5 Dariya News

लखीमपुर नरसंघार के खिलाफ `आप' ने चंडीगढ़ में किया जोरदार रोष प्रदर्शन

जरनैल सिंह, अमन अरोड़ा और अनमोल गगन मान ने पंजाब राज्यपाल के आवास के बाहर दिया धरना

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चंडीगढ़ 06-Oct-2021

लखीमपुर खीरी में केंद्र के तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे चार किसानों को एसयूवी गाड़ी के नीचे कुचलकर मारने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के गुंडे बेटे आशीष मिश्रा को तुरंत गिरफ्तार करने और मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब द्वारा राज्यपाल के आवास, राजभवन के सामने जोरदार रोष प्रदर्शन किया गया।`आप' के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जहां राज्यभवन की मुख्य सडक़ पर धरना देकर पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ाई, वहीं सेक्टर-4 स्थित एमएलए हॉस्टल कांप्लेक्स में `आप' के विधायकों, पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ता पुलिस के वाटर कैनन की परवाह न करते हुए पुलिसकर्मियों के लिए चुनौती बने रहे।पार्टी द्वारा पुलिस-प्रशासन को चुनौती देने की रणनीति के तहत पंजाब भर के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एमएलए हॉस्टल में इकट्ठा किया गया। वहीं, दूसरी ओर पंजाब मामलों के इंचार्ज एवं दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह, विधायक अमन अरोड़ा और यूथ विंग पंजाब की सह-प्रभारी अनमोल गगन मान की अगुवाई में नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक जत्था राजभवन के सामने पहुंच गया, जहां पुलिस द्वारा पहले से भारी नाकेबंदी/बैरिकेडिंग की गई थी।`आप' नेताओं ने राजभवन के समीप लगाए नाके पर ही धरना दे दिया और केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आगे बढ़ने की जद्दोजहद के दौरान `आप' नेताओं की पुलिस-प्रशासन के साथ काफी धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद जरनैल सिंह, अमन अरोड़ा, मास्टर बलदेव सिंह और अनमोल गगन मान समेत दर्जनों अन्य कार्यकर्ता और नेताओं को पुलिसकर्मी हिरासत में लेकर सेक्टर-3 के पुलिस थाने ले गए।जरनैल सिंह और अमन अरोड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी पंजाब के राज्यपाल के जरिए केंद्र की मोदी और यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से यह सवाल पूछना चाहती है कि सत्ता के नशे में अंधे होकर अन्नदाता को अपनी गाडिय़ों के नीचे कुचलने वाले मंत्री के गुंडे बेटे को यूपी पुलिस गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐसी क्या मजबूरी है कि अभी तक दरिंदे बेटे के मंत्री पिता को केंद्रीय मंत्रीमंडल से बर्खास्त क्यों नहीं किया गया? क्या यह काले खेती कानूनों के खिलाफ अपने हक की लड़ाई लड़ रहे देश भर के किसानों के लिए बदले की आग है कि मोदी और योगी सरकार किसानों के खून की इस कदर प्यासी हो गई है? किसान आंदोलन में फिलहाल तक साढ़े सात सौ किसान शहीद हो चुके हैं। 

क्या इतनी जान लेकर भी भाजपा की खूनी प्यास नहीं बुझी? क्या मोदी और अमित शाह बताएंगे कि अजय मिश्रा के गृह राज्य मंत्री रहते लखीमपुर खीरी मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच संभव है? क्योंकि देश भर का पुलिस तंत्र अजय मिश्रा के अधीन है।वहीं, एमएलए हॉस्टल परिसर के दोनों गेट पर भारी बैरिकेडिंग कर पुलिस-प्रशासन ने वाटर कैनन और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। इस कारण `आप' विधायक, पदाधिकारी और सैकड़ों कार्यकर्ताओं समेत मीडिया कर्मी भी अंदर ही बंद कर दिए गए। लखीमपुर खीरी घटना और काले कृषि कानूनों के खिलाफ भाषणबाजी और नारेबाजी के बाद जैसे ही `आप' का काफिला विधानसभा में विरोधी पक्ष की उप-नेता सरबजीत कौर माणुके, प्रिंसिपल बुद्धराम, मास्टर बलदेव सिंह जैतों, कुलवंत सिंह पंडोरी, मनजीत सिंह बिलासपुर, जै सिंह रोड़ी (सभी विधायक), पंजाब जनरल सेक्रेटरी हरचंद सिंह बरसट और प्रदेश खजांची नीना मित्तल की अगुवाई में एमएलए हॉस्टल के गेट की ओर बढ़ा और बैरिकेडिंग लांघने का प्रयास किया तो पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की अंधाधुंध बौछारें कर दी। लेकिन आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद रहे। वाटर कैनन का इस्तेमाल करीब एक घंटे, उस समय तक किया जाता रहा, जब तक कि कैनन ट्रक का ईंजन धुआं-धुआं होकर बंद नहीं हो गया। इस दौरान बैरिकेडिंग लांघने का प्रयास कर रही `आप' ब्रिगेड को रोकने वाली पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार दूसरे गेट से बसें लाकर चंडीगढ़ पुलिस ने `आप' नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।इस मौके पर सरबजीत कौर माणुके ने पुलिस के अत्याचारी रवैए की सख्त निंदा करते हुए बताया कि पुलिस की तानाशाही के कारण पार्टी के काफी कार्यकर्ता और नेता घायल हो गए। लेकिन पुलिस-प्रशासन ने एक भी एंबुलैंस का प्रबंध नहीं किया। `आप' विधायकों ने कहा कि शांतिपूर्वक रोष प्रदर्शन करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है लेकिन भाजपा सरकार में तानाशाह हिटलर की आत्मा प्रवेश कर चुकी है। इसलिए यह विरोधी पक्ष और विरोध कर रहे किसानों को कीड़े-मकौड़े समझकर कुचलने में लगे हैं। लेकिन भाजपा का अत्यचारी रवैया देश के अन्नदाता और आम आदमी पार्टी के बुलंद हौसलों को मात नहीं दे सकता।इस मौके पर लखवीर सिंह राय, हरजोत सिंह बैंस, चेतन सिंह जोड़माजरा, सन्नी सिंह आहलुवालिया, सतीश सैणी, राज लाली गिल, गोबिंदर मित्तल, प्रभजोत कौर आदि नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे।