5 Dariya News

राज्यपाल ने नगरोटा बगवां में मधुमक्खी अनुसंधान केन्द्र का दौरा किया

Governor Rajendra Vishwanath Arlekar visits Bee Research Station at Nagrota Bagwan

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कांगड़ा 07-Feb-2022

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां स्थित मधुमक्खी अनुसंधान केन्द्र का दौरा किया। मधुमक्खी अनुसंधान केन्द्र नगरोटा बगवां की स्थापना वर्ष 1936 में डा. सरदार सिंह के नेतृत्व में की गई थी, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण तत्कालीन पंजाब सरकार के कृषि विभाग के अधीन लायलपुर में था, जो अब पाकिस्तान में स्थित है। भारत में यूरोपियन मधुमक्खी के आयात के लिए वर्ष 1930 से 1953 के दौरान विशेष प्रयास किए गए थे, परन्तु समुचित ज्ञान के अभाव में ये प्रयास सफल नहीं हुए। भारत में वर्ष 1960 में एपिस मेलिफेरा को उत्पादित करने में सफलता मिली और इस अनुसंधान केन्द्र में 1964 में इसे सफलतापूर्वक शुरू किया गया।राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय द्वारा इस अनुसंधान केन्द्र के सफलतापूर्वक संचालन की सराहना करते हुए कहा कि इस अनुसंधान केन्द्र को और अधिक आधुनिक बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस अनुसंधान केन्द्र को विरासत केन्द्र घोषित करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही इसे विरासत घोषित कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि देश में 2.64 लाख शहद उत्पादन इकाइयां हैं और भारत में लगभग 30 लाख मधुमक्खी कालोनियां हैं। वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग 1,25,000 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन किया गया। भारत शहद उत्पादन में विश्व में आठवें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 2365 मधुमक्खी पालक हैं और प्रदेश में 5515.25 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में शहद उत्पादन की अत्याधिक मांग है और इस दिशा में विभिन्न किस्में विकसित करने में अनुसंधान सहायक सिद्ध होगा।राज्यपाल ने प्रयोगशाला का भी दौरा किया और मधुमक्खी पालन की विधि में विशेष रूचि दिखाई।इससे पूर्व कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच.के. चैधरी ने राज्यपाल का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों, अनुसंधान और विस्तार कार्यों से राज्यपाल को अवगत करवाया।स्थानीय विधायक अरूण कुमार मेहरा, उपायुक्त कांगड़ा निपुण जिंदल, पुलिस अधीक्षक खुशाल शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।