सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर लगाई रोक: राहुल गांधी बोले- सच बोलना ही सबसे बड़ी देशभक्ति है

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सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर लगाई रोक: राहुल गांधी बोले- सच बोलना ही सबसे बड़ी देशभक्ति है

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नई दिल्ली 11-May-2022

देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अब कोई नई FIR दर्ज नहीं की जाएगी। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने 1870 में बने यानी 152 साल पुराने राजद्रोह कानून  पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जो लंबित मामले हैं उनपर यथास्थिति रखी जाए। जिनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मुकदमे चल रहे हैं और वो इसी आरोप में जेल में बंद हैं वो जमानत के लिए सभी अदालतों में अर्जी दाखिल कर सकते हैं।वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजद्रोह कानून पर रोक से संबंधित खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं। सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह  नहीं, सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है।

डरो मत! राहुल का यह ट्वीट खूब वायरल हो रहा है और इस पर काफी प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील रखते हुए वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से मांग रखी थी कि राजद्रोह कानून पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। तमाम दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने राजद्रोह कानून के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सर्वोपरि है। इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है।  जिनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मुकदमें चल रहे हैं और वो इसी आरोप में जेल में बंद हैं वो जमानत के लिए किसी भी अदालत में अर्जी दाखिल कर सकते हैं। क्योंकि केंद्र सरकार ने इस कानून पर पुनर्विचार के लिए कहा है, लिहाजा कोर्ट ने कहा है कि जब तक पुनर्विचार नहीं हो जाता तब तक इस कानून के तहत कोई केस नहीं होगा। 

जानिए क्या है राजद्रोह कानून-

IPC की धारा 124ए में राजद्रोह को परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है, ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ IPC की धारा 124ए में राजद्रोह का मामला दर्ज हो सकता है। इसके अलावा अगर कोई शख्स देश विरोधी संगठन के खिलाफ अनजाने में भी संबंध रखता है या किसी भी प्रकार से सहयोग करता है तो वह भी राजद्रोह के दायरे में आता है।