ज्ञानवापी पर बोलीं रुबीना- अगर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है तो ये जमीन हिंदू भाइयों को मिलनी चाहिए

5 Dariya News

ज्ञानवापी पर बोलीं रुबीना- अगर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है तो ये जमीन हिंदू भाइयों को मिलनी चाहिए

5 Dariya News

उत्तर प्रदेश 18-May-2022

ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद नेताओं की बयानबाजियां शुरू हो गई है। हिंदू पक्ष वाले कह रहे हैं, बाबा जी मिल गए वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है जो हर मस्जिद में होता है। अब अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाली समाजवादी पार्टी की नेता रुबीना खानम ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक नया बयान दिया है। रुबीना ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कहा है कि यदि यह साबित हो जाता है कि वहां पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी तो हमारे कौम को उस जमीन को हिंदू भाइयों को दे देना चाहिए।ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब रुबीना ने इस तरह का बयान दिया हो।

रुबीना ने इससे पहले हिजाब को लेकर भी बयान दिया था कि यदि कोई हमारे हिजाब पर हाथ डालेगा तो उसके हाथ काट दिए जाएंगे। दूसरा बयान रुबीना ने लाउडस्पीकर को लेकर कहा था कि मुसलमान समुदाय को छेड़ने की कोशिश ना करें, अगर ऐसा हुआ तो हम महिलाएं मंदिरों के बाहर बैठकर लाउडस्पीकर पर कुरान का पाठ करेंगे। रुबीना की इस बयान बाजी के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज भी हुआ था। ज्ञानवापी के लेकर रुबीना ने कहा कि आजकल जो यह ज्ञान वापी मस्जिद का मसला चल रहा है, यह मामला बहुत ज्यादा चारों तरफ फैला है कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है वहां प्राचीनकाल में मंदिर था।मैं मानती हूं इस मामले में हिंदू पक्ष जो दावा कर रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्राचीन काल में मंदिर था और किसी शासक ने जबरदस्ती इस मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई थी। अगर यह साबित हो जाता है तो हमारे मुस्लिम समाज, धर्म गुरु, उलेमा को जमीन हिंदू पक्ष को वापस दे देनी चाहिए।

हमारे मुस्लिम समाज को, उलेमाओं को, धर्म गुरुओं को समझना चाहिए कि किसी भी कब्जा की हुई जमीन पर, किसी भी छीनी हुई जमीन पर बल पूर्वक कब्जा किया गया है तो हमारे इस्लाम में वहां पर नमाज पढ़ना हराम है।वहीं रुबीना ने भारत सरकार से मांग की कि इसकी सुप्रीम कोर्ट के जरिए उच्च स्तरीय तरीके से जांच कराई जाए और यह दावा सही निकलता है तो जमीन हिंदू पक्ष को जानी चाहिए और अगर ये दावा गलत निकलता है तो फिर हिंदू पक्ष को शांतिपूर्ण तरीके से यह दावा छोड़ना होगा, और ये जमीन मुसलमानों को मस्जिद के लिए वापस देना चाहिए। आपस में लड़कर कोई फायदा नहीं होगा। कोर्ट का विश्वास होना चाहिए कोर्ट का जो भी फैसला होगा सबको मानना चाहिए।