5 Dariya News

डा.ओबराए के प्रयासों से 37 वर्षीय रणजीत सिंह का पार्थिव शव दुबई से वतन लौटा

18 जनवरी को आना था वापिस पंजाब, 17 को हो गई थी मौत

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अजनाला AMRITSAR 30-Jan-2022

अपने परिवारों को आर्थिक मंदहाली में से निकालने के लिए अपने घर, ज़मीनें गहने रखकर खाड़ी मुल्कों में मेहनत मज़दूरी करने गए लोगों की हर मुश्किल घड़ी में रहबर बन सेवा रूपी मदद करने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत का भला ट्रस्ट चैरिटेबल ट्रस्ट के सरप्रस्त डा. एस.पी.सिंह ओबराए के प्रयासों से अमृतसर ज़िले की सरहदी तहसील अजनाला के साथ सबंधित 37 वर्षीय रणजीत सिंह पुत्र अमर सिंह का पार्थिव शव उस के पैतृक गांव मोहन भंडारियां में पहुंचने उपरांत आज उस का अंतिम ससकार किया गया।इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.एस.पी.सिंह ओबराए ने बताया कि रणजीत सिंह अपने परिवार के आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिश में कुछ वर्ष पहले दुबई मेहनत मज़दूरी करने के लिए गया था। उन्होंने बताया कि वह दुबई की एक कंपनी में बतौर चालक काम करता था परन्तु कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए हालातों में उस की कंपनी ने उसे काम से जवाब दे दिया था। जिस कारण उस ने वापिस पंजाब अपने घर आने के लिए गत 18 जनवरी की टिकट भी खरीद ली थी परन्तु काम न होने के कारण भारी परेशानी का सामना कर रहा रणजीत सिंह 16 जनवरी को अचानक चक्कर खाकर ज़मीन पर गिर पड़ा, जिस की 17 जनवरी को अस्पताल में दिमाग़ की नाड़ी फटने के कारण मौत हो गई थी। 

उन्होंने बताया कि इस घटना सम्बन्धित उन के साथ रणजीत के सबंधियों ने संपर्क करके पीडित परिवार की पतली आर्थिक हालत का हवाला देते मृतक देह भारत पहुंचाने में सहयोग करने के लिए कहा था। जिस पर उन्होंने दुबई बीच वाले भारतीय दूतावास के सहयोग सदका रणजीत सिंह के पार्थिव शव को दुबई से भारत उस के पैतृक गांव मोहन भंडारियां में भेजा गया है। इस पूरी कार्रवाई दौरान डा. ओबराए के निजी सचिव बलदीप सिंह चाहल की भी विशेष भूमिका रही है। पीड़ित परिवार के साथ दुख सांझा करने पहुंचे ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारी डा. सतनाम सिंह निझ्झर, मनप्रीत सिंह संधू चमियारी, नवजीत सिंह घई ने बताया कि परिवार की आर्थिक हालत देखते ट्रस्ट प्रमुख डा.ओबराए की तरफ से मृतक की पत्नी को 2500 रुपए जब कि उस की बुज़ुर्ग माता को 1000 रुपए मासिक पैंशन देने का फ़ैसला लिया है। जिस का पहला चैक आज ही पीड़ित परिवार को सौंप दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि डा. ओबराए के प्रयासों सदका अब तक 289 बदनसीब लोगों के पार्थिव शव  उन के परिजनों तक पहुंचाए जा चुके हैं।इस दौरान मृतक रणजीत सिंह की बुज़ुर्ग विधवा मां नरिन्दर कौर, पत्नी मनप्रीत कौर, ताया सूबा सिंह, चाचा गुरमीत सिंह, भाई बिकरमजीत सिंह, जसबीर सिंह, राजबीर सिंह हैपी पूर्व सरपंच, कुलविन्दर सिंह और दूसरे इलाका निवासियों ने उसकी मृतक देह लेकर आने के लिए बड़ा सहयोग करने पर डा.एस.पी.सिंह ओबराए का तह दिल से शुकराना करते कहा कि डा.ओबराए की वजह से ही उन को रणजीत के अंतिम दर्शन नसीब हो सके हैं। उनहोंने यह भी कहा कि डा.ओबराए की तरफ से परिवार को मासिक पैंशन के रूप में दी जाने वाली आर्थिक मदद के साथ मृतक रणजीत सिंह के छोटे-छोटे बच्चों का पालन पोषण हो सकेगा।