गुजरात दंगों पर बोले अमित शाह- PM मोदी 19 साल तक भगवान शंकर की तरह विष पीते रहे, उफ़ तक नहीं की

5 Dariya News

गुजरात दंगों पर बोले अमित शाह- PM मोदी 19 साल तक भगवान शंकर की तरह विष पीते रहे, उफ़ तक नहीं की

Gujrat दंगों से PM Narendra Modi को क्लीन चिट मिलने पर पूरी भाजपा में खुशी की लहर है। गृह मंत्री Amit Shah ने भी अपनी खुशी का इजहार किया है और PM मोदी की खूब तारीफ की है।

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गुजरात 25-Jun-2022

Gujrat दंगों से जुड़े जाकिया जाफरी केस में PM Narendra Modi को क्लीन चिट मिल चुकी है। बीजेपी खेमें में खुशी का माहौल है। क्लीन चिट मिलने के बाद गृह मंत्री Amit Shah ने पहली बार इस पर अपनी राय रखी और या यूं कहें कि चुप्पी तोड़ी है। अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा कि PM मोदी भगवान शंकर की तरह विष पीते रहे। PM मोदी 19 साल तक बिना कुछ बोले सब कुछ सहते रहे, लेकिन उफ़ तक नहीं की।

अमित शाह ने पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतार कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह, चमकता हुआ बाहर आया है तो आनंद होगा ही। मैं PM मोदी को बहुत नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है। इन आरोपों को झेलते हुए देखा है। सब कुछ सत्य होने के बावजूद क्योंकि न्याय प्रक्रिया चालू थी इसलिए हम कुछ नहीं बोलेंगे इस स्टैंड पर कोई मजबूत मन का आदमी ही चल सकता था। 

अमित शाह यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा- न्याय प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो किसी ने कुछ नहीं कहा। 19 साल बाद सुप्रीम कोर्ट खंडपीठ ने सारे आरोप खारिज कर दिए हैं। अदालत की टिप्पणी थी कि कुछ लोगों ने उन आरोपों का राजनीति से प्रेरित होकर लगाया था। इसके पीछ कुछ निहित स्वार्थी तत्व थे। इसके अलावा इस फैसले से BJP पर जो धब्बा लगा था वो भी धुला है। PM मोदी जैसे वैश्विक नेता पर जो गलत आरोप लगाए थे, मैं मानता हूं कि लोकतंत्र के अंदर संविधान का सम्मान कैसे हो सकता है मोदी जी ने इसका आदर्श उदाहरण राजनीति में काम करने वाले सभी लोगों के सामने प्रस्तुत किया है। इससे सभी राजनेताओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।

इस मामले में मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था। देश भर से हमारे कार्यकर्ता वहां आकर PM मोदी के समर्थन में नहीं पहुंच गए थे। हम कानून के साथ सहयोग कर रहे थे। इस मामले में मेरी भी गिरफ्तारी हुई थी। कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं किया गया था। हमने शांति ने अपना बयान दिया और कानून के हर सवाल का जवाब दिया। हमारे एक भी कार्यकर्ता ने किसी प्रकार का कोई बवाल नहीं किया। जब सच इतनी बड़ी लड़ाई के बाद विजयी होकर बाहर आता है तो उसकी चमक सोने से भी ज्यादा होती है।