1990 की तरह जल रहा है कश्मीर, हिंदू बोले- बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते, ना जाने कब गोली लग जाए

5 Dariya News

1990 की तरह जल रहा है कश्मीर, हिंदू बोले- बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते, ना जाने कब गोली लग जाए

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कश्मीर 02-Jun-2022

कश्मीर में हालात फिर बिगड़ते जा रहे हैं। घाटी में टारगेट किलिंग का ये नया दौर है। इसने एक बार फिर से 1990 जैसे माहौल की याद दिला दी है। आतंकी लगातार हिंदूओं को निशाना बना रहे हैं। आज यानी गुरुवार को कुलगाम में एक बैंक में घुसकर मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी। बैंक मैनेजर विजय कुमार राजस्थान के रहने वाले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विजय की चार महीने पहले ही शादी हुई थी। एक महीने पहले ही वह अपनी पत्नी को साथ ले गया था। आतंकी ने पहले बैंक में घुसने का मौका देखा और फिर विजय पर गोली मारकर भाग गया।

विजय कुमार कुलगाम के मोहनपोरा में इलाकी देहाती बैंक में तैनात बैंक मैनेजर थे। गुरुवार सुबह आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। इस हमले का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें दिख रहा है कि एक आतंकी बैंक में दाखिल होता है, कुछ देर बैंक के गेट पर खड़े होकर इंतजार करता है। इसके बाद पिस्टल से विजय को गोली मार देता है। अस्पताल में इलाज के दौरान विजय की मौत हो गई।  निशाने पर कश्मीर में बसने आ रहे कश्मीरी पंडित तो हैं ही, बाहरी मजदूर और वो सब हैं जिन्हें आतंकी अपने दहशत भरे राज के लिए खतरा मानते हैं।

यही वजह है कि 7 दिन पहले 25 मई को कश्मीरी एक्ट्रेस अमरीन भट्ट और 24 मई को पुलिसकर्मी सैफ कादरी की हत्या हो गई। कश्मीर में पिछले साल 8 जून को सरपंच अजय पंडित की हत्या से टारगेट किलिंग का सिलसिला शुरू हुआ था। इसके बाद 5 अक्टूबर को श्रीनगर के केमिस्ट एमएल बिंद्रू की हत्या कर दहशत फैला दी गई। दो दिन के बाद ही यानी 7 अक्टूबर को आतंकियों ने एक स्कूल की प्रिंसिपल सतिंदर कौर और टीचर दीपक चंद की हत्या कर दी। मई में टारगेट किलिंग की 8 घटनाएं सामने आईं। रजनी बाला की हत्या से पहले 12 मई को आतंकियों ने बड़गाम में दफ्तर में घुसकर राजस्व अधिकारी राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी। इस खौफनाक मंजर ने सभी कर्मचारियों को डरा कर रख दिया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एक टीचर बताते हैं, मेरे दो छोटे बच्चे हैं। टारगेट किलिंग का ये दौर देख वो भी सहम गए हैं। मैं ज्यादा कुछ नहीं बताता, लेकिन टीवी देखकर बच्चों को भी अंदाजा हो गया कि कश्मीर हालात ठीक नहीं है।

चुन-चुन कर कश्मीर में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। कभी कश्मीरी पंडित तो कभी सुरक्षाबलों के जवान तो कभी यूपी-बिहार से आने वाले कामगारों को मारा जा रहा है। अब तो बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते वक्त भी डर लगता है कि कहीं से कोई गोली आकर न लग जाए, इसलिए बच्चों को स्कूल से दूर कर दिया है।वो आगे कहते हैं कि हमें तो तबादले का इंतजार है। अपनी अर्जी अफसरों को दी, जो सुनी नहीं गई। फरवरी 2021 में ट्रांसफर लिस्ट आई, लेकिन बाद में उनसे कहा गया कि आदेश निरस्त हो गया है। इंतजार करते-करते 13 साल बीत गए हैं। कश्मीर में काम कर रहे गैर-मुस्लिम कर्मचारी और कश्मीरी पंडित सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा।

अमित शाह और डोभाल करेंगे मीटिंग

कश्‍मीर में टारगेट किलिंग की बढ़ती वारदातों ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। उस पर हालात काबू करने का चौतरफा दबाव है। विपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है। इसी को देखते हुए गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने NSA अजीत डोभाल से मुलाकात की। शुक्रवार को भी इस संबंध में हाई लेवल मीटिंग होनी है। 15 दिन से भी कम समय में यह इस तरह की दूसरी बैठक होगी। इसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा   के अलावा केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी हिस्‍सा लेंगे।