5 Dariya News

मंत्रीमंडल द्वारा ’पंजाब सरकार की तरफ से युवाओं के लिए रोजग़ार गारंटी स्कीम (प्रगति)-2022 को मंजूरी

मंतव्य का मकसद नौकरियाँ, विदेशों में रोजग़ार और पढ़ाई, कौशल प्रशिक्षण, स्वै-रोजग़ार और मुकाबले की परीक्षाओं के लिए कोचिंग की सुविधा को यकीनी बनाना

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चंडीगढ़ 04-Jan-2022

केंद्रित और नतीजामुखी पहुँच अपनाने के मंतव्य से पंजाब मंत्रीमंडल ने आज ‘पंजाब सरकार ने युवाओं के लिए रोजग़ार गारंटी स्कीम (प्रगति) 2022’ को मंजूरी दे दी है।इस सम्बन्धी फ़ैसला आज शाम यहाँ पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार रोजग़ार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग की तरफ से तैयार की गई इस स्कीम का मकसद नौकरियाँ, निजी क्षेत्र की नौकरियाँ, विदेशों में रोजग़ार, विदेशों में पढ़ाई, कौशल प्रशिक्षण समेत कौशल प्रशिक्षण, स्व-रोजग़ार, उद्यम और उद्यमियों के विकास, मुकाबले की परीक्षाओं के लिए कौंसलिंग और कोचिंग समेत गारंटीशुदा रोजग़ार यकीनी बनाना है।राज्य स्तर पर ‘प्रगति’ को रोजग़ार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग की तरफ से पंजाब कौशल विकास मिशन, पंजाब घर-घर रोजग़ार और कोरोबार मिशन, सी-पाइट, माई भागों आर्मिड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट और महाराजा रणजीत सिंह आम्र्ड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट के द्वारा लागू किया जायेगा। इस के इलावा प्रभावशाली ढंग से सेवाएं प्रदान करने को यकीनी बनाने के लिए जि़ला स्तर पर प्रगति को सम्बन्धित डिप्टी कमिशनर के समूचे नियंत्रण और निगरानी अधीन जि़ला रोजग़ार और उद्यम ब्यूरो (डीबीईई) द्वारा लागू किया जायेगा।जि़क्रयोग्य है कि पंजाब में बड़ी संख्या युवा ऐसे हैं जो अलग-अलग कारणों से रोजग़ार प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। कई बार ऐसे युवाओं को रोजग़ार के मौकों संबंधी जानकारी नहीं होती या कई बार उनके पास अपेक्षित सलाह और मार्गदर्शन नहीं होता। बेरोजग़ारी के मुद्दे का हल ढूँढने और स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते और बेरोजग़ार युवाओं को तुरंत मुहैया करवाई जा सकने वाली संभावित सुविधाओं के प्रति सरकार की वचनबद्धता के लिए, मौजूदा योजना ‘प्रगति-2022’ तैयार की गई है जिससे राज्य के बेरोजग़ार युवाओं को लाभदायक रोजग़ार प्राप्त करने में मदद करने के लिए संभव सुविधा मुहैया करवायी जा सके।

सब-तहसीलों महल कलाँ और फतेहगढ़ चूडिय़ाँ को तहसील /सब -डिविजऩ के तौर पर अपग्रेड करने की मंजूरी

नागरिकों को उनकी रिहायश के आसपास के निर्विघ्न ढंग से नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए मंत्रीमंडल ने बरनाला जिले में सब -तहसील महल कलाँ और गुरदासपुर जिले में फतेहगढ़ चूडिय़ाँ को तहसीलों /उप-डिवीजऩों के तौर पर अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है। नयी अपग्रेड की गई तहसील /सब -डिविजऩ महल कलां में दो कानूनगो सर्कल, 19 पटवार सर्कल और 27 गाँव होंगे जबकि फतेहगढ़ चूडिय़ां में दो कानूनगो सर्कल, 20 पटवार सर्कल और 62 गाँव होंगे।

मौजूदा मिड डे मील वर्करों का मेहनताना 2200 रुपए से बढ़ा कर 3000 रुपए प्रति महीना रुपए करने की मंज़ूरी

मिड डे मील स्कीम के सुचारू और प्रभावी कामकाज को यकीनी बनाने के लिए मंत्रीमंडल ने मिड डे मील स्कीम (60:40) के अधीन काम कर रहे मौजूदा मिड डे मील वर्करों (कुक-कम -हैल्पर) का मेहनताना एक साल में 12 महीनों के लिए 2200 रुपए से बढ़ा कर 3000 रुपए प्रति महीना करने की मंजूरी दे दी है। इस कदम का मकसद मिड डे मील प्रोग्राम के अंतर्गत ऐसे कामगारों के मेहनतानों में विस्तार करके उनको वित्तीय राहत प्रदान करना है जिससे यह कर्मचारी अपनी ड्यूटियां और कुशलता से निभा सकें।जि़क्रयोग्य है कि स्कीम के अधीन इस समय 42,205 कर्मचारी हैं जिनको 2200 रुपए प्रति महीना वेतन दिया जा रहा है। उक्त कामगारों को छुट्टियाँ काटने के बाद साल में सिर्फ़ 10 महीनों के लिए निर्धारित मेहनताना का भुगतान किया जाता है। बताने योग्य है कि केंद्र सरकार ने ऐसे कामगारों का वेतन 1000 रुपए प्रति महीना तय किया है और केंद्र सरकार इस तय रकम के आधार पर अपने 60 प्रतिशत हिस्से की अदायगी करती है। दूसरे शब्दों में, केंद्र सरकार साल में 10 महीनों के लिए प्रति कर्मचारी प्रति महीना सिर्फ़ 600 रुपए का योगदान डालती है। हालाँकि इन मज़दूरों की तंगी को देखते हुये राज्य सरकार पहले ही 2200 रुपए प्रति महीना वेतन दे रही है। इस तरह ऐसे कामगारों को केंद्र सरकार की तरफ से निर्धारित राशि से अधिक राज्य सरकार की तरफ से 1200 रुपए प्रति महीना अदा किये जा रहे हैं।यदि सभी 42,205 कुक वर्करों को साल के 12 महीनों के लिए 3000 रुपए प्रति महीना वेतन देने का प्रस्ताव है तो साल के 10 महीनों के लिए प्रति महीना 3.376 करोड़ रुपए और दो महीनों के लिए 25.32 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसलिए सरकारी खजाने पर कुल मिला कर 59.08 करोड़ रुपए का सालाना अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।

बातचीत /आपसी सहमति के द्वारा ज़मीन की प्राप्ति सम्बन्धी 18 मई, 2016 की नोटीफिकेशन के पैरा नंबर 2में संशोधन करने की मंजूरी

बातचीत/आपसी सहमति के द्वारा ज़मीन की प्राप्ति सम्बन्धी एक और महत्वपूर्ण फ़ैसले में मंत्रीमंडल ने 18 मई, 2016 की अधिसूचना के पैरा नं. 2में ’दी राइट टू फेयर कम्पन्नशेशन एंड ट्रांसपरैंसी इन लैंड ऐकूजीशन, रीहैबीलीटेशन एंड रीसैटलमैंट एक्ट, 2013 की धारा 28 को शामिल करने की हद तक संशोधन करने को मंजूरी दे दी है जिससे ज़मीन मालिकों को उचित राहत मिल सके।

सुरतापुर फार्म में अनाधिकृत कब्ज़ाधारकों को पी.एस.सी.एल.डी.एफ.सी. से सम्बन्धित ज़मीन की अलाटमैंट के लिए नीति मंज़ूर

मंत्रीमंडल ने रूपनगर जिले की तहसील चमकौर साहिब के सुरतापुर फार्म (गाँव वड्डा सुरतापुर, छोटा सुरतापुर, घड़ीसपुर, रामगढ़, टप्परियां बूथगढ़) में अनुसूचित जातियों से सम्बन्धित अनाधिकृत कब्जाधारकों को पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त कारपोरेशन (पी.ऐस.सी.ऐल.डी.ऐफ.सी.) से सम्बन्धित ज़मीन की अलाटमैंट के लिए नीति को भी मंजूरी दे दी है।इस फ़ैसले से गरीब भूमि रहित, छोटे और सीमांत अनुसूचित जाति के किसानों को लाभ होगा जो 10 सालों से अधिक समय से कारपोरेशन की ज़मीनों पर काश्त कर रहे हैं (गिरदावरी उनके नाम पर होनी है) और अपनी ज़मीनों की वाजिब कीमत प्राप्त करने के लिए निगम के हितों की रक्षा की जायेगी जो कि इस समय नाजायज कब्ज़े अधीन है।जि़क्रयोग्य है कि निगम की तरफ से ज़मीन खाली करवाने के लिए पब्लिक परिसिज़ (अनाधिकृत कब्जाधारकों की बेदख़ली) एक्ट, 1971 के अंतर्गत 60 अदालती केस दर्ज हैं।

2020-21 के लिए नागरिक उड्डयन की सालाना प्रशासनिक रिपोर्ट को मंजूरी

मंत्रीमंडल ने साल 2020-21 के लिए नागरिक उड्डयन विभाग की 57वीं सालाना प्रशासिनक रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी है।

मंत्रिमंडल द्वारा बकाया देनदारियों के निपटारे और तीन महीनों के लिए 20 सरकारी गौशालाओं को चलाने के लिए 6.65 करोड़ रुपए की राशि को मंज़ूरी

आवारा पशुओं की देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम

आवारा पशुओं के खतरे को रोकने और गौशालाओं/मवेशी पाउंडों में इनकी देखभाल को सुनिश्चित बनाने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने आज 6.65 करोड़ रुपए की राशि को मंज़ूरी दी है, जिसमें से 4.03 करोड़ रुपए 20 सरकारी गौशालाओं की बकाया देनदारियों का निपटारा करने के लिए ख़र्च किए जाएंगे और बाकी 2.62 करोड़ रुपए अगले तीन महीनों के लिए इन गौशालाओं को चलाने के लिए ख़र्च किए जाएंगे।जि़क्रयोग्य है कि आवारा पशुओं की आबादी दिन-ब-दिन बढ़ रही है और इस कारण किसानों की फ़सल का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा शहरों और हाईवेज़ पर आवारा पशु सडक़ हादसों का कारण बनते हैं। इस समस्या पर तुरंत काबू पाने की ज़रूरत है। इसलिए एकत्रित किए गए गऊ सैस का प्रयोग आवारा पशुओं की देखभाल के लिए किया जाना चाहिए, जिससे इन आवारा पशुओं को गौशालाओं/मवेशी पाउण्डों में रखा जा सके।मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार स्थानीय निकाय विभाग द्वारा ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को 20 सरकारी पशु पाउंडों की बकाया देनदारियों को निपटाने और इन मवेशी पाउंडों की लागत के लिए 20 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए गए हैं।उपरोक्त 20 करोड़ रुपए में से बकाया फंड और स्थानीय निकाय विभाग के पास मौजूद बकाया फंड, जो आबकारी विभाग द्वारा गऊ सैस के तौर पर एकत्रित किए गए थे, धार्मिक संस्थाओं/एन.जी.ओज़/निजी पार्टियों द्वारा चलाई जा रही 457 रजिस्टर्ड गऊशालाओं को 5 लाख प्रति गऊशाला के हिसाब से बाँटने का प्रस्ताव है, बशर्ते यह गऊशालाएं 31 मार्च, 2022 से पहले 50 और आवारा पशु रखेंगी। यह 50 नए आवारा पशु इन गऊशालाओं में पहले से मौजूद पशुओं के अलावा होंगे और पशु पालन विभाग द्वारा कान में टैग लगाने के बाद शामिल किए जाएंगे। जि़क्रयोग्य है कि इन 20 सरकारी मवेशी पाउंडों को धार्मिक संस्थाओं/एन.जी.ओज़ को सौंपने के लिए नीति बनाने की ज़रूरत है। कैबिनेट मीटिंग में 31 दिसंबर, 2021 को गठित हुई समिति द्वारा अपना प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसको पशु पालन विभाग द्वारा मंत्रिमंडल की मंज़ूरी के लिए पेश किया जाएगा। वित्त कमिश्नर, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, पंजाब भी इस समिति के मैंबर होंगे।

आंगनवाड़ी वर्करों, मिन्नी आंगनवाड़ी वर्करों और आंगनवाड़ी हैल्परों के मानदेय में वृद्धि करने के लिए कार्योत्तर स्वीकृति 

मंत्रिमंडल ने आंगनवाड़ी सेवा योजना के अधीन काम कर रही आंगनवाड़ी वर्करों, मिन्नी आंगनवाड़ी वर्करों और आंगनवाड़ी हैल्परों के मानदेय में क्रमवार 1400 रुपए, 1000 रुपए और 1050 रुपए प्रति माह वृद्धि करने की कार्योत्तर मंज़ूरी दे दी है।

राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी वर्करों, मिन्नी आंगनवाड़ी वर्करों और आंगनवाड़ी हैल्परों के मानदेय में सालाना वृद्धि के तौर पर 1 जनवरी, 2023 से क्रमवार 500 रुपए, 250 रुपए और 250 रुपए वृद्धि करने का पूर्ण आश्वासन दिया है।जि़क्रयोग्य है कि राज्य सरकार ने यह फ़ैसला आंगनवाड़ी वर्करों की सेवाओं को मान्यता देने और उनको उनकी सेवाओं के लिए बेहतर मुआवज़ा देने और यकीनी तौर पर सालाना वृद्धि प्रदान करने की प्रतिबद्धता के मद्देनजऱ लिया है।इस फ़ैसले से सरकारी खज़ाने पर 72 करोड़ रुपए का सालाना वित्तीय बोझ पड़ेगा और हर साल 23.88 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

पंजाब राज्य सूचना आयोग में अलग-अलग काडरों की अन्य 24 पदों की सृजना करने के अलावा 43 अस्थायी पद जारी रखने के लिए कार्योत्तर मंज़ूरी

सूचना के अधिकार कानून के उपबंधों को और अधिक प्रभावी और समयबद्ध ढंग से लागू करने को सुनिश्चित बनाने के मद्देनजऱ मंत्रिमंडल ने पंजाब राज्य सूचना आयोग (पी.एस.आई.सी.) के 43 अस्थायी पदों को जारी रखने और अलग-अलग काडरों के 24 अन्य पदों की सृजना करने के लिए कार्योत्तर मंज़ूरी दे दी है। 

साल 2019-20 के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की सालाना प्रशासकीय रिपोर्ट को मंज़ूरी 

मंत्रिमंडल ने साल 2019-20 के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की सालाना प्रशासकीय रिपोर्ट को भी मंज़ूरी दे दी है।

उच्च शिक्षा हासिल कर रहे सभी विद्यार्थियों को एक बार के लिए 2000 रुपए ऑनलाईन/इन्टरनेट भत्ता देने की मंज़ूरी

मंत्रिमंडल ने उच्च शिक्षा हासिल कर रहे सभी विद्यार्थियों को एक बार के लिए 2000 रुपए ऑनलाईन/इन्टरनेट भत्ता देने की मंज़ूरी दे दी।किसी भी उच्च शैक्षिक संस्था जैसे कि तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा या उच्च शिक्षा, कॉलेज या यूनिवर्सिटी, सरकार से सम्बन्धित संस्थाओं। कॉलेज या प्राईवेट कॉलेज या सहायता प्राप्त कॉलेज या घटक कॉलेज। यह फ़ैसला राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को कोविड महामारी के समय में ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई जारी रखने के उद्देश्य से इन्टरनेट की सुविधा तक पहुँच करने में मदद करेगा। इससे 8.67 लाख विद्यार्थियों को लाभ होगा।

मंत्रिमंडल ने भारतीय ओलम्पिक टीम के स्टार पंजाबी हॉकी खिलाडिय़ों को पीसीएस/डीएसपी के तौर पर नियुक्ति पत्र सौंपे 

हाल ही में टोक्यो ओलम्पिक खेल-2020 में देश का नाम रौशन करने वाली भारतीय टीम के पंजाबी हॉकी खिलाडिय़ों के शानदार योगदान को मान्यता देते हुए मंत्रिमंडल ने कम से कम ग्रैजूएशन योग्यता वाले खिलाडिय़ों को पीसीएस/डीएसपी के तौर पर नियुक्ति देने की मंज़ूरी दे दी है। मंत्रिमंडल की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने खेल मंत्री परगट सिंह के साथ 7 खिलाडिय़ों को नियुक्ति पत्र सौंपे और मुख्यमंत्री चन्नी ने मंत्रिमंडल द्वारा भारतीय हॉकी टीम के कप्तान जो पहले ही पंजाब पुलिस में डीएसपी के तौर पर तैनात थे, को एस.पी. के तौर पर पदोन्नत करने के फ़ैसले का ऐलान किया है।