INS Vagsheer: भारत ने अपने दुश्मन देशों की नींदे उड़ाने के लिए तैयार की सबसे ख़तरनाक पनडुब्बी INS वागशीर

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INS Vagsheer: भारत ने अपने दुश्मन देशों की नींदे उड़ाने के लिए तैयार की सबसे ख़तरनाक पनडुब्बी INS वागशीर

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नई दिल्ली 15-Apr-2022

भारतीय नौसेना की पांचवीं कलवरी क्लास की डीजल इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन INS Vagsheer को गुरुवार को मुंबई के मझगांव डॉक पर लॉन्च किया गया।हिंदुस्तान के दुश्मन देशों को मात देने के लिए प्रोजेक्ट 75 के तहत बनाई गई अबतक की सबसे आधुनिक सबमरीन्स में से एक INS वागशीर है जो भारतीय नौसेना के जंग के मैदान में जल्द ही शामिल होने वाला है। आइये इस ख़बर को विस्तार से जानते हैं की आखिर इस सबमरीन की क्या खासियत है और इसे क्यों सायलेंट किलर कहा जाता है।


पनडुब्बी का डिज़ाइन 


गुरुवार को लॉन्च किया गया भारतीय नौसेना जहाज (आईएनएस) वागीर, मुंबई में सार्वजनिक क्षेत्र के शिपबिल्डर मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा बनाई जा रही छह कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों में से पांचवीं है। यह कलवरी क्लास की डिजल इलेक्ट्रिक सबमरीन है। इस सबमरीन के डिजाइन की बात करें तो इसकी लंबाई लगभग 221 फिट है और ये करीब 40 फिट उंची है। इस सबमरीन में 360 बैटरी सेल्स लगाएं गए हैं। इस सबमरीन के 40 फिसदी से ज्यादा हिस्से को आत्मनिर्भर भारत के नजरिये से बनाया गया है। 

क्लास  के अन्य जहाज़ आईएनएस कलवरी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज, आईएनएस वेला और आईएनएस वाग्शीर हैं। इनमें से कलवरी और खंडेरी को 2017 और 2019 में, वेला और करंज को चालू किया गया है और समुद्री परीक्षणों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, वागीर को अब लॉन्च किया गया है। आज लॉन्च होने के बाद, वागीर विभिन्न उपकरणों के काम करने की सेटिंग और हार्बर एक्सेप्टेंस ट्रायल के साथ शुरू किया जायेगा जिसमें चालक दल बाद में समुद्री सही परीक्षणों के लिए पनडुब्बी को रवाना करेगा जिसके बाद पनडुब्बी को नौसेना को सौंप दिया जाएगा।


क्या है इस पनडुब्बी की रफ्तार


इस पनडुब्बी की रफ़्तार की बात करें तो यह पानी की सतह पर करीब 20 KM प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। जबकि पानी के अंदर ये सायलेंट किलर की रफ्तार करीब 37 KM प्रति घंटे होती है। इस पनडुब्बी की सबसे खास बात यह है की यह समुद्र के अंदर लगभग 350 फीट तक की गहराई में जाकर दुश्मन को ठिकाने लगा सकती है और चुपचाप समुद्र के अंदर 50 दिनों तक रहकर दुश्मनों पर नज़र रख सकते हैं। इसलिए इसे साइलेंट कीलर कहा जाता है।


दुश्मनों के लिए क्यों खरनाक है ये  INS वागशीर?


आपको बता दे की दुश्मनों के लिए आखिर क्यों है ये इतनी घातक इस सबमरीन में ऐसे हथियार लगे हुए हैं जो दुश्मनों का खात्मा आसानी से कर सकती है। इस सबमरीन में 533 MM के 6 टॉरपीडोस ट्युब्स हैं। यह किसी भी बड़े ऑपरेशन के दौरान ये सायलेंट किलर अपने साथ 18 टॉरपीडोस या फिर SM39 एंटी शीप मिसाइल ले जा सकती है। यह दुश्मनों की सबमरीन्स, वॉरशिप को नष्ट करने के लिए समुद्र में माइन्स बिछाने की ख़ासियत भी वागशीर में है।यह एक साथ करीब 30 माइन्स INS वागशीर को बिछा सकती है। 


पनडुब्बी के अंदर जवानों की जिंदगी 

इस पनडुब्बी में एक समय पर लगभग एक वक्त में 6 अधिकारी और 35 सेलर तैनात किए जा सकते हैं। इस में काम करने वाले जवानों को 3 -3 घंटो की ड्यूटी करनी होती है और 6 घंटे की ब्रेक करते हैं। इसमें जवानों को रेस्ट करने के लिए छोटे-छोटे कंपार्टमेंट बनाये जाते हैं इन सबमरीन में जगह थोड़ी कम होती है इसलिए उन्हें कई बातों का ख़्याल रखना पड़ता है जैसे वो किचन में खाना पकाते समय दाल या सब्ज़ी को छौंका नहीं लगा सकते क्योंकी उसमें धुआँ बाहर निकालने का कोई साधन नहीं है । 

बता दें की इस 20 अप्रैल को INS वागशीर का जलांतरण होने वाला है जिसके बाद इसका सी-ट्रायल किया जाएगा।  सूत्रों और रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है की इसे मार्च 2024 को भारतीय नौसेना को सौंप देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।