पंजाब के पूर्व जेल मंत्री रंधावा बोले- सिद्धू फिक्र मत करना.. मैं जेलों को बहुत बढ़िया बनाया है

5 Dariya News

पंजाब के पूर्व जेल मंत्री रंधावा बोले- सिद्धू फिक्र मत करना.. मैं जेलों को बहुत बढ़िया बनाया है

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19-May-2022

रोडरेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल की सजा सुनाई है। यह रोड रेज का मामला 1988 का है। पहले कोर्ट से नवजोत सिंह सिद्धू को इस मामले में राहत मिल गई थी। लेकिन रोड रेज में जिस शख्स की मौत हुई थी, उसके परिवार ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी। अब इसपर सुनवाई करते हुए आज यानी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। सिद्धू को सजा मिलने के बाद विरोधियों ने चुट्की लेना शुरू कर दिया है। विरोधी ने सिद्धू पर तरह तरह के तंज कस रहे हैं। कांग्रेस के ही सीनियर नेता भी नवजोत सिद्धू पर तंज कसने से गुरेज नहीं कर रहे। चन्नी सरकार में उप मुख्यमंत्री व जेल मंत्री रहे सुखजिदर सिंह रंधावा की ओर से नवजोत सिद्धू के जेल जाने पर दी गई प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

रंधावा ने चुट्की लेते हुए कहा कि - सिद्धू को फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैंने जेलोंको बहुत बढि़या बना दिया है। रंधावा यहीं नहीं रुके, मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिक्रम मजीठिया जेल जा सकते हैं तो सिद्धू क्यों नहीं जा सकता? ये तो आवागमन है। कोर्ट का काम इंसाफ करना है। इस मामले में आखिर पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला है। सिद्धू के जेल जाने से कांग्रेस को पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि सिद्धू के खिलाफ जो मामला है, वह तो कई दशक पुराना मामला है। जब वे क्रिकेट थे और भाजपा में थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिद्धू की सजा की खबर मिलने के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह ने भी तंज कसा है। कैप्टन ने दो शब्द लिखकर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा- अब ठोको ताली। 

ये है रोडरेज मामला-

सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नाम के बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। ये सिर्फ बहसबसाई का झगड़ा नहीं था आरोप है कि दोनों के बीच हाथापाई भी हुई थी। जिसमें सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह सिर में लगा मुक्का ही बताया गया था। इस बाद पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 हजार का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। लेकिन बुजुर्ग के परिजन इस फैसले से खुश नहीं थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद आज यानी गुरुवार को इस पर फैसला आया है।