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हार्दिक पटेल ने ओढ़ लिया भगवा गमछा... बायो से कांग्रेस का नाम गायब

पाटीदार आंदोलन से उभर कर सामने आए युवा नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस से नाखुश नजर आ रहे हैं और बीजेपी के राग गा रहे हैं।

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गुजरात 25-Apr-2022

2014 के बाद से कांग्रेस पार्टी उठ नहीं पा रही है। पार्टी इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। चुनाव हारना तो जैसे कांग्रेस के लिए आम बात हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी से एक के बाद एक दिग्गज नेता दूर भागते जा रहे हैं। पार्टी आलाकमान नेताओं को एकजुट रखने पूरी तरह नाकाम साबित हो चुकी है। वहीं खबर आ रही है कि  पाटीदार आंदोलन से उभर कर सामने आए युवा नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस से नाखुश नजर आ रहे हैं और बीजेपी के राग गा रहे हैं।  इस साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव है, इसलिए इस बात की चर्चा काफी तेज हो चुकी है।

हार्दिक पटेल गुजरात में पाटीदार समुदाय के प्रभावशाली और युवा नेता हैं। पार्टी ने उन्हें यूं तो गुजरात का कार्यकारी अध्यक्ष बना रखा है। बताया जाता है कि वह पिछले एक वर्ष से पार्टी की कार्य प्रणाली को लेकर नाराज चल रहे हैं। हार्दिक सार्वजनिक रूप से कई बार अपनी नाराजगी जता चुके हैं। पिछले दिनों तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि उनके विकल्प खुले हुए हैं। हार्दिक के इस बयान का मतलब भाजपा में जाने की संभावना के तौर पर निकाला जाने लगा था। हालांकि, दूसरे ही दिन हार्दिक ने ट्वीट करके साफ किया कि वह किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। हालांकि, पार्टी से उनकी नाराजगी अब भी कायम है।  

हार्दिक पटेल के भाजपा के आने के कयास लगाए जा रहे हैं। वॉट्सऐप पर लगाई गई उनकी नई फोटो से लग रहे कयास और मजबूत हो गए है। वॉट्सऐप की नई DP में हार्दिक पटेल भगवा गमछा पहने दिख रहे हैं। वहीं हार्दिक पटेल ने वॉट्सऐप और टेलीग्राम की DP भी बदली है।

इसलिए कांग्रेस से नाराज है हार्दिक

हार्दिक पटेल का आरोप है कि पार्टी में शामिल होने के  3 वर्ष बाद उन पर विश्वास नहीं किया जाता है। यहां वजह है कि पार्टी ज्वाइन करने के 3 साल बाद आज तक उन्हें गुजरात कांग्रेस की फैसले लेने की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता है। उन्होंने आंकड़ा देते हुए बताया कि मार्च में प्रदेश कांग्रेस ने 75 महासचिव और 25 उपाध्यक्ष नियुक्त किए थे। हार्दिक का आरोप है कि इस दौरान उनसे चर्चा तक नहीं की गई। इसके अलावा, हार्दिक ने राज्य में पिछले वर्ष हुए निकाय चुनावों के टिकट वितरण में भी अनदेखी का आरोप लगाया था। ब

हार्दिक का कहना है कि बार-बार पार्टी हाईकमान से गुहार के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। पार्टी हाईकमान और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने पर आश्वासन मिलता रहा कि कुछ अच्छा किया जाएगा,। बाकायदा कहा गया कि आपको आपकी जगह मिलेगी, लेकिन हार्दिक का इस बात से नाराज है कि पिछले एक साल में सिवाय अध्यक्ष बदलने के पार्टी में कुछ नहीं बदला है।

पार्टी ने पैसा नहीं दिया, चुनाव में अपनी जेब से खर्च किया

पार्टी से नाराज चल रहे हार्दिक पटेल का दावा है कि  2021 के स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी उन्होंने चुनाव प्रचार की रूपरेखा बनाने से लेकर उसे अमल कराने तक का जिम्मा खुद उठाया था। हार्दिक का दावा है कि इस दौरान उसने न केवल पाटीदार बहुल इलाकों में, बल्कि अहमदाबाद जैसे क्षेत्रों में भी प्रचार किया, लेकिन पार्टी ने कोई खर्चा नहीं दिया।