5 Dariya News

रयात बाहरा यूनीवरसिटी की ओर से बायओटैकनालोजी विकास इंजनों पर वैबीनार का आयोजन

5 Dariya News

खरड़ 16-Jun-2022

भारत में नैशनल अकैडमी आफ़ साईंसिज़ में आनरेरी साईंटिसट और पूर्व सीईओ और डायरैकटर सीएसआईआर-इंडियन इंसटीच्यूट आफ़ टौकसीकोलोजी प्रोफ़ैसर पी.के. सेठ ने आज यहाँ बायओटैकनालोजी विकास इंजनों की महाा को उजागर किया॥ वह रयात बाहरा यूनीवरसिटी की तरफ से इंडियन साईंस कांग्रेस ऐसोसीएशन (चंडीगड़ चैपटर) के सहयोग को साथ 'आत्मनिर्भर भारत-ख्ख्ख् के लिए बायओटैकनालोजी ग्रोथ इंजन' पर आयोजित वैबीनार को सबोधन कर रहे थे॥

उन्होंने क हा कि बायओटैकनालौजी विकास इंजन जीव विज्ञान के ज्ञान को  नए, टिकाऊ, वातावरण-कुशल और प्रत्योगी उत्पादों में बदलनेे की प्रकिर्या है। उन्होंने आगे कहा कि बायओ-टैकनालोजी बायओ-इकनामी में एकबढा योगदान डालती रहेगी, जो आर्थिक विकास, रुज़गार, ऊर्जा सपलाई और नई पीढी के समर्थन में ज़रूरी भूमिका निभाती रहेगी।

उन्होंने बायओटैकनालोजी के क्षेत्र में सेहत संभाल और विकास, बायओटैकनालोजी इनोवेशन, बायओटैकनालोजी पारकों, कलस्सटरों और अलग-अलग फंडिंग एजंसियोंं में अलग-अलग बायओप्रोसैस बारे विस्थारमें चर्चा की। यह वैबीनार रयात बाहरा यूनीवरसिटी के चांसलर गुरविन्दर सिंह बाहरा और वाईस-चांसलर डा.परविन्दर सिंह की अगवाई में करवाया गया।

इस सैशन के माहर को पंजाब यूनीवरसिटी के पूर्व वाईस-चांसलर डा.आर.सी.सोबती, जो बायओटैकनालोजी ते क्षेत्र में वढे स्तर पर काम कर रहे हैं, दुआरा पेश किया गया। 

इस दौरान प्रो. वी.पी. कबोज, पूर्व डायरैकटर, सी.डी.आर.आई., जिन्होंने सैशन की प्रधानगी की, ने आपने प्रधानगी भाषण में खुलासा किया कि बायओयूल उदयोग के अंकड़े बायओटैकनालौजी विकास इंजन के क्षेत्र में आगे थे। उन्होंने कहा कि ईथानौल बदलने के साथ खेती की उपज चार गुना बढ सकती है। इस समागम का संचालन डा. सिमरजीत कौर, डीन विद्यार्थी भलाई की ओर से कि या गया।