आज मुसलमान डरा हुआ है.. PAK मेरा दोस्त नहीं, मैं चाहता हूं भारत में सब ठीक हो जाए: उमर अब्दुल्ला

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आज मुसलमान डरा हुआ है.. PAK मेरा दोस्त नहीं, मैं चाहता हूं भारत में सब ठीक हो जाए: उमर अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उमर का कहना है कि रमजान के दौरान इतनी बिजली कटौती हो रही है, ये जानबूझकर किया जा रहा है।

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दिल्ली 30-Apr-2022

महबूबा मुफ्ती हो या फिर उमर अब्दुल्ला दोनों केंद्र सरकार को घेरने का कौई मौका नहीं छोड़ते। एक तरफ महबूबा मुफ्ती केंद्र सरकार पर बरसी हैं वहीं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उमर का कहना है कि रमजान के दौरान इतनी बिजली कटौती हो रही है, ये जानबूझकर किया जा रहा है। 

उमर अब्दुल्ला ने बिजली कटौती के अलावा कई और अहम मुद्दे उठाए।  ABP को दिए इंटरव्यू में उमर ने कहा कि, रमजान के इस पाक महीने में जरूरी वक्त पर बिजली न काटी जाए। मान लीजिए दिनभर बिजली रहती है, लेकिन सहरी और इफ्तारी के दौरान ही बिजली कैसे गुल हो जाती है। ये अभी तक हम नहीं समझ पा रहे हैं।

उमर ने कहा आज भारत का हर मुसलमान डरा हुआ है। कश्मीर में हम बहुसंख्यक हैं इसलिए माहौल थोड़ा ठीक है। पाकिस्तान मेरा दोस्त नहीं है। मैं अपने देश के लिए बात करता हूं। मुझे दिक्कत अपने देश के लोगों को हो रही तकलीफ से है। मैं चाहता हूं कि जो यहां हैं वो ठीक से रहें। जहांगीरपुरी में हिंदू-मुसलमान के बीच दंगे हुए। लेकिन अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई सिर्फ जहांगीरपुरी में ही हुई। क्या दिल्ली में सिर्फ यहीं पर अवैध अतिक्रमण हैं। मस्जिदों के पास से जुलूस निकलता है तो ये कहा जाता है कि इस देश में रहना है तो जयश्रीराम कहना है। देश में केवल मुसलमानों को ही निशाना बनाया जा रहा है।

केंद्र सरकार को जो करना है करे। हिंदुओं के लिए काम करे, इससे हमें कोई परेशानी नहीं है। राम मंदिर बनाने की इजाजत कोर्ट ने दी, उस पर हमने कभी कोई हल्ला नहीं मचाया। लेकिन पीएम को सबको साथ लेकर चलना होगा। नवरात्र में मीट की दुकान बंद करा दी जाती हैं, ऐसा क्यों। अगर बहुसंख्यक का ध्यान रखकर ऐसा हो रहा है, तो कश्मीर में हम भी बहुसंख्यक हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते। हमारा रोजा चल रहा है, लेकिन अब भी टूरिस्ट के लिए कश्मीर में सबकुछ खुला है।

हमें जानबूझकर छेड़ा जा रहा है। हमारे जज्बातों से खेलकर हमें दबाया जा रहा है। जब PM मोदी कहते हैं कि वह सबके प्रधानमंत्री हैं, किसी खास धर्म के नहीं, तो फिर हमारे जज्बातों की कद्र क्यों नहीं। मैं सरकार से उम्मीद रखता हूं कि हमारे जज्बातों की कद्र हो। हमारे डर को देखा जाए और उसका हल निकाला जाए।