Amway India पर ED पर बड़ी कारवाई जब्त की 757 करोड़ की संपत्ति, जानिए क्या है पूरा मामला

5 Dariya News

Amway India पर ED पर बड़ी कारवाई जब्त की 757 करोड़ की संपत्ति, जानिए क्या है पूरा मामला

Amway India-ED News: ईडी द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की जांच का खुलासा किया गया एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में पिरामिड फ्रॉड (Pyramid Fraud) चला रहा था ।

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नई दिल्ली 19-Apr-2022

मल्टीलेवल नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी एमवे इंडिया (Amway India) को तगड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एमवे इंडिया की 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। सूत्रों द्वारा जानकारी के अनुसार एमवे इंडिया पर मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कैम (Multi-Level Marketing Scam) चलाने का आरोप लगा है। ईडी ने एमवे की 411.83 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कीया  है। यही नहीं इसके अलावा 36 विभिन्न खातों से 345.94 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ईडी की कार्रवाई में एमवे इंडिया की तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में जमीन, फैक्ट्री, प्लांट्स व मशीनरी, वाहन, बैंक खाते और एफडी आदि शामिल हैं।


ये है आरोप 

 

ईडी द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की जांच की जिससे पता चला की एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में पिरामिड फ्रॉड (Pyramid Fraud) चला रहा था । जीसे यह खुलासा हुआ की एमवे के प्रोडक्ट की कीमत बाजार में मौजूद दूसरे प्रोडक्ट्स से बहुत ज्यादा है।  वास्तविक जानकारी जाने बिना, आम आदमी कंपनी के सदस्यों के रूप में शामिल होने और अत्यधिक कीमतों पर उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित होता है और इस प्रकार वह अपनी मेहनत की कमाई खो देता है। 


प्रोडक्ट के चकर में चढ़ा था अमीर बनने का चस्का


इस पिरामिड में लोग प्रोडक्ट प्रयोग करने के लिए नहीं बल्कि जल्द अमीर बनने के लिए शामिल होते हैं। वास्तविकता यह है कि पुराने सदस्यों द्वारा प्राप्त कमीशन उत्पादों की कीमतों में वृद्धि में बहुत बड़ा योगदान देता है। यह देखा गया है कि कंपनी ने साल 2002-03 से 2021-22 तक अपने कारोबार से 27562 करोड़ रुपये इकट्ठे किये हैं। कंपनी ने इसमें से 7588 करोड़ रुपये का कमीशन भारत और अमेरिका में अपने सदस्यों और डिस्ट्रीब्यूटर्स को दिया है। 


इस पुरे मामले में क्या बयान दिया एमवे इंडिया ने 



एमवे इंडिया की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, 'अधिकारियों की कार्रवाई 2011 की जांच के संबंध में है और तब से हम विभाग के साथ सहयोग कर रहे हैं। 2011 से समय-समय पर मांगी गई सभी सूचनाओं को साझा किया गया है। हम संबंधित सरकारी अधिकारियों और लॉ अधिकारियों के साथ मौजूदा मुद्दों के निष्पक्ष, कानूनी और तार्किक निष्कर्ष की दिशा में सहयोग करना जारी रखेंगे। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (डायरेक्ट सेलिंग) नियम, 2021 के तहत डायरेक्ट सेलिंग के हालिया समावेश ने उद्योग के लिए बहुत जरूरी कानूनी और नियामकीय स्पष्टता ला दी है। फिर भी हम एमवे इंडिया की ओर से भारत में सभी कानूनों और प्रावधानों के शब्दों व भावनाओं के अनुपालन को दोहराते हैं। एमवे के पास उच्चतम स्तर की ईमानदारी, अखंडता, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और उपभोक्ता संरक्षण को बनाए रखने का एक समृद्ध इतिहास है, जो बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं के हित में समय से बहुत आगे है। चूंकि मामला विचाराधीन है, इसलिए हम आगे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।'