5 Dariya News

सीईसी के प्रमुख बिंदु

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चंडीगढ़ 16-Dec-2021

पंजाब में राज्य विधान सभा की समय सीमा 27 मार्च 2022 को समाप्त होने वाली है। इसलिए राज्य में 117 एसीज़ (83 जनरल एसी; 34 एससी और कोई एसटी एसी नहीं) के लिए मतदान होने हैं।

भारत निर्वाचन आयोग आगामी मतदान को स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्विघ्न ढंग से करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा प्रयास नए मतदाताओं, महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों और बुजुर्ग नागरिकों समेत सभी मतदाताओं की अधिक से अधिक भागीदारी हासिल करना है।

15 और 16 दिसंबर 2021 को अपने दौरे के दौरान आयोग ने राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। आयोग ने उनकी तरफ से उठाए गए मुद्दों और चिंताओं का संज्ञान लिया। 

राजनैतिक पार्टियों के साथ बैठक के उपरांत आयोग ने सभी 23 जिलों के जि़ला निर्वाचन अधिकारियों-सह-उपायुक्तों और सीपीज़/एसएसपीज़ के साथ-साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज्य स्तरीय पुलिस नोडल अफ़सर और सीएपीएफ नोडल अफ़सर, स्वास्थ्य विभाग के नोडल अफ़सर के साथ समूची चुनावी तैयारियों की समीक्षा की।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों के नोडल अफसरों के साथ भी मुलाकात की।

आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव, वित्त सचिव, स्वास्थ्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रशासनिक सहायता, बजट और चुनाव सम्बन्धी प्रबंधों के बारे में विचार-विमर्श किया।

कोविड सम्बन्धी सामाजिक दूरी के नियमों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने विशेष तौर पर कुछ मौजूदा मानदण्डों पर फिर विचार किया है। नतीजतन, एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिक से अधिक संख्या 1500 से घटाकर 1200 कर दी गई है।

मतदान को और अधिक सुगम बनाने के लिए आयोग ने हिदायत की है कि सभी मतदान केंद्र निचली मंजि़ल पर स्थित हों और न्यूनतम सुनिश्चित सुविधाएं जैसे कि पीने वाला पानी, शैचालय, रैंप, व्हीलचेयर, बिजली, स्वयंसेवक, शेड्ज़, हेल्प डेस्क आदि सुविधाएं उपलब्ध हों।

महिला मतदाताओं को सहज माहौल प्रदान करने के मद्देनजऱ आयोग की पहल के हिस्से के तौर पर, राज्य में न्यूनतम 165 अखिल महिला प्रबंधित मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें महिला सुरक्षा कर्मचारियों समेत महिला मतदान कर्मचारी होगीं।

दिव्यांग मतदाताओं का मतदान में विश्वास बढ़ाने और प्रेरित करने के उपाय के रूप में, इस बार राज्य में कम से कम 56 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनका प्रबंधन विशेष ज़रूरतों वाले व्यक्तियों द्वारा ही किया जाएगा।

आयोग ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं और कोविड-19 संदिग्ध या प्रभावित व्यक्तियों या वोटर सूची में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट के द्वारा मतदान करने सम्बन्धी दिशा-निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं। आयोग ने समीक्षा बैठक के दौरान सभी डी.ई.ओज़ को सभी योग्य दिव्यांग मतदाताओं को दर्ज करने के लिए एक केंद्रित अभियान चलाने के निर्देश दिए।

आयोग द्वारा धन के ज़ोर पर या सरकारी तंत्र का दुरुपयोग के प्रति ज़ीरो-टॉलरेंस रवैया इख्तियार किया गया है। जि़ला अधिकारियों को अधिक खर्च वाले हलकों की निगरानी करने और व्यापक, समन्वित कार्यवाहियों को सुनिश्चित बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। प्रलोभन मुक्त और नैतिक मतदान करवाना ही भारत निर्वाचन आयोग का मुख्य लक्ष्य है। प्रवर्तन एजेंसियों को चौकसी बढ़ाने के लिए कहा गया है, जिससे नशे, शराब और नकदी की अंतर-राज्यीय और सीमा पार आवाजाही को प्रभावशाली ढंग से रोका जा सके।

आयोग ने जि़लाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में बताई गई चिंताओं की समीक्षा की है। सम्बन्धित अधिकारियों को ग़ैर-ज़मानती वॉरंट (एन.बी.डब्ल्यूज़) के तेज़ी से निष्पादन को सुनिश्चित बनाने और पिछले चुनाव में हुए चुनावी अपराधों के बकाया मामलों का तेज़ी से निपटारा करने के निर्देश दिए गए हैं।

संवेदनशील हलकों की पहचान की गई है। सीएपीएफ की उचित तैनाती सुनिश्चित बनाई जाएगी, जिससे कोई भी मतदाताओं को बिना वजह परेशान न कर सके।

नैतिक मतदान को सुनिश्चित बनाने सम्बन्धी अन्य उपायों में आपराधिक पृष्ठभूमि के अनिवार्य प्रचार पर भी ज़ोर दिया गया है। जैसे कि आयोग द्वारा दोहरायआ गया है, यह हिदायतें जारी की गई हैं कि उम्मीदवारों को इस सम्बन्धी मुहिम के दौरान अख़बारों और टीवी चैनलों में तीन बार विज्ञापन देना होगा। अब राजनैतिक पार्टियों के लिए लम्बित आपराधिक मामलों वाले व्यक्तियों को उम्मीदवार के तौर पर चुने जाने, चुने जाने के कारण और यह कि बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवार क्यों नहीं चुना जा सका, संबंधी अख़बार, सोशल मीडिया और वैबसाईट पर विस्तृत जानकारी देना भी अनिवार्य है।

राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के निरीक्षण के लिए पर्याप्त सीएपीएफ और अनुभवी पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे।

मतदान वास्तव में लोकतंत्र का त्योहार हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सभी वोटर इस प्रक्रिया में खुले दिल से हिस्सा लेंगे। मैं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और नागरिकों को स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान को सुनिश्चित बनाने के लिए अपना सहयोग देने की अपील करूँगा।

आयोग ने हमेशा मीडिया को भी चयन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदार माना है। मीडिया संस्थाओं को नैतिक मतदान के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करनी चाहिए और प्रत्येक पात्र नागरिक में अपने मतदान के अधिकार का पूरी तरह से प्रयोग करने सम्बन्धी जि़म्मेदारी की भावना पैदा करनी चाहिए।