Nupur Sharma: जानिए कौन है नूपुर शर्मा और कैसी रही इनकी पॉलिटिकल जर्नी

5 Dariya News

Nupur Sharma: जानिए कौन है नूपुर शर्मा और कैसी रही इनकी पॉलिटिकल जर्नी

5 Dariya News

09-Jun-2022

नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) पेशे से एक जानी-मानी नेता और वकील हैं वे इन दिनों वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर चर्चा का एक अहम विषय बन चुकी है। नुपुर शर्मा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। नूपुर शुक्रवार 27 मई को भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर एक TV चैनल की डिबेट में पहुंचीं। बहस के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं।

अगर यही है तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं। नुपुर ने इसके आगे इस्लामी मान्यताओं का जिक्र किया, जिसे कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया और नुपुर पर पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया। जिसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया गया था। हालांकि नूपुर ने इसके बाद सोशल मीडिया ट्विटर कर माफी भी मांगी और कहा कि उनका इरादा किसी का दिल दुखाने का नहीं था।

ये भी पढ़ें:-  पैगंबर पर विवादित बयान देकर बुरी फंसी नुपुर, BJP ने निकाला, बोलीं- शिवजी का अपमान नहीं सह पाई

लेकिन क्या आप जानते है की आख़िरकार इनका सफर राजनितिक के रूप में कैसे शुरू हुआ? तो आपको बता दें की नूपुर को शुरुआत से ही राजनिति में जाना चाहती थी। उन्होंने दिल्ली के लॉ कॉलेज से पढ़ने के बाद आगे की पढ़ाई लंदन से की है। उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

कौन है नूपुर शर्मा?

नूपुर शर्मा का जन्म दिल्ली में हुआ पेशे से एक वकील और एक प्रमुख भाजपा नेता हैं। उनकी पढाई दिल्ली के हिन्दू विश्वविद्यालय से हुई, जिसके बाद 2011 में नूपुर लंदन में पढ़ने चली गई जहाँ उन्होंने स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) से एलएलएम को पूरा किया।नूपुर शर्मा अपने कॉलेज के दिनों से ही राजनीति कार्यो में शामिल रही हैं। लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने जुलाई 2009 से जून 2010 तक टीच फॉर इंडिया के लिए एक राजदूत के रूप में भी काम किया। जिसके बाद उनका रास्ता राजनितिक के लिए साफ़ हो गया था तो आइए जानते है कि उनका आगे का सफर यानि पॉलिटिशियन जर्नी कैसे शुरू हुई।

कैसे शुरू हुई नूपुर कि पॉलिटिकल जर्नी 

नूपुर शर्मा का राजनीतिक करियर 2008 में शुरू हुआ जब उन्हें ऑस्ट्रेलिया-भारत युवा संवाद के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। जिसके बाद उन्होंने अरविंद प्रधान, अरुण जेटली और अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया है। 2015 में, 30 साल की उम्र में, उन्हें 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था लेकिन वह 31,000 मतों से चुनाव हार गईं थी।

ये भी पढ़ें:-  नुपुर के बयान पर अलकायदा की धमकी- हम अपने बच्चों के शरीर में विस्फोटक बांधकर दिल्ली हिला देंगे

2020 में बनीं भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता

बाद में, उन्हें मनोज तिवारी के नेतृत्व में भाजपा की दिल्ली इकाई के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। वहीं 2020 में, उन्हें जे पी नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था। दिल्ली भाजपा की एक नेता के अनुसार, जब वह दिल्ली इकाई का हिस्सा थीं, तब भी उन्हें अक्सर उनके कानूनी कौशल, राष्ट्रीय मुद्दों के अच्छे ज्ञान के कारण राष्ट्रीय मुद्दों पर टीवी बहस के लिए भेजा जाता था। उन्हें युवाओं में सबसे तेजतर्रार महिला के रूप में देखा जाता था, जो टेलीविजन बहसों में नियमित रूप से दिखाई देती थीं।