अजमेर के दीवान बोले- यासीन ने कश्मीरियों के हाथ से किताब छीनकर बंदूकें थमाई.. आज उसका हिसाब हुआ

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अजमेर के दीवान बोले- यासीन ने कश्मीरियों के हाथ से किताब छीनकर बंदूकें थमाई.. आज उसका हिसाब हुआ

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अजमेर 26-May-2022

अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा मिलने के बाद तरह तरह के बयान सामने आ रहे है। अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान ने इसे कर्मों की सजा बताया है। अजमेर शरीफ के दीवान जेनुअल आबेदीन ने यासीन मलिक की सजा को बिलकुल जायय बताया है और साफ शब्दों में कहा है कि ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता है। भारत की इसी न्याय व्यवस्था की पूरी दुनिया में तरीफ होती है।  दरगाह के दीवान व आध्यात्मिक प्रमुख सैयद ज़ैनुअल आबेदीन अली खां ने ट्वीट के जरिए जारी बयान में कहा कि यासीन मलिक को पूरी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद उसके अपराधों के लिए दंडित किया जा रहा है।

खां ने लिखा, 'मलिक ने भारत में आतंकवाद को भड़काकर आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। उसने निर्दोष कश्मीरियों के हाथ से किताबें छीनकर उनके हाथ में जबरदस्ती बंदूकें देकर उन्हें आतंकवादी बना दिया।' यासीन को उसके कर्मों की सजा मिली है, यासीन मलिक की सजा से पाकिस्तान का आतंक पसंद चेहरा भी बेनकाब हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कल यानी बुधवार को कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई। अब मलिक ताउम्र जेल में सड़ेगा। आपको ये भी बता दें कि मलिक की सजा के बाद पाकिस्तान में भूचाल आ गया है। इस सजा से पाकिस्तान परेशान है। पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने मलिक के समर्थन में एक ट्वीट में कहा, 'दुनिया को भारत के जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कैदियों के साथ भारत सरकार के दुर्व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए।

प्रमुख कश्मीरी नेता यासीन मलिक को फर्जी आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराना भारत में मानवाधिकार के हनन की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराने का निरर्थक प्रयास है। मोदी सरकार को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए। वहीं पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान ने भी यासीन मलिक की सजा को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। वहीं अदालत के फैसले पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ऐसी चीजों से मसले हल नहीं होंगे, बल्कि इससे हालात और खराब होंगे। महबूबा ने देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर इंसाफ ना मिलने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई जैसे जरूरी मुद्दों पर ध्यान देने की जगह, गुजरात मॉडल लागू किया जा रहा है।