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हैदराबाद सामूहिक दुष्कर्म मामला: पुलिस हिरासत में तीनों नाबालिग

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हैदराबाद 09-Jun-2022

किशोर न्याय बोर्ड ने गुरुवार को जुबली हिल्स सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन नाबालिगों को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस शुक्रवार से किशोर गृह में आरोपी से पूछताछ करेगी। पूछताछ उनके वकीलों की मौजूदगी में होगी। जुबली हिल्स थाने के जांच अधिकारी नाबालिग आरोपी के बयान दर्ज करेंगे। 

किशोर बोर्ड ने पुलिस अधिकारियों से सादे कपड़ों में किशोरों से पूछताछ करने को कहा है। बोर्ड ने पुलिस की एक याचिका पर हिरासत की अनुमति दी, जो 28 मई की घटना के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करना चाह रही है। किशोर बोर्ड का यह आदेश ऐसे दिन आया है, जब पुलिस ने मामले के एकमात्र मुख्य आरोपी से पूछताछ शुरू की थी। 

शहर की एक अदालत द्वारा सादुद्दीन मलिक को पुलिस हिरासत में दिए जाने के एक दिन बाद जुबली हिल्स पुलिस ने उसे चंचलगुडा केंद्रीय कारागार से अपनी हिरासत में ले लिया। हालांकि पुलिस ने आरोपी की सात दिन की हिरासत मांगी, लेकिन अदालत ने बुधवार को चार दिन की हिरासत मंजूर कर ली। 

एक अज्ञात स्थान पर 18 वषीर्या को ग्रिल किया जा रहा था। जांचकर्ता सनसनीखेज मामले में और जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय आक्रोश फैल गया है। पुलिस मामले में शेष दो किशोरों की हिरासत के लिए किशोर बोर्ड से भी संपर्क कर सकती है। बुधवार को दोनों आरोपियों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। 

पुलिस मामले में सभी किशोरों के मुकदमे की अनुमति देने के लिए किशोर बोर्ड से अपील करने की भी योजना बना रही है। पुलिस आरोपी के नाबालिग होने के कारण कड़ी सजा से बचने की संभावना से इनकार कर रही है। लड़की का यौन शोषण करने वाले पांच आरोपियों में से चार की उम्र 16-17 साल है।

छठा आरोपी जिस पर केवल छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है, वह 18 साल का होने में एक महीने का समय कम है। वह मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के एक विधायक का बेटा है। सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित चार नाबालिगों में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक नेता का बेटा शामिल है। 

नेता सरकार द्वारा संचालित निकाय का अध्यक्ष भी है। दो अन्य को ग्रेटर हैदराबाद और संगारेड्डी में टीआरएस पार्षदों के बेटे बताए जाते हैं। अन्य आरोपी भी राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवारों से हैं। इस बीच, टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने पुलिस के रुख का स्वागत और समर्थन किया है। 

उन्होंने ट्वीट किया, "अगर आप दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध को करने के लिए पर्याप्त वयस्क हैं, तो आपको वयस्क के तौर पर ही दंडित किया जाना चाहिए, न कि किशोर के तौर पर।"पांचों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म), 323 (चोट पहुंचाना), धारा 5 (जी) (बच्चों के खिलाफ सामूहिक तौर पर यौन अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

इसके साथ ही उनके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा भी जोड़ी गई है और अपहरण करने एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत भी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सी. वी. आनंद ने कहा कि आरोपी को कम से कम 20 साल की सजा तो होगी ही और उसे मृत्यु होने तक आजीवन कारावास या यहां तक कि मौत की सजा भी हो सकती है। 

छठा चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विद लॉ (सीसीएल) दुष्कर्म में शामिल नहीं था, लेकिन उसने कार में पीड़िता को चूमा था। इसलिए उस पर आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 323 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 9 (जी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस अपराध के लिए उसे 5-7 साल की कैद की सजा सुनाई जा सकती है।