नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाली 105 साल की ‘उड़नपरी दादी’... 45 सेकंड में पूरी कर ली 100 मीटर रेस
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वडोदरा 22-Jun-2022
Age is just a number ये तो आपने बहुत बार सुना होगा लेकिन हरियाणा के चरखी दादरी की रहने वाली 105 साल की उड़नपरी दादी रामबाई ने नेशनल रिकॉर्ड बनाकर ये साबित कर दिखाया है। दरअसल रामबाई ने 100 मीटर की फर्राटा रेस 45.40 सेकंड में पूरी कर नया रिकॉर्ड बनाया है इससे पहले ये रिकॉर्ड मान कौर के नाम था, जिन्होंने ये रेस 74 सेकंड में पूरी की थी। इस रेस को बेंगलुरु में राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से आयोजित किया गया था। जहाँ इस दादी ने नया नेशनल रिकॉर्ड बनाकर अपने नाम कर लिया और लोगों को साबित कर दिखाया कि उम्र केवल एक संख्या है। इस खास मौके पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने रामबाई को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
खेलों में झंडे गाड़ने की बात हो तो फिर हरियाणवियों की उम्र आड़े नहीं आती फिर चाहे हमारे बच्चे हों, युवा या 100 साल पार के बुज़ुर्ग.
105 वर्ष की आयु में ताई रामबाई जी ने 100 मीटर दौड़ रिकार्ड समय में पूरा कर वडोदरा में प्रदेश का झंडा बुलंद कर दिया।
ताई के जज्बे को सलाम! pic.twitter.com/1GEYVxLhLL
हरियाणा की इस दादी ने इससे पहले भी कई रेस दौड़ी हैं। उन्होंने वडोदरा में हुई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैंम्पियनशिप में 100 मीटर रेस में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। यही नहीं रामबाई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ 100, 200 मीटर दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद में 4 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास बनाया था। रामबाई गांव की सबसे बुजुर्ग महिला है जिन्हें गांव में सब लोग ‘उड़नपरी दादी’ के नाम से बुलाते हैं। उड़नपरी दादी खुद को फिट रखने के लिए रोज़ सुबह 5- 6 किलोमीटर तक की दौड़ लगाती हैं।
उम्र को मानती हैं सिर्फ एक नंबर
रामबाई का जन्म 1 जनवरी, 1917 में गांव कादमा हुआ था। अभी ये 105 साल की हैं। उन्होंने बताया की वे रोज सुबह 4 बजे उठकर खेतों के कच्चे रास्तों पर दौड़ लगाकर प्रैक्टिस करती हैं। उन्होंने अपने इस उपलब्धि से दुनिया को ये साबित कर दिखाया कि उम्र बस एक संख्या है। इसके अलावा रामबाई की 62 साल साल की बेटी संतरा देवी भी रिले रेस में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। राम बाई के 70 साल के पुत्र मुख्तयार सिंह ने 200 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। उनकी बहू भी रिले दौड़ में गोल्ड और 200 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर गांव और प्रदेश का नाम रोशन कर चुकी हैं।
ऐसे रखती है खुद को फिट
गोल्ड मेडलिस्ट ‘उड़नपरी दादी’ ने बताया कि उनके दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे होती है। जिसमें वे 4 से 5 किलोमीटर तक दौड़ लगाती हैं और वो खाने में चूरमा, दही खाती हैं और दूध पीती हैं। इसके अलावा रोज 250 ग्राम घी रोटी या चूरमें के साथ खाती है। इसके अलावा वे रोज घर में काम करती हैं और अपनी प्रैक्टिस के लिए भी पूरा समय निकलती है।