5 Dariya News

छप्पड़ें के पानी को शोध कर सिंचाई प्राजैक्ट लागू करने वाला पहला ज़िला बना कपूरथला

भूमि और जल संभाल मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने 3 गाँवों में प्राजैक्ट की शुरुआत की

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कपूरथला 12-Dec-2021

कपूरथला पंजाब का पहला ऐसा ज़िला बन गया है, जिसने गाँवों में छप्पड़ों के पानी को शोध कर भूमिगत पी.वी.सी. पायपों के द्वारा सिंचाई करने के प्राजैक्ट की शुरुआत की है।पंजाब के भूमि और जल संभाल मंत्री राणा गुरजीत सिंह की पहल से कपूरथला जिले के 3 गाँवों औजला जोगी, बिशनपुर और काला संघिया में लगभग 40.34 हैक्टेयर क्षेत्रफल में पायलट प्राजैक्ट के पहले पड़ाव के अंतर्गत सिंचाई शुरू हुई है।स. राणा गुरजीत सिंह के लगभग ढाई महीने पहले राज्य के भूमि और जल संभाल मंत्री के तौर पर पंजाब सरकार की तरफ से कपूरथला जिला का इस अलग प्राजैक्ट के लिए चयन किया गया, जिसके अंतर्गत 7 गाँवों अंदर छप्पड़ों के पानी को साफ़ करके भूमिगत पायपों के द्वारा सिंचाई की जानी थी, जिसमें से लगभग डेढ़ महीनो के रिकार्ड समय 3गाँवों में प्राजैक्ट को लागू किया गया है।गाँव औजला जोगी में प्राजैक्ट का उद्घाटन करने मौके कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि ‘पंजाब विधान सभा की तरफ से उनके नेतृत्व में 24 मार्च 2021 को पानी की संभाल सम्बन्धित 6 विधायकों वाली गठित की समिति की तरफ से जो 248 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें ज़मीन निचले पानी को बचाने के लिए छप्पड़ों के नवीनीकरण और पानी को शोधकर सिंचाई करने को बड़ी अहमीयत दी गई है।उन्होंने किसानों को ज़मीन निचले पानी को बचाने के लिए आगे आने का न्योता देते हुए कहा कि विधान सभा समिति की खोज अनुसार अनुसार 83 प्रतिशत ट्यूबवैल 300 फुट से भी ज़्यादा गहराई से पानी ले रहे है, जो कि बहुत ख़तरनाक पहलू है। इसके इलावा बाकी 17 प्रतिशत ट्यूबवैल 500 फुट से भी ज़्यादा गहरे हैं। 

उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग सभी 12,348 गाँवों में छप्पड़ों के पानी को सिंचाई के लिए बरताव के लिए प्राजैक्ट का घेरा बढ़ाने के लिए वह मुख्यमंत्री स. चरनजीत सिंह चन्नी और केंद्रीय जल स्रोत मंत्रालय के पास भी पहुँच करेंगे, क्योंकि पंजाब के पास केवल धरती निचला पानी ही अकेला कुदरती स्रोत है, जिसको बचाने के लिए छप्पड़ों के पानी के द्वारा सिंचाई सब से कारगर विधि है।इसके इलावा ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के साथ सांझा माहिर ग्रुप बनाने का भी प्रस्ताव है, जिससे पंचायती ज़मीनों पर इस प्राजैक्ट के अंतर्गत अधिक से अधिक सिंचाई की जा सके।इस अवसर पर भूमि और जल संभाल विभाग के आधिकारियों ने प्राजैक्ट के काम करने के तरीको के बारे में बताया कि छप्पड़ का शोध हुआ पानी डीज़ल पंप के साथ लिफ़्ट करके भूमिगत पायपों के द्वारा खेतों तक पहुँचाया जायेगा। इससे न सिर्फ़ 25 से 30 प्रतिशत तक ज़मीन निचले पानी की बचत होगी बल्कि छप्पड़ों की सफ़ाई होने के साथ गाँवों अंदर जन सेहत संभाल में भी बड़ी मदद मिलेगी। जिन 3 गाँवों में प्राजैक्ट की शुरुआत की गई है, उसमें बिशनपुर में 10 लाख 79 हज़ार रुपए के साथ 8.30 हेक्टेयर क्षेत्रफल, गाँव औजला जोगी में 14 लाख 10 हज़ार रुपए के साथ 16.40 हेक्टेयर, काला संघिया में 23.84 लाख रुपए के साथ 25.64 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई की जायेगी। इसके इलावा खुखरैण, नवा पिंड, चक्क दीना और भंडाल दोना में भी इस प्राजैक्ट के अंतर्गत सिंचाई जल्द शुरू की जा रही है।इस अवसर पर मुख्य भूमि पाल पंजाब महेन्दर सिंह सैनी, मंडल भूमि रक्षा अधिकारी, ढिल्लों मंडल भूमि रक्षा अधिकारी जालंधर दिलावर सिंह, मार्केट समिति के चेयरमैन अवतार सिंह, उप मंडल भूमि रक्षा अधिकारी कपूरथला मनप्रीत सिंह, उप मंडल भूमि रक्षा अधिकारी लुपिन्दर कुमार, जसरितु कौर, भूमि रक्षा अधिकारी सुशील कुमार, राहुलदीप सिंह, दीपक वर्मा,कुलविन्दर सिंह, अमरजीत सिंह उपस्थित थे।