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भारत माला रोड परियोजना के तहत पंजाब के किसानों के साथ 10 से 20 हज़ार करोड़ का हुआ धोखा: दिनेश चड्ढा

कांग्रेस और बादल सरकार के कलेक्टर रेट कम करने से किसानों को हुआ भारी नुकसान

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चंडीगढ़ 09-Sep-2021

भारत माला परियोजना के तहत पंजाब में बनने वाली विभिन्न सड़कों के लिए एक्वायर की जा रही जमीनों का कम मुआवजा दिए जाने के कारण पंजाब के किसानों के साथ 10 से 20 करोड़ों रुपये की ठगी हुई है।आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने आज यहां इसका खुलासा करते हुए कहा कि 2013 में भूमि मुआवजा अधिनियम के लागू होने के बाद अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकार ने पंजाब में जमीन पर कलेक्टर रेट लगातार कम किया है और सही बाजार मूल्य तय नहीं किया, जिसके चलते प्रदेश का किसान खुद को ठगा महसूस कर रहा है।गुरुवार को यहां पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिनेश चड्ढा ने कहा कि भारत माला परियोजना 2015 में बनी  थी और तत्कालीन शिअद-भाजपा सरकार को इसके तहत भूमि अधिग्रहण के बारे में पता था, लेकिन फिर भी किसानों के हितों के खिलाफ जाकर शिअद-भाजपा सरकार ने 2015 में जमीन की  कलेक्टर दरों में 15 फीसदी कटौती कर दी थी और फिर 2017 में कैप्टन सरकार ने इसे  घटाकर 10 फीसदी  कर दिया।चड्ढा ने आरोप लगाया कि कैप्टन सरकार ने किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए न तो केंद्र सरकार के साथ कोई ठोस नीति बनाई और न ही जमीन का वास्तविक बाजार मूल्य तय करने के लिए कोई योजना बनाई।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए पंजाब से 25,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है और घटाए गए कलेक्टर रेट तथा अनुचित मार्किट मूल्य तय करके जमीन के मुआवजे में प्रति एकड़ 40 लाख तक का अंतर आ गया है, क्योंकि मार्किट मूल्य से करीब 4 गुणा अधिक मुआवजा किसानों को मिलता है।लेकिन पंजाब में विभिन्न जगहों पर जमीन के कलेक्टर रेट में 5 लाख, 10 लाख रुपये व इस से अधिक दाम के मुताबिक प्रति एकड़ में कटौती हुई है। जिस कारण किसानों को पूरी 25,000 एकड़ जमीन के लिए 10,000 से 20,000 करोड़ रुपये से भी कम मुआवजा मिला है।इस मौके पर रोड किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रधान सुखदेव सिंह ढिल्लों तथा कोऑर्डिनेटर हरमनप्रीत सिंह ने बताया कि भूमि अधिग्रहण से पूर्व न तो किसानों से कोई सुझाव मांगा गया और न ही जन सुनवाई के दौरान उठाई गई मांगों पर विचार किया गया।उन्होंने कहा कि और तो और 1 लाख किसान परिवारों को प्रभावित करने वाले इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले सर्विस रोड तथा गांव के कटों जैसे अहम मामलों पर भी विचार नहीं किया गया। किसान नेताओं ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक हुई तो मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक कराने का वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ है। चड्ढा ने कहा कि पंजाब व केंद्र सरकार को किसानों की मांग के मुताबिक जमीन का मुआवजा देना चाहिए और किसानों की शिकायतों को दूर करना चाहिए।