कौन है बलविंदर सिंह जटाणा? जिसका जिक्र Sidhu Moose Wala ने अपने SYL गाने में किया..

5 Dariya News

कौन है बलविंदर सिंह जटाणा? जिसका जिक्र Sidhu Moose Wala ने अपने SYL गाने में किया..

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23-Jun-2022

Sidhu Moose Wala अकसर आने गानों में 'हजे मुक्या नी' लाइन का इस्तेमाल करते थे। और आज उनके मर जाने के बाद ये बात सच साबित हो रही है। सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, लेकिन सिद्धू जाने के बाद भी काफी गाने ऐसे छोड़ गए हैं जो अभी तक रिलीज नहीं हुए थे। उनमें से एक गाना है SYL. जो कि पिछले कल यानी वीरवार को रिलीज हुआ। रिलीज होते ही इस गाने ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। आधे घंटे के अंदर इस गाने के 1 मिलियन व्यूज हो गए थे। वहीं अब इस गाने को रिलीज हुए करीब 17 घंटे हो चुके हैं, और इस गाने के अब तक 15 मिलियन व्यू हो चुके हैं।

आपको बता दें कि सिद्धू मूसेवाला का ये गाना सतलुज-यमुना लिंक(SYL) नहर पर आधारित है। गाने के जरिए सिद्धू ने नदियों के पानी पर पंजाब के हक का व्याख्यान किया है और ये भी बताया है कि किस प्रकार सिखों को कैद करके जेल में डाला गया था और उन पर जुल्म ढहाए गए थे। इस गाने में सिद्धू मूसेवाला ने Balwinder Singh Jatana का जिक्र किया है। बहुत से लोग ऐसे होंगे जो बलविंदर सिंह जटाणा को शायद नहीं जानते होंगे। सिद्धू मूसेवाला के गाने में  जिक्र होने के बाद सभी जटाणा के बारे में जानना चाहेंगे। तो आइए हम आपको बताते हैं।

सिख कम्युनिटी द्वारा जटाणा को एक हीरो की तरह माना गया है। Sutlej Yamuna Link के विरोध में जटाणा का मुख्य रोल था। जटाणा ने साफ कह दिया था कि वह Sutlej Yamuna Link नहर का पानी हरियाणा  जैसे बाकि राज्यों में नहीं जाने देंगे। वहीं दूसरे शब्दों में कहें तो  बलविंदर सिंह जटाणा खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा से जुड़े थे। जटाना बब्बर की गिनती खालसा मुखी सुखदेव सिंह बब्बर के करीबी दोस्तों में होती थी। इसी वजह से जटाना को पंजाब के मालवा इलाके का लेफ्टिनेंट जनरल बनाया गया। उस समय मालवा क्षेत्र में बब्बर खालसा की गतिविधियां जटाना के कहने पर ही चलती थीं। जटाणा ने 1990 में अपने 3 साथियों के साथ मिलकर चंडीगढ़ में 2 अफसरों की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद अफसर इतने डर गए थे कि कोई भी SYL के काम में हाथ डालने को तैयार नहीं हुआ। जिस वजह से उस वक्त पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक नहर का काम वहीं रुक गया था।

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SYL का मलबत है Satluj-Yamuna-Link Canal, 214 किमी लंबी इस नहर का निर्माण किया जाना था, जिसमें से 122 किमी पंजाब में और 92 किमी हरियाणा में था। इस नहर का उद्देश्य पंजाब के पानी को हरियाणा राज्य के साथ बांटना था। सतलुज-यमुना-लिंक नहर का सुझाव पहली बार 1982 में दिया गया था। लेकिन  शिरोमणि अकाली दल ने नहर निर्माण के विरोध में कपूरी मोर्चा के रूप में आंदोलन छेड़ दिया। ये भी कहा जाता है कि इन्हीं घटनाओं ने आगे ऑपरेशन ब्लू स्टार को जन्म दिया।

अब पुलिस जटाणा की तलाश में जुट गई। 30 नवंबर 1991 को पुलिस जटाणा के घर पहुंच गई। जहां जटाणा तो नहीं मिला लेकिन परिवार हाथ लग गया। दावा किया जाता है कि पुलिस ने जटाणा की दादी द्वारकी कौर, चाची जमशेर कौर, बहन मनप्रीत कौर और 5 साल के भांजे सिमरनजीत सिंह को वहीं गोलियों से भून दिया था। जब पुलिस घर पर पहुंची ये सभी घर पर सो रहे थे। पुलिस ने बिना कुछ कहे ही उनपर गोलियां बरसा दी जिससे सबकी मौके पर ही मौत हो गई।

इसके बाद पुलिस जटाणा की तलाश में जुट गई। जटाणा पर 16 लाख का इनाम घोषित कर दिया गया। इसके बाद 4 सितंबर 1991 को जटाणा अपने साथी चरणजीत सिंह चन्ना के साथ साधुगढ़ गांव की तरफ जा रहे थे। दोपहर के वक्त उन्होंने आगे पुलिस का नाका देखा। जिसके बाद वह बगल में स्थित खेतों से भागने लगे। वहां पुलिस ने उन्हें गोली मारकर एनकाउंटर कर दिया।

पंजाब में नहर के निर्माण को रोकने और पंजाब के नदी के पानी को बचाने के लिए आज भी जटाणा की तारीफ होती है। 23 जुलाई 1990 को चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में SYL नहर निर्माण को लेकर बैठक हुई। उस दौरान बलबीर सिंह फौजी, जगतार सिंह पंजोला और हरमीत सिंह भाऊवाल के साथ बलविंदर सिंह जट्टाना चंडीगढ़ सेक्टर 26 स्थित SYL प्रोजेक्ट के हेड ऑफिस पहुंचे। यह बताया  जाता है कि बलविंदर जटाना अपने कुछ दोस्तों के साथ बिल्डिंग में घुसे और एम.एस. सीकरी व अवतार औलख ( जो इस SYL प्रोजैक्ट के चीफ इंजीनियर थे) की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया।