5 Dariya News

कीमती जानें बचाने के लिए एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉटस को प्राथमिक तौर पर ठीक करो ; राजा वडि़ंग द्वारा सम्बन्धित इंजीनियरिंग विभागों को हिदायत

पंजाब राज्य सडक़ सुरक्षा परिषद की 11वीं मीटिंग की की अध्यक्षता, वित्त विभाग को माँग अनुसार ज़रुरी फंडों का समय पर मुहैया करवाने के लिए कहा

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चंडीगढ़ 14-Dec-2021

पंजाब के परिवहन मंत्री अमरिन्दर सिंह राजा वडि़ंग ने यात्रियों के लिए सडक़ों को सबसे सुरक्षित बनाने सम्बन्धी राज्य के मिशन की रेखांकित करते हुये आज सम्बन्धित इंजीनियरिंग विभागों को सभी चिन्हित किये एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉटों (जिन स्थानों पर ज़्यादा हादसे होते हैं) को प्राथमिक तौर पर ठीक करने की हिदायत की।पंजाब भवन में मंगलवार दोपहर हुई पंजाब राज्य सडक़ सुरक्षा कौंसिल (पी.एस.आर.एस.सी.) की 11वीं मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये राजा वडि़ंग ने वित्त विभाग को राज्य मार्गों के ब्लैक स्पॉटों को ठीक करने की प्रक्रिया में लगे लोक निर्माण विभाग, स्थानीय निकाय और पंजाब मंडी बोर्ड की माँग पर ज़रुरी फंड समय पर जारी करने को यकीनी बनाने के लिए भी कहा।मीटिंग के बाद राजा वडि़ंग ने बताया कि राज्य सरकार ने अपने हाईवे, म्यूंसीपल और अन्य लिंक सडक़ों पर पड़ते 71 ब्लैक स्पॉटस को ठीक करने का काम पहले ही मुकम्मल कर लिया है, जबकि बाकी बचे 56 ब्लैक स्पॉटस पर काम तेज़ी से चल रहा है।ट्रैफिक़ इनफोरसमैंट आटोमेशन मुहिम को और तेज़ करने के फ़ैसले में कैबिनेट मंत्री ने राज्य में सडक़ सुरक्षा प्रणालियों को स्थापित करने में सहायता के लिए पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पीआईडीबी) की तरफ से ट्रांजैक्शनल सलाहकार और एक और सलाहकार की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।राजा वडि़ंग ने कहा कि सडक़ सुरक्षा उपकरणों की खऱीद और सडक़ सुरक्षा प्रणालियों की स्थापना मेरी प्राथमिकता है। उन्होंने आगे कहा कि सडक़ों पर हादसों के कारण होने वाली मौतों को रोका जा सकता है और हम इस मंतव्य की पूर्ति के लिए यत्नशील हूँ। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को बकाया सुधार कामों के लिए फंड अलॉटमैंट के लिए जल्द से जल्द संशोधित प्रस्ताव पेश करने के लिए भी कहा।

धुंध के कारण होते सडक़ हादसों पर चिंता ज़ाहिर करते हुये राजा वडि़ंग ने ए.डी.जी.पी. ट्रैफिक़ को भूसा(तूड़ी), लकड़ी और राडों के साथ ट्रालियों को ओवरलोड करने वालों के विरुद्ध सख़्त कानूनी कार्यवाही को यकीनी बनाने के लिए भी हिदायत की, जिससे लोगों की जान को ख़तरा बना रहता है। उन्होंने पुलिस को कहा कि वह सार्वजनिक हितों में ट्रैफिक़ नियमों की पालना के लिए औद्योगिक नेताओं की मदद लेने के लिए भी कहा। उन्होंने विभाग को ट्रांसपोर्ट वाहनों पर रिफलेक्टर लाने की संभावना की जांच करने के लिए भी कहा।मंत्री ने विभाग को राज्य भर में पंजाबी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में ट्रैफिक़ सिंगनल लगाने के निर्देश दिए।सडक़ सुरक्षा व्यवहार के बारे लोगों को अवगत करवाने के लिए एक निरंतर मीडिया मुहिम की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये राजा वडि़ंग ने पी.एस.आर.एस.सी. को पंजाब की सडक़ों को सबसे सुरक्षित बनाने के उद्देश्य की तरफ लोगों ख़ास कर नौजवानों को आकर्षित करने के लिए ऑडियों, वीडियो और सोशल मीडिया सामग्री तैयार करने के लिए लोक संपर्क विभाग के साथ तालमेल करने के लिए कहा।परिवहन मंत्री ने प्रमुख सचिव परिवहन को राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा माह 2022 के लिए इवेंट कैलंडर को अंतिम रूप देकर तुरंत लागू करने के लिए कहा। उन्होंने विभाग को नागरिकों में ट्रैफिक़ नियमों के बारे जागरूकता फैलाने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत सूची तैयार करने के लिए लोक संपर्क विभाग की सेवाएं लेने के लिए भी कहा।

इससे पहले मीटिंग में डायरैक्टर जनरल पीएसआरएससी आर. वैंकटरतनम ने मंत्री को अवगत करवाया कि परिवहन विभाग के सर्वेक्षण में 2019 में 12 जिलों में कुल 391 ब्लैक स्पॉटस की पहचान की गई, जिनमें से 264 राज्य में से गुजऱते राष्ट्रीय राज्यमार्गों पर थे। इन 264 में से 218 ब्लैक स्पॉटसों को दुरुसत कर दिया गया है और बाकी 49 पर काम चल रहा है। दूसरे पड़ाव में बाकी रहते 11 जिलों में 406 से अधिक स्थानों की शिनाख़्त की गई है, जिसके लिए सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की मंज़ूरी के बाद जल्द ही इनको दुरुसत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।ब्लैक स्पॉट सडक़ पर तकरीबन 500 मीटर लंबा एक ऐसा हिस्सा होता है, जिस पर या तो पिछले तीन सालों के दौरान मौतों और गंभीर चोटों समेत पाँच सडक़ दुर्घटनाएँ हुई हैं या 10 मौतें हुई हैं।मीटिंग में दूसरों के अलावा डायरैक्टर जनरल लीड एजेंसी रोड सेफ्टी आर वैंकटरतनम, प्रमुख सचिव परिवहन के सिवा प्रसाद, एडीजीपी ट्रैफिक़ एसएस श्रीवास्तव, एसटीसी अमरबीर सिंह सिद्धू, डायरैक्टर खज़़ाना और लेखा मुहम्मद तैयब, एसपी ट्रैफिक़ मनमीत सिंह, ट्रैफिक़ एडवाइजर पंजाब डा. नवदीप असीजा के अलावा तकनीकी डायरैक्टर एन.आई.सी. तरमिन्दर सिंह, चीफ़ इंजीनियर पी.डब्ल्यू.डी. टी.आर. कटनोरिया, मैंबर पी.एस.आर.एस.सी. राहुल वर्मा और साइट इंजीनियर एन.एच.ए.आई. मनिन्दर पाल सिंह मौजूद थे।