ज्ञानवापी मामला: प्रोफेसर रतन लाल दिल्ली में गिरफ्तार, शिवलिंग के बारे में कही थी आपत्तिजनक बात

5 Dariya News

ज्ञानवापी मामला: प्रोफेसर रतन लाल दिल्ली में गिरफ्तार, शिवलिंग के बारे में कही थी आपत्तिजनक बात

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उत्तर प्रदेश 21-May-2022

कोई भी इंसान लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा उसे इसकी सजा तो भुगतनी होगी। कुछ दिन पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल ने ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके कारण अब उन्हें पुलिस की स्पेसल सेल द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रोफेसर पर आरोप है कि उन्होंने शिवलिंग का मजाक उड़ाया था। बीते मंगलवार को उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी थी जिसके बाद शुक्रवार देर रात उनको गिरफ्तार किया गया। उन्हें दिल्ली के मौरिस नगर से गिरफ्तार किया गया है। अब प्रोफेसर को आज यानी शनिवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है।  

प्रोफेसर की गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली यूनिवर्सिटी में तनाव बढ़ गया है। स्टूडेंट्स धरने पर उतर आए हैं। AISA के कार्यकर्ता डीयू प्रोफेसर की रिहाई की मांग कर रहे हैं। उन्हें तुरंत छोड़ने की अपील की जा रही है। भड़के कार्यकर्ता देर रात ही साइबर सेल के बाहर पहुंच गए है। उनका कहना है प्रोफेसर को वेवजह गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को उनको गिरफ्तार करने का कोई हट नहीं है। उन्होंने ऐसी कोई गलती नहीं की जो उन्हें इस तरह देर रात गिरफ्तार किया जाए।

क्या था पूरा मामला- 

आपको बताते चलें कि कुछ दिन पहले रतन लाल की तरफ से सोशल मीडिया पर शिवलिंग को लेकर एक पोस्ट किया गया था। उन्होंने जो बात ही थी उसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला माना गया है। प्रोफेसर ने कहा था- मैं इतिहास का छात्र हूं और इतिहास का छात्र अपने हिसाब से चलता है। अगर आधा गिलास पानी है तो आप कह सकते आधा भरा हुआ है और आधा खाली है। जो शिवलिंग की बात कही जा रही है वह तोड़ा हुआ नहीं लग रहा है, काटा हुआ लग रहा है। लेकिन उनकी इस सफाई के बावजूद भी सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया।

उन पर आरोप है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को अपमानित किया है।प्रोफेसर की इस पोस्ट के बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई थी। इसलिए उन्होंने अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा भी मांगी थी। उन्होंने AK-56 राइफल का लाइसेंस भी मांगा था। उन्होंने मोदी सरकार से गुजारिश की थी कि उन्हें खतरा है और आत्मरक्षा के लिए उन्हें AK-56 का लाइसेंस चाहिए।  पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को उत्तरी जिला साइबर सेल को प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत मिली थी। आरोप था कि उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में शिवलिंग को लेकर मजाक उड़ाया था। 

क्या कहा था प्रोफेसर ने-

प्रोफेसर रतन लाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंदिर में शिवलिंग है या कुछ और इसके बारे में मौलवी, पंडित या इतिहासकार ही टिप्पणी कर सकते हैं। परिसर से बरामद शिवलिंग ऊपर से कटा हुआ प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि जब इसका निर्माण कराया गया होगा तो इसे चिढ़ाने की नियत से शायद मुस्लिम शासकों ने शिवलिंग को ऊपर से काट दिया, उसका खतना किया। प्रोफेसर के इस बयान से बवाल शुरू हो गया था। उन्हें धमकियां भी मिली।