5 Dariya News

बढ़त के साथ शेयर बाजार ने किया नये वित्त वर्ष का आगाज

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मुम्बई 01-Apr-2022

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी गिरावट के बीच मिले मजबूत वैश्विक संकेतों से घरेलू शेयर बाजार ने नये वित्त वर्ष की शुरूआत शुक्रवार को तेजी के साथ की। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.21 प्रतिशत यानी 708.18 अंक की तेजी में 59,276.69 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1.18 प्रतिशत यानी 205.70 अंक की बढ़त में 17,670.45 अंक पर बंद हुआ। बीएसई के सभी समूहों में लिवाली का जोर रहा और सर्वाधिक निवेश यूटिलिटीज, तेल एवं गैस तथा बिजली समूह की कंपनियों में देखा गया। बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह निवेशक छोटी और मंझोली कंपनियों पर भी मेहरबान रहे। बीएसई में कुल 3,501 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2,680 में तेजी, 724 में गिरावट रही, जबकि 97 कंपनियों के शेयरों के दाम दिन भर की उठापटक के बाद अपरिवर्तित बंद हुये। 

सेंसेक्स की 50 में से पांच कंपनियां लाल निशान में और शेष 25 हरे निशान में रहीं। सेंसेक्स में सबसे अधिक नुकसान टेक महिंद्रा, सन फार्मा, डॉ रेड्डीज, टाइटन और इंफोसिस को उठाना पड़ा, जबकि एनटीपीसी, पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी में सबसे अधिक निवेश देखा गया। निफ्टी में 50 में से 40 कंपनियों में तेजी रही और नौ कंपनियों के शेयरों के दाम लुढ़के, जबकि एक कंपनी के शेयर के दाम अपरिवर्तित बंद हुये। निफ्टी में सबसे अधिक घाटा हीरो मोटाकॉर्प को उठाना पड़ा। आईटी के खुलासे के कारण कंपनी के शेयरों के दाम दो फीसदी से अधिक लुढ़क गये। इसके अलावा टेक महिंद्रा, डिवी लैब, एसबीआई लाइफ और डॉ रेड्डीज में भी गिरावट रही। निफ्टी में सबसे अधिक फायदे में एनटीपीसी रही। इसके अलावा बीपीसीएल, पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक और एचडीएफसी के शेयरों के दाम भी तेजी में रहे। 

विश्लेषकों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये लगाये गये प्रतिबंधों को हटाये जाने से भी कारोबारी धारणा मजबूत हुई है। कंपनियों के तिमाही परिणाम भी बाजार में सकारात्मकता बनाये हुये हैं। इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की अगले छह माह तक हर दिन 10 लाख बैरल तेल रिलीज करने की घोषणा से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लुढ़क गये। भारत कच्चे तेल का बहुत बड़ा आयातक है और इसी कारण इसकी कीमतों का सीधा असर शेयर बाजार पर दिखता है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 23 की शुरूआत शेयर बाजार ने तेजी के साथ की है। कारोबार सुस्ती पर शुरू हुआ था लेकिन वैश्विक बाजारों ने इसकी चाल बदल दी। सर्वाधिक लिवाली बैंकिंग, बिजली और रिएल्टी क्षेत्र में हुई।