जगद्गगुरु परमहंसाचार्य को ताजमहल में प्रवेश करने से रोका, बोले-भगवा कपड़ों की वजह से मुझे लौटाया

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जगद्गगुरु परमहंसाचार्य को ताजमहल में प्रवेश करने से रोका, बोले-भगवा कपड़ों की वजह से मुझे लौटाया

जगतगुरु ने आरोप लगाया है कि भगवा कपड़े पहनने और धर्मदंड के कारण उन्हें तजमहल में अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। बात केवल यहीं नहीं रुकी। जगद्गुरु ने ये भी अरोप लगाया है कि उनके शिष्यों को पुलिसकर्मियों ने धक्के मारे और ताजमहल परिसर से बाहर निकाला।

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आगरा 27-Apr-2022

आगरा में एक और विवाद तूल पकड़ चुका है।  जगद्गुरु परमहंस आचार्य को आगरा के ताजमहल में प्रवेश नहीं करने दिया गया। जगद्गुरु परमहंस आचार्य अयोध्या से ताजमहल गए थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि भगवा कपड़े पहनने और धर्मदंड के कारण उन्हें तजमहल में अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। बात केवल यहीं नहीं रुकी। जगद्गुरु ने ये भी अरोप लगाया है कि उनके शिष्यों को पुलिसकर्मियों ने धक्के मारे और ताजमहल परिसर से बाहर निकाला। यह भगवा का मजाक बनाया जा रहा है मैं इस मामले की शिकायत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करूंगा। इस पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।

 हालांकि, अफसरों का दावा है कि जगद्गुरु को लोहे का ब्रह्मदंड अंदर ले जाने से मना किया गया था। विवाद बढ़ने पर अफसरों ने माफी भी मांग ली है। अफसरों का कहना था कि हमनें भगवा कपड़ों के कारण उन्हें नहीं रोका। हमने तो सिर्फ इतना कहा था कि लोहे का ब्रह्मदंड अंदर नहीं लिया जा सकता। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि परमहंसाचार्च का कहना है कि वे ताजमहल में दबा शिवलिंग देखने पहुंचे थे। शाम 5.35 बजे वो अपने शिष्यों के साथ ताजमहल में प्रवेश करने लगे तो वहां मौजूद CISF जवानों ने उन्हें रोक दिया। उनके भगवा कपड़ों और लोहे के ब्रहमदंड को लेकर आपत्ति की गई।

आचार्य का दावा- 

परमहंसाचार्य ने बताया कि अलीगढ़ के एक भक्त परिवार में एक महिला की तबीयत खराब थी। जिन्हें आशीर्वाद देने के लिए वो अलीगढ़ तक आए थे। फिर वो अपने 3 शिष्यों के साथ आगरा पहुंचे। यहां ताजमहल देखना था। उनके साथ सरकारी गनर भी मौजूद था। श्मशान घाट चौराहे से वो ताजमहल के लिए निकले थे। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनका परिचय जानकर गोल्फ कार्ट में बैठाकर पश्चिमी गेट तक भेज दिया।

परमहंसचार्य ने बताया कि मथुरा, अयोध्या और काशी पर जहां मोबाइल ले जाना भी मना है, वहां भी ब्रह्मदंड को कभी किसी ने नहीं रोका। ब्रह्मदंड लोहे का नहीं लकड़ी का होता है। इसके साथ ही भगवा के कारण अंदर जाने से रोकना चिंताजनक है।

आचार्य के गंभीर आरोप-

परमहंसचार्य ने आगे बताया कि वहां खड़े एक दक्षिण भारतीय पर्यटक ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि आपके दाढ़ी है। टोपी लगा लेते तो काम हो जाता। भगवा पहनकर आए ही क्यों हो? परमहंसचार्य के शिष्य परमहंस ने बताया कि हमें गेट पर कहा गया था कि योगी जी को भी भगवा पहनने पर रोका गया था। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

ये पहला विवाद नहीं- 

भारत में हिन्दू राष्ट्र घोषित करने, ईसाई और मुसलमानों की नागरिकता रद्द करने की मांग को लेकर परमहंसाचार्य ने जल समाधि लेने का ऐलान किया था। हालांकि, उन्हें पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया था और वे जल समाधि नहीं ले सके थे। इस तरह के कईं विवादों से परमहंसाचार्य का बहुत पुराना नाता रहा है।