5 Dariya News

पिछली सरकारों ने अपने निजी फायदों के लिए पंजाब के थर्मल प्लांटों की हालत की बद से बदतर : मलविंदर सिंह कंग

मान सरकार बंद पड़े सभी थर्मल प्लांटों को फिर से कर रही है शुरू, जिससे जल्द होगी बिजली समस्या खत्म: मलविंदर सिंह कंग

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चंडीगढ़ 14-May-2022

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने राज्य में बिजली समस्या के लिए पिछली कांग्रेस और अकाली-भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि रिवायती पार्टियों ने अपने निजी फायदों के लिए पंजाब के बिजली पैदा करने वाले साधनों का इस्तेमाल किया और थर्मल  पावर प्लांट की हालत बद से बदतर कर दी। यही कारण है कि आज पंजाब में बिजली की समस्या उत्पन्न हुई है। इस मौके पर उनके साथ पार्टी प्रवक्ता नील गर्ग और शशि वीर शर्मा भी मौजूद थे।शनिवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कंग ने कहा कि पिछले 108 सालों में इस साल गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिस कारण इस साल अप्रैल और मई महीने में 40 से 45 प्रतिशत बिजली की मांग बढ़ी गई है, जोकि औसतन 10900 मेगावाट है। जबकि पिछले साल इन दोनों महीनों में बिजली की खप्त 6500 मेगावाट की थी। कंग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और ऊर्जा मंत्री पंजाब में बिजली की मांग पूरी करने लिए दिन रात काम कर रहे हैं और लगातार योजनाएं बना रहे हैं। पंजाब में आने वाले समय में बिजली की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि धान की बिजाई के सीजन में बिजली की खप्त हर साल बढ़ जाती है, लेकिन मैं (मलविंदर कंग) आवश्स्त करना चाहता हूं कि किसानों को धान की फसल के लिए बिजली की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री इस पूरे मामले को लेकर बेहद गंभीर है और वह खुद नजर बनाए हुए हैं।

कंग ने कहा कि आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने बठिंडा के 4 और रोपड़ के 2 थर्मल प्लांट बंद करवा कर पंजाब में बिजली पैदा करने के स्रोत खत्म कर दिए। जबकि इन प्लांटों से 800 मेगावाट बिजली उत्पन्न होती थी। जिसका खामियाजा अब पंजाब की जनता को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुद्रा थर्मल प्लांट जिससे पंजाब समेत पांच राज्यों को बिजली मिलती थी वह भी वर्ष 2018 से बंद पड़ा है। इस थर्मल प्लांट से पंजाब को 475 मेगावाट बिजली मिलती थी जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दिया था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पछवाड़ा में कोयले की खदान जोकि पंजाब को 2001 में अलॉट हुई थी 2015 से किसी भी सरकार ने चलाने की कोशिश नहीं की। कंग ने कहा कि इस खदान से सालाना 70 लाख मीट्रिक टन कोयला मिलता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खदान को दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है। जून के आखिरी हफ्ते तक इस खदान में काम शुरू हो जाएगा। खदान के शुरू होने के उपरांत पंजाब को सस्ता कोयला  मिलेगा और सरकार को 500 से 600 करोड़ रुपए की बचत भी होगी।उन्होंने कहा कि मान सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। सरकार की सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया के साथ बात चल रही है। पंजाब को आगामी समय में क्लीन और ग्रीन ऊर्जा मिलने के साथ-साथ भविष्य में पंजाब की जनता को बिजली की समस्या का सामना नहीं करना पडेगा।