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डेल्फिक काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ने इंटरनेशनल डेल्फिक काउंसिल की 27वी वर्षगांठ पर लॉन्च किया 'टाईमलेस एक्सप्रेशन- कॉन्फ्लुएंस ऑफ आर्ट फॉर्म्स'

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मुंबई 22-Dec-2021

23 अगस्त 2021 को इस संगठन के निर्माण के बाद से ही,डेल्फिक काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र प्रमुख 6 कलाओं  का संदेशवाहक रहा। इंटरनेशनल डेल्फिक काउंसिल के 27 वर्ष पूरे होने के मौके पर डेल्फिक काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ने अपनी पहली मैग्जीन 'रिफ्लेक्शंस ऑफ महाराष्ट्र' को आईआरएस ऑफिसर साहिल सेठ और साक्षी तनवर के साथ मिलकर लॉन्च किया।मैग्जीन के साथ ही डेल्फिक का थीम सॉन्ग भी लॉन्च किया गया। इस सॉन्ग को फ्यूजन द्वारा कंपोज किया गया है एवं भारत, मालदीव और इजिप्ट से आए कई गायकों ने इस सॉन्ग को संगठित होकर गाया है। सॉन्ग को लॉन्च बहुत ज्यादा प्रतिभाशाली मिस्टर श्रेय शर्मा ने किया और खुद भी उन्होंने इस सॉन्ग को गाया। इस सॉन्ग के मुख्य केंद्र रहे पांच साल के प्रतिभाशाली एस्थर हनामते, जिन्होंने इस सॉन्ग को बहुत सुंदर तरीके से गाया।इस इवेंट की शुरुआत मशहूर वायलिनवादक सुनीता खौंद भुयान के म्यूजिक परफॉर्मेंस से हुई, जिसके बाद कोरियन कलाकारों के द्वारा एक फनी कॉलेब्रेटिव वीडियो का प्रदर्शन हुआ।उन्होंने ने मिलकर एक फ्यूजन सॉन्ग की परफॉर्मेंस दी,जिसमें कोरियन कलाकारों ने एक हिंदी सॉन्ग गाया और एक कोरियन सॉन्ग भी गाया। अभिनेत्री साक्षी तनवर और गुरू टी लद्दाखी की कविताओं से यह शाम काव्यमय हो गई।इस इवेंट में ग्लैमर का तड़का एमी बिलिमोरिया के फैशन ने लगाया जिसमे में अभिनेत्री जरीन खान उनकी शोस्टॉपर बनी थीं।डेल्फिक नेशन सॉन्ग को लॉन्च श्रेय शर्मा द्वारा किया गया।इस इवेंट के दौरान आईआरएस साहिल सेठ जोकि डेल्फिक काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष भी उन्होंने ने अपने विचार रखते हुए कहा कि, डेल्फिक का हिस्सा होना मेरे लिए एक खुली यात्रा रहीं हैं और बीते 6 महीनों में हम कई कलाप्रेमियों और कलाकरों से जुड़े हैं और हमने यह एहसास किया है कि अभी तो बहुत कुछ करना है।

आज के इवेंट ने हमारे भविष्य की योजनाओं से बस एक पर्दा उठाया है और  सभी लोग कई सारे क्रियाकलापों और आयोजनो को पूरे महाराष्ट्र में देख सकता हैं।जरीन खान ने भी इस इवेंट पर अपने विचार रखते हुए कहा कि,इंटरनेशनल डेल्फिक काउंसिल की 27वी वर्षगांठ के सेलिब्रेशन में शामिल होने पर मुझे काफी खुशी हो रही हैं।एक कलाकार के तौर पर मैं इस संगठन का समर्थन करती हूं जोकि क्रिएटिव लोगो को एक ग्लोबल प्लैटफॉर्म दे रहा हैं।साक्षी तनवर ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि,डेल्फिक काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र का हिस्सा होने पर काफी खुशी हो रही है।मैं आशा करती हूं कि यह हमारे देश के आर्ट एंड कल्चर को पोषण देने वाला एक ऐतिहासिक मूवमेंट बन जाए और विश्व भर में शांति और सामंजस्य स्थापित करे।इस इवेंट का संचालन प्रणिता पंडित (सेक्रेटरी जनरल ऑफ डेल्फिक काउंसिल महाराष्ट्र),रचना पूरी( वेक्टरमोब की सीईओ और संस्थापक),अवि मित्तल(वाइस प्रेसिडेंट) अली सुल्तान अहमद और इवेंट के वैन्यू पार्टनर लॉर्ड ऑफ द ड्रिंक्स वर्ली के द्वारा संगठित होकर किया गया है।इस साल अगस्त में महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोशयारी के द्वारा इस काउंसिल को लॉन्च किया गया था। इस काउंसिल का लॉगो  वॉटर के रूप में लॉन्च किया गया था जिसका अर्थ है कला के द्वारा शांति  है।डेल्फिक गेम्स 6 कलाओं को सेलिब्रेट करता है जोकि निम्नलिखित हैं।1.म्यूजिकल आर्ट्स एंड साउंड्स, 2.परफॉर्मिंग आर्ट्स,3.लैंग्वेज आर्ट्स,4.विजुअल आर्ट्स, 5.सोशल आर्ट्स, 6.इकोलॉजिकल आर्ट्स एंड आर्किटेक्चर. इन कलाओं को लेकर  किसी भी प्रकार की  प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया जाता है बल्कि इन कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।इसमें एक कलाकार अपनी कला को दूसरों के साथ बांटकर एवं अन्य कलाओं को सीखकर उन कलाओं को संरक्षित करता है।अंतर्राष्ट्रीय डेल्फिक काउंसिल एक गैर-सरकारी, गैर राजनीतिक, गैर-धार्मिक संगठन है। 

इस संगठन की दुनिया भर में  पहचान कला और संस्कृतियों के पोषण करने वाले संगठन के तौर पर होती है। जिसको डेल्फिक गेम्स के नाम से जाना जाता हैं।डेल्फिक गेम्स की शुरूआत 2500 साल पहले प्राचीन ग्रीस में ट्विन सिस्टर्स ऑफ द ओलंपिक गेम्स  के रूप में हुई थी।यह सिर्फ़ आर्ट्स एंड कल्चर को प्रदर्शित करते हैं।मॉडर्न काल के डेल्फिक गेम्स को 1994 में पुनः पुनर्जीवित किया गया था, जबकि ओलंपिक गेम्स 1894 में पुनर्जीवित किया गया था।भारत ने डेल्फिक गेम्स के तीन संस्करणों में भिन्न-भिन्न देशों में भाग लिया है और पिछले कुछ सालों में भारत ने दक्षिण कोरिया और मलयेशिया जैसे कुछ देशों में डेल्फिक गेम्स में भाग लेकर स्वर्ण व रजत पदक जीतने का गौरव भी हासिल किया है।भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने भी अपना योगदान देते हुए कलाकारों को विश्व स्तर पर अपने देश को रिप्रेजेंट करने के लिए स्पॉन्सर करने का प्रावधान भी दिया है।पुनर्जागरण के बाद डेल्फिक गेम्स की मेजबानी  जॉर्जिया, रूस, मलेशिया, साउथ कोरिया, फिलिपींस, जर्मनी, साउथ अफ्रीका जैसे देशों ने की हैं और बाकी के कल्चरल प्रोग्राम विश्व के दूसरे देशों में किए गए हैं।अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यूनेस्को,काउंसिल ऑफ यूरोप,एशियन जैसे अनेक बड़े ऑर्गेनाइजेशंस ने डेल्फिक गेम्स के कई संस्करणों को कई बार एंडोर्स किया है।नेल्सन मंडेला(साऊथ अफ्रीका), मिखैल गोरबचेव (सोवियत यूनियन),हेलमुट श्मिड(ईस्ट जर्मनी), एडुआर्ड शेवर्नडज़े(जॉर्जिया) जैसे वर्ल्ड लीडर्स और प्रख्यात संगीतकार, चित्रकार,विद्याविद,शिक्षक,इतिहासकार,कला एवं संस्कृति पुनर्जागरणवादी जैसे लोगों ने डेल्फिक गेम्स का हमेशा समर्थन एवं प्रोत्साहन किया है।