन, वितरण, भंडारण या बिक्री करने वाली इकाइयों को बंद करेंगी। 28 जून को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सूचित किया था कि 1 जुलाई से देश में चिह्नित सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लग जाएगा।

अधिकारियों ने यह जानकारी दी।  कई विनिर्माताओं ने कहा है कि विकल्पों के अभाव के कारण वे प्रतिबंध लागू करने के लिए तैयार नहीं है ऐसे में उनका कहना है कि पहले सरकार को इस संबंध में एक समिति बनाकर सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प ढूंढना चाहिए और उसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, भारत हर साल 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन करता है।

इसी बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने मंगलवार को कहा कि “सरकार ने उद्योग जगत और आम जनता को एसयूपी उत्पादों पर पाबंदी की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया है और उसे उम्मीद है कि एक जुलाई से इसे लागू करने में सभी का सहयोग मिलेगा।” 

आगे कहा की जो भी इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता पाया गया उसके खिलाफ उचित धाराओं के तहत कार्रवाई होगी। उस पर जुर्माना लगाने के साथ उसे जेल भी भेजा सकता है। जुर्माना 1 लाख रुपये और सजा 5 साल तक की हो सकती है। अगर बार-बार आदेश की अवहेलना की गई तो हर दिन जुर्माना 5,000 रुपये बढ़ सकता है। हालांकि, दिल्ली में आम लोगों पर जुर्माना 500 रुपये से 2,000 तक हो सकता है।

आपको बता दें की सिंगल यूज प्लास्टिक बैन (Plastic ban) पर मंत्रालय ने एक जुलाई, 2022 से पॉलीस्टीरीन और विस्तारित पॉलीस्टीरीन समेत चिह्नित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए पिछले साल 12 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की थी। इन एसयूपी वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारों, झंडों, कैंडी एवं आइसक्रीम की प्लास्टिक की स्टिक, थर्मोकॉल, प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, छुरी, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण पत्रों एवं सिगरेट के पैकेट की पैकिंग में इस्तेमाल रैपिंग पेपर और 100 माइक्रोन से कम की प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर आदि शामिल हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में राजस्व विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्रमशः 33 और 15 दलों का गठन किया है। दिल्ली में प्रतिदिन 1,060 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। राजधानी में कुल ठोस कचरे का 5.6 प्रतिशत (या 56 किलोग्राम प्रति मीट्रिक टन) एकल उपयोग प्लास्टिक होने का अनुमान है।

इसके अलावा दिल्ली में प्लास्टिक संबंधी शिकायत दर्ज करने के लिए ग्रीन एप्लीकेशन को अपडेट किया गया है। साथ ही दिल्ली सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खात्में में रुकावट बनने वाले कारकों का पता लगाने के लिए अध्ययन करने का फैसला किया है।