माता के इस मंदिर में आरती के समय लगती है भालुओं की लाइन.. प्रसाद खाकर वापस चले जाते हैं

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माता के इस मंदिर में आरती के समय लगती है भालुओं की लाइन.. प्रसाद खाकर वापस चले जाते हैं

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छत्तीसगढ़ 24-Jun-2022

छत्तीसगढ़: आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जिसका ज़िक्र शायद ही आपने कभी सुना होगा या कही पढ़ा होगा। भारत में वैसे तो कई चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर है जो अपने आप में काफी प्रसिद्ध है लेकिन आपको बता दें कि भारत के छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अद्भुत मंदिर है जिसे देखकर लोग अचंभित रह जाते हैं। आइए जानें छत्तीसगढ़ के इस अनोखे मंदिर के बारे में जहां माता की आरती के समय देखने को मिलता है एक अनोखा नजारा।

चंडी माता का है ये मंदिर  

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के घुंचापाली गांव में विराजमान है माता चंडी का ये अद्भुत मंदिर जिसकी स्थापना 150 साल पहले की गई थी मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर में स्‍थापित मां चंडी की प्रतिमा स्‍वयंभू है। यहीं नहीं पहाड़ों में स्थित इस मंदिर का निर्माण कई बार किया गया है। इस मंदिर की प्रतिमा पिछले कई सालों से आज के मुकाबले बढ़ती जा रही है।

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जलती है मनोकामना कि जयोति 

इस मंदिर में एक ज्योति कक्ष है जहाँ पर दिन रात ये ज्योति जलती है इसे मनोकामना ज्योति कहा जाता है। माना जाता है कि इस माता के मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालुओं कि हर मनोकामना पूरी होती है।

आरती होते ही लगती है भालुओं की लाइन 

चंडी माता मंदि में जैसे ही शाम की आरती शुरू होती है। वहां पर भालुओं का आना शुरू हो जाता है। पंडित बताते हैं कि पास के जंगल से बहुत से भालू मंदिर में आकर शांति से बैठ जाते हैं। इसके बाद जैसे ही प्रसाद मिलते ही वह प्रसाद लेकर वापस चले जाते हैं। इस बारे में मंदिर के पुजारी बताते हैं की आजतक यहाँ आए  भालुओं ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया है। लेकिन ये भालू आरती के समय कैसे और क्‍यों पहुंच जाते हैं? इस बारे में फिलहाल अभी तक कुछ नहीं कहा जा सका है। बहरहाल पंडित बताते हैं कि ये भालू मां के भक्त हैं और माता की आरती और पूजा में शामिल होने आते हैं।