कानपुर हिंसा के 29 पत्थरबाज गिरफ्तार: अब इन सबके लिए CM योगी का बुलडोजर तैयार

5 Dariya News

कानपुर हिंसा के 29 पत्थरबाज गिरफ्तार: अब इन सबके लिए CM योगी का बुलडोजर तैयार

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कानपुर 06-Jun-2022

कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे और कुछ ही देर में हिंसा भड़क गई थी। इस घटना के बाद सरकार एक्शन मोड में है। किसी को भी बख्शा नहीं जा रहा है। इस हिंसा में उपद्रवियों ने पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया था। हिंसा के दौरान कई पेट्रोल बम फेंके गए थे। जांच के बाद पता चला कि हिंसा से ठीक पहले पेट्रोल पंपों से पेट्रोल खरीदा गया था। इस हिंसा के मामले में अब कानपुर विकास प्राधिकरण को एक पत्र लिखकर उन ऊंची इमारतों पर कार्रवाई की मांग की गई है, जहां से पथराव हुआ था।

संयुक्त पुलिस आयुक्त की तरफ से किसान विकास प्राधिकरण को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि बवाल के दौरान नई सड़क और आस-पास के इलाकों में अवैध रूप से बनी ऊंची इमारतों से पथराव किया गया था। अवैध रूप से बनी ये ऊंची इमारतें सुरक्षा दृष्टि से खतरा हैं। इसलिए इसकी जांच कराई जाई और एक्शन लिया जाए। अब खबर ये भी है कि CM योगी ने इन उपद्रवियों पर बड़े एक्शन का ऑर्डर दिया है। उनके अवैध निमार्ण की जांच हो रही है। इसके बाद अब बुलडोजर चलेगा। कानपुर दंगों में पुलिस ने PFI कनेक्शन की थ्योरी पर मुहर लगा दी है।

साजिश का पूरा खाका और किरदार सामने आने बाकी हैं, लेकिन शुरुआती जांच में पुलिस को जो कुछ सबूत मिले हैं, वो साफ इशारा दे रहे हैं कि साजिश सिर्फ कानपुर में नहीं रची गई बल्कि असल डिजाइन कानपुर के बाहर ही तैयार हुई। कानपुर में हिंसा की साजिश रचने वाले, और हिंसा फैलाने वालों को मिलाकर कुल 29 लोगों को गिरफ्तार किया है,साथ ही जांच की आंच और तेज हुई है। जेपीसी आनंद प्रकाश तिवारी की तरफ से लिखे गए इस पत्र के बाद कहा जा रहा है कि अब इन अवैध इमारतों के खिलाफ भी जल्द ही केडीए बड़ी कार्रवाई कर सकता है। 

अब तक 29 गिरफ्तार

कानपुर हिंसा मामले में अब तक पुलिस ने 36 उपद्रवियों की पहचान कर ली है। पुलिस ने अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें कानपुर हिंसा का मास्‍टरमाइंड जफर हयात हाशमी के अलावा जावेद अहमद खान, मोहम्‍मद राहिल और मोहम्‍मद सुफियान अहम नाम शामिल हैं। जबकि सपा नेता का नाम लिस्‍ट में पांचवें नंबर पर है। इस मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी ने पूछताछ में बताया है कि जानबूझकर 3 जून की तारीख तय की गई थी ताकि देश को संदेश दिया जा सके। उसका कहना था कि वह अपने मकसद में कामयाब रहा है। 

इस बीच ATS की जांच में खुलासा हुआ है कि शहर में बड़ा बवाल करने की साजिश थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। जानकारी के मुताबिक, हिंसा के बाद जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए गए थे कि आसपास के पेट्रोल पंपों की जांच की जाए और यह पता लगाया जाए कि हिंसा के वक्त पेट्रोल बम कहां से आए और किसी पेट्रोल पंप वाले ने खुले में पेट्रोल बेचा है या नहीं। जांच टीम ने आसपास के सीसीटीवी चेक किए तो आशंका सही निकली। यहां खुले में पेट्रोल बेचा गया था। अब सभी पेट्रोल पंप पर कर्रवाई हो रही है।