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सामाजिक बदलाव में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण : आशुतोष गर्ग

अटल सदन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जिला स्तरीय समारोह आयोजित

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कुल्लू 08-Mar-2022

सामाजिक बदलाव में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। महिला को परिवार में पुरूष के बराबर निर्णय लेने का अधिकार हो इसके लिये महिला का आर्थिक तौर पर स्वाबलंबी होना जरूरी है। यह बात उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने अटल सदन कुल्लू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के जिला स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। कार्यक्रम में मनीषा सूद, बविता ठाकुर, रूकमणी जोशी सहित बड़ी संख्या में जिला के विभिन्न भागों से आई महिलाएं मौजूद रहीं।उपायुक्त ने इस अवसर पर नारी शक्ति को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वैसे तो हर दिन महिलाओं के लिए खास होना चाहिए, लेकिन आज इस दिवस को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, समाज के हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित बनाना तथा उनके योगदान का स्मरण करना है। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन दुनियाभर में महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है। 1917 में युद्ध के दौरान आज के दिन रूसी महिलाओं ने खाना और शांति के लिए पहली बार आवाज उठाई थी। महिलाओं के प्रति किसी भी तरह के भेदभाव को दूर करने के लिए कानूनी प्रणाली एवं सामुदायिक प्रक्रिया विकसित करना तथा समाज में महिलाओं के प्रति व्यवहार में बदलाव लाने के लिए महिलाओं और पुरुषों को समाज में बराबर भागीदारी निभाने को बढ़ावा देने पर आज विशेष चिंतन किया जाना चाहिए।

आशुतोष गर्ग ने कहा कि कोई भी राष्ट्र तब तक उन्नति नहीं कर सकता जब तक महिलाएं सशक्त न हो। महिलाओं को देश के सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक जीवन में बराबर की भागीदार बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा समाज का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जो महिलाओं की पहुंच से बाहर हो। महिलाओं ने आज हिमालय पर्वत से लेकर स्पेस तक अपना वर्चस्व स्थापित किया है। उन्होंने कहा पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है जिससे आज कई महिलाएं ऊर्जावान नेतृत्व से अपने स्थानीय परिवेश में आशातीत परिवर्तन ला रही हैं। घर के चौके-चूल्हे से बाहर, व्यवसाय हो, साहित्य जगत हो, प्रशासनिक सेवा हो, विदेश सेवा हो, पुलिस विभाग हो या हवाई सेवा हो या फिर खेल का मैदान हो, महिलाओं ने सफलता का परचम हर जगह लहराया है।उपायुक्त ने कहा कि ग्राम पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों की स्थापना करने की पहल कुल्लू जिला से की है। गांव के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तेयारी करने के लिये अब शहर में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने महिला पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह रहेगा कि अपनी पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों की स्थापना करने के लिये आगे आएं। अनेक प्रधानों ने अपनी पंचायतों में ज्ञान केन्द्र शुरू किये हैं। उन्होंने कहा जिला की महिलाओं ने मैगा नाटियों के प्रर्दशन से कुल्लू की संस्कृति को विश्व पटल तक पहुंचाया है। कोरोना काल में भी आशा तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिन-रात प्रयास करके कोरोना मरीजों की मदद की है। उन्होंने महिलाओं ने स्वच्छता अभियान तथा समाज को नशामुक्त बनाने की मुहिम में अपना योगदान देने की अपील की।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक अधिकारी अमनदीप सिंह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 तक सभी को बराबर मौलिक अधिकार प्रदान किये गये हैं। कोई भी सरकार लिंग के आधार पर कानून नहीं बना सकती। उन्होंने कहा कार्यस्थल पर सैक्शुअल हैरासमैंट जो स्थानांतरण, पदोन्नति अथवा पोस्टिंग के नाम पर की जाती है, के विरूद्ध कड़ा कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण में कानूनी साक्षरता व मुफ्त कानूनी सहायता का प्रावधान है। महिलाओं की आय कोई भी हो, उन्हें मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पति से खर्चा, बच्चों को माता-पिता तथा बुजुर्गों को बच्चों से खर्चा प्राप्त करने का कानूनन अधिकार है। घरेलू हिंसा में किसी भी महिला के प्रति घर-परिवार के भीतर किसी भी प्रकार की हिंसा पुरूषों द्वारा की जाती है तो इसके लिये वह न्यायालय में शिकायत कर सकती है।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद ने महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े विभिन्न अधिकारों पर चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 326 में महिला पर तेजाब से हमला करने पर 10 साल की सजा व गैर जमानती अपराध है। धारा 354 में छेड़खानी, 354-ए में शारीरिक शोषण, 354-डी में महिला का पीछा करना, 366 में अपहरण तथा वैश्यावृति में धकेलने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। धारा 376 में बलात्कार करने पर आजीवन कैद अथवा मौत की सजा तक हो सकती है। धारा 493 में धोखे से शादी करना, 498 में विवाहिता के साथ क्रूरता तथा 409 में महिला के लिये अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर सजा का प्रावधान है।राष्ट्रीय आजीविका मिशन के निदेशक धैर्य ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को अपना उद्यम अथवा कारोबार स्थापित करने के लिये ऋण प्रदान किया जाता है। मिशन का मकसद महिलाओं को आजीविका के साधन सृजन कर उन्हें स्वावलंबी बनाना है।

परियोजना अधिकारी डीआरडीए सुरजीत ठाकुर ने महिलाओं की ग्राम सभा में भागीदारी बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा में जाकर महिलाएं मनरेगा के तहत कार्य करने तथा अपने खेतों को विकसित करने व अपनी जमीन में पौधरोपण करने अथवा अपने गांव में रास्ते, परनालियां इत्यादि बनाने के लिये शैल्फें डलवा सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं अपने ही गांव में मनरेगा में कार्य करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं।जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश चंद ने स्वागत किया तथा विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिये कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। डॉ. अतुल गुप्ता ने हिमकेयर, आयुष्मान भारत, सहारा योजना तथा महिलाओं व बच्चों में कुपोषण की समस्या व इसके निदान पर प्रकाश डाला।महिला मण्डलों, स्वयं सहायता समूहों, कॉलेज की छात्राओं तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर कुल्लवी नाटी, नुक्कड व नाटक तथा गीत संगीत के अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।उपायुक्त ने सम्मानित की गई महिलाएंआशुतोष गर्ग ने इस अवसर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों, पुलिस, स्कूली छात्राओं तथा सामाजिक संस्थाओं को स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र व नकद पुरस्कार प्रदान किये। इनमें योगिता, उर्मिला देवी, सरिता, कला क्षेत्र में सरला चम्बयाल, शिक्षा में दीपिका, सिसलिया, गुंजन ठाकुर, हर्षिता, तरूण, नंदिनी, रूद्र प्रताप, करिश्मा, तरूण, हर्षिता, निशा, सरीन, आशा, ज्योतिका, अंकुश, सुहाना, एंजल तथा आंगनवाड़ी कार्यकताओं में डोलमा देवी, गंगी देवी, पदमा देवी, गीता देवी, अमीता, रिंकु देवी, हीरा, सामाजिक कार्यकर्ता बिमला स्वयं सहायता समूहों में हेमा देवी, वनिता, कृष्णा देवी, यशोदा देवी, विद्या, जगदंबा, नई दिशा स्वयं सहायता समूह, कल्याणी ग्राम संगठन, हिडिम्बा, महिला शक्ति, देवता पालीनाग, मातृशक्ति, मां शेरांवाली तथा शिव शक्ति समूहों को सम्मानित किया गया।उपायुक्त ने सुपरवाईजर तथा सरंक्षण अधिकारी वनिता जोगितटा को उत्कृष्ट सेवाओं के लिये पुरस्कार प्रदान किया।