5 Dariya News

राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष विज्ञान और टेक्नोलॉजी में रिसर्च के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में किया ''कल्पना चावला स्पेस सेंटर'' का उद्घाटन

डिफेंस कर्मियों के बच्चों के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं ने की 10 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप स्कीम की घोषणा

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घड़ूआं 03-Jan-2022

देश के समग्र विकास के लिए प्राइवेट सेक्टर को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि एजुकेशन और साइंस सेक्टर को वैश्विक स्तर पर ले जाने और भारत को ज्ञान की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक सक्रिय और दीर्घकालिक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप महत्वपूर्ण है। वह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में कल्पना चावला सेंटर फॉर रिसर्च इन स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केसीसीआरएसएसटी) के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे, जो कि उत्तर भारत में अपनी तरह का पहला स्पेस सेंटर है। इस दौरान श्री राजनाथ सिंह द्वारा देश की सशस्त्र सेनाओं के कर्मियों के बच्चों के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की 10 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप योजना का भी शुभारंभ किया गया। यूनिवर्सिटी में स्थापित स्पेस रिसर्च सेंटर का उद्देश्य स्पेस साइंस और सैटेलाइट निर्माण में छात्रों को प्रशिक्षित करना है। यह स्पेस सेंटर यूनिवर्सिटी के छात्रों को मल्टीपरपस आईओटी आधारित नैनो-सैटेलाइट (सीयूसैट) के विकास और डिजाइनिंग के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा, जिसे साल 2022 में इसरो द्वारा लॉन्च किया जाएगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट सैटेलाइट (सीयूसैट) के लॉन्च के साथ, पंजाब भारत का पहला सीमावर्ती राज्य बन गया जाएगा, जिसके पास अंतरिक्ष में अपनी सैटेलाइट होगी। उद्घाटन कार्यक्रम में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू, विशेष तौर पर मौजूद रहे।विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए खुशी जाहिर की और कहा कि दिवंगत कल्पना चावला को समर्पित यह रिसर्च सेंटर और इससे जुड़े विद्यार्थी भविष्य में नई बुलंदियां छूने में कामयाब होंगे। 

उन्होंने कहा कि रिसर्च से लेकर प्लेसमेंट तक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने हर क्षेत्र में नए आयाम हासिल किए हैं, जो कि हमारे देश के शिक्षा क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर की बढ़ती महत्ता को प्रमाणित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान को विश्व-स्तर तक पहुंचाने और देश को ज्ञान की एक अर्थव्यवस्था के रूप में विश्व स्तर पर शीर्ष पायदान पर लाने के लिए पब्लिक-प्राइवेट सेक्टर को मिल कर कार्य करना होगा। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की कि वर्तमान में प्राइवेट स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय हमारे छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप हमारे राष्ट्र की मानव पूंजी में मात्रात्मक और गुणात्मक इजाफा हो रहा है।चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में कल्पना चावला सेंटर की स्थापना को देश के लिए महत्त्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास विश्व स्तर पर तकनीकी क्षेत्र में भारत को नेतृत्व प्राप्त करने और देश को अपने प्राचीन गौरव को पुन: बहाल  करने में मददगार होंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को साधु-संतों के साथ-साथ महान विद्वान और वैज्ञानिक भी दिए हैं तथा वर्तमान में भी हम आर्ट, लिटरेचर, म्यूजिक और एस्ट्रोलॉजी के साथ-साथ स्पेस से जुडे विषयों में महारत हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कराचार्य आदि ऐसे विद्वान रहे हैं, जिन्होंने एक ओर ‘डेसिमल सिस्टम जीरो’ और पाई जैसे गणितीय सिद्धांत दुनिया को दिए, वहीँ दूसरी ओर ज्योतिष-शास्त्र में कई महत्त्वपूर्ण अवाधारणाएं दी हैं। यह उल्लेख करते हुए कि अंतरिक्ष क्षेत्र राष्ट्रीय विकास से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक हमारे जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है, श्री सिंह ने कहा कि सरकार इस अंतरिक्ष की क्षमता को समझती है और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने और देश की प्रगति को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में जन्मी दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को याद करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने उन्हें महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया, और लोगों से अपनी बेटियों को प्रोत्साहित करने और ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया, जो सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के सरकार के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। 

उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के लिए यह एक असाधारण उपलब्धि है कि उसका अपना स्पेस रिसर्च सेंटर और सैटेलाइट हो। यह प्रशंसनीय उपलब्धि है और मुझे विश्वास है कि आर्यभट्ट, विक्रम साराभाई, सतीश धवन और कल्पना चावला जैसे कई भारतीय आप सभी के बीच से निकलेंगे और वैश्विक स्तर पर देश को एक सार्वभौमिक पहचान दिलाएंगे।चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा डिजाइन और विकसित सैटेलाइट सीयूसैट 75वें स्वतंत्रता दिवस 2022 की पूर्व संध्या पर अंतरिक्ष में लॉन्च किए जा रहे 75 छात्र-निर्मित उपग्रहों में से एक होगी। इसके अलावा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी अपनी स्वयं की सैटेलाइट डिजाइन और विकसित करके उत्तर भारत की पहली यूनिवर्सिटी बनने के साथ-साथ आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे जैसे 13 संस्थानों की सूची में शामिल हो गई है। इसके अलावा 75 स्टूडेंट सैटेलाइट मिशन से प्रेरित होकर, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा 75 छात्रों को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट सैटेलाइट प्रोजेक्ट के तहत प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिकों, पद्मश्री प्रो. आरएम वासगम, पद्मश्री डॉ. मायलस्वामी अन्नादुरई, पद्मश्री वाईएस राजन, पद्म भूषण डॉ. बीएन सुरेश और पद्मश्री डॉ. बीएन दत्तगुरु आदि के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।यूनिवर्सिटी की नैनोसैटेलाइट-सीयूसैट का लाँच देश के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा, क्योंकि यह सीमा पर घुसपैठ का पता लगाने, कृषि, मौसम पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदा पूर्वानुमान संबंधी डाटा एकत्रित करेगी, जो इन क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं की रिसर्च और स्टडी में सहायक होगा। गौरतलब है कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी आईओटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सैटेलाइट लॉन्च करने वाली भारत की पहली यूनिवर्सिटी होगी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थापित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन उन देशों में सैटेलाइट रिसर्च सुविधाओं को विकसित करने और सैटेलाइट लाँच करने में मदद करेगा, जिनके पास विकसित सैटेलाइट टेक्नोलॉजी नहीं है। 

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में स्थापित यह ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन सीयूसैट सहित लो अर्थ ऑर्बिट के अधिकांश उपग्रहों की निगरानी करने के साथ-साथ 57 देशों में 810 से अधिक ट्रांसमीटरों के साथ 380 से अधिक उपग्रहों की निगरानी करेगा। यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थापित स्पेस रिसर्च सेंटर सीयूसैट सैटेलाइट के लिए एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन रूप में काम करेगा और उन देशों के साथ संचार करेगा, जो सैटेलाइट नेटवर्क ओपन ग्राउंड स्टेशन (सैट-एनओजीएस) का हिस्सा हैं। इस अवसर पर बात करते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू ने कहा कि कि हमारा प्राथमिक उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापरक, नवाचार व कौशलयुक्तन शिक्षा प्रदान करना है, ताकि भविष्य के परिप्रेक्ष्य के अनुसार वे अपने कौशल और योग्यता हासिल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें। उन्होंने कहा कि इसी के मद्देनजर रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में युवा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने सीयू सैटेलाइट प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिसके तहत छात्रों को स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में व्यावहारिक तकनीकी प्रशिक्षण और सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। स. संधू ने कहा कि हम जल्द ही सैटेलाइट डिजाइन और विकास के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि 3.5 करोड़ रुपए की लागत तैयार इस केंद्र के माध्यम से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा ब्राजील, मिस्र, कोलंबिया, मैक्सिको, जांबिया, केन्या, तुर्की सहित 57 देशों में सैटेलाइट रिसर्च सुविधाओं को विकसित करने में सहायता के साथ-साथ विदेशी छात्रों को सैटेलाइट डिजाइन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।