5 Dariya News

सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी के कई ठिकानों पर की छापेमारी

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20-May-2022

चारा घोटाला मामले में पिछले महीने जमानत पर बाहर आए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। घोटालों से घिरे लालू इस पर रेत डालकर बाहर आने की नाकाम कोशिशों में और भी अधिक उलझते जा रहे हैं। और तो और इस बार सिर्फ लालू ही नहीं, बल्कि उनकी बीवी और बेटी भी अब सीबीआई की कार्रवाई के चपेट में आ गई हैं।

हाल ही में सीबीआई ने रेलवे भर्ती घोटाले के मामले में लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के कई ठिकानों पर छापेमारी की है, जिसके चलते सीबीआई की रेड पटना में 17 जगहों और अन्य ठिकानों पर जारी है। लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए भर्ती घोटाला किया गया था, यह छापेमारी उसी मामले में की जा रही है।

उक्त विषय पर जानकारी देते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने देश के अपने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, कू पर यादव और उनके परिवार को भ्रष्टाचार का परिवार करार दिया है। वे कू करते हुए कहते हैं:

लालू यादव और उनका परिवार 'बिहार में भ्रष्टाचार का प्रतीक'
https://www.aninews.in/news/national/politics/sushil-modi-calls-lalu-yadav-his-family-a-symbol-of-corruption-in-bihar20220520130322/


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Lalu Yadav, his family ’a symbol of corruption in Bihar’ https://www.aninews.in/news/national/politics/sushil-modi-calls-lalu-yadav-his-family-a-symbol-of-corruption-in-bihar20220520130322/ - Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 20 May 2022

राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने भी पोस्ट शेयर किया है, जिसके माध्यम से वे कहते हैं:

लालू यादव के परिवार पर सीबीआई की छापेमारी राजनीतिक द्वेष के तहत की गई है। लोकतंत्र में आवाज़ उठाना सज़ा नहीं है, लेकिन उस आवाज़ को सुनकर की गई गलतियों को सुधारा जा सकता है।

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CBI raid on Lalu Yadav’s family has been done under political malice. Raising your voice in a democracy is not punished, but the mistakes committed by listening to that voice are rectified.
- Rohit agarwal (@rohitagarwal85) 20 May 2022


दरअसल यह कार्रवाई रेलवे भर्ती बोर्ड में हुई गड़बड़ी के मामले में की जा रही है। लालू यादव पर आरोप है कि जब वे केंद्रीय रेल मंत्री थे, तो उन्होंने लोगों को नौकरी देने के लिए उनसे जमीनें ली थीं। रेलवे में नौकरी पाने वाले लोगों के घरों में भी सीबीआई ने छापा मारा है।

पटना में राबड़ी देवी और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से सीबीआई अलग-अलग कमरों में पूछताछ कर रही है। पूछताछ के लिए 3-3 अफसरों की दो टीमें बनाई गई हैं। वहीं दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से सीबीआई के एसपी और डीएसपी स्तर के अफसर पूछताछ में लगे हैं। लालू से भर्ती से जुड़ी फाइलों के बारे में पूरी जानकारी ली जा रही है।

लालू ने कहा- "मेरी तबीयत ठीक नहीं है"

 
छापे के दौरान लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई के अफसरों से कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है आप पहले डॉक्टर को बुला लीजिए। इसके साथ ही 2 वकीलों को भी बुलाया गया। पटना में राबड़ी देवी से पूछताछ के लिए महिला आईपीएस अफसर भी पहुँची हैं।

क्या है पूरा मामला

यह मामला रेलवे भर्ती बोर्ड घोटाले से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच जब लालू रेल मंत्री थे, उस दौरान जॉब लगवाने के बदले में उन्होंने लोगों से जमीन और प्लॉट लिए थे। सीबीआई ने इसी मामले में जाँच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ नया केस दर्ज किया है।

इधर, पटना में सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हँगामा किया। राजद कार्यकताओं ने छापे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसके लिए प्रदर्शन शुरू कर दिया है। छापेमारी की शुरुआत में अफसरों ने लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप को पेड़ के नीचे बैठा दिया था।

चारा घोटाले के डोरंडा ट्रेजरी में 5 साल की हुई थी सज़ा

चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू को 5 साल की सज़ा और 60 लाख रूपए का जुर्माना लगा था। पिछले महीने ही झारखंड हाईकोर्ट से उनको जमानत मिली है। 66 दिन जेल में बिताने के बाद, उन्हें 10 लाख रुपए बॉन्ड के साथ जमानत दी गई है। इसके साथ ही हाई कोर्ट से परमिशन लिए बिना देश छोड़ने और मोबाइल बदलने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

चारा घोटाला मामले पर एक नज़र

चारा घोटाला स्वतन्त्र भारत के बिहार राज्य का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला था, जिसमें पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाल लिए गए थे। सरकारी खजाने की इस चोरी में अन्य कई लोगों के अलावा बिहार के लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र पर भी आरोप लगा था। इस घोटाले के कारण लालू यादव को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा।