5 Dariya News

पंजाब यूनिवर्सिटी के मामले पर देश के उप राष्ट्रपति को मिलेगा आप का प्रतिनिधिमंडल : हरपाल सिंह चीमा

चीमा की अगुवाई में आप विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने छात्रों के धरने में शिरकत की

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चंडीगढ़ 24-Aug-2021

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में सीनेट चुनाव को तत्काल कराने की मांग को लेकर छात्रों के धरने का पुरजोर समर्थन किया है।आप के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में आप विधायकों और नेताओं ने मंगलवार को  कुलपति कार्यालय  के बाहर धरने पर बैठे छात्रों के धरने का समर्थन किया। इस मौके पर यूथ विंग पंजाब के अध्यक्ष और विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर के साथ कुलतार सिंह संधवां, मनजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी, जय सिंह रोढ़ी, अमरजीत सिंह संदोआ, पार्टी नेता मलविंदर सिंह कंग, गगनदीप सिंह चड्ढा, नरिंदर सिंह शेरगिल, परमिंदर सिंह गोल्डी, नवजोत सिंह सैनी, गैरी वडिंग, दिनेश चड्ढा, गोबिंदर मित्तल, हर्ष जालंधरी और भूपिंदर सिंह बाठ भी मौजूद थे।इस मौके पर हरपाल सिंह चीमा और कुलतार सिंह संधवां ने घोषणा की कि पंजाब विश्वविद्यालय के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के विधायक और सांसद  विश्वविद्यालय के छात्र नेता, टीचिंग स्टाफ के नेताओं और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को साथ लेकर उपराष्ट्रपति और पीयू के चांसलर वेंकैया नायडू से मिलेंगे, जिसके लिए उपराष्ट्रपति से समय मिला गया है। उन्होंने पार्टी के अन्य नेताओं से इस मुद्दे पर एकजुट होने और केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव बनाने की भी अपील की।चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। दिल्ली की केजरीवाल सरकार अपने बजट का 26 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करती है, जिसने दिल्ली में स्कूलों और उच्च शिक्षा  को पूरी तरह बदल दिया है।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई तो दिल्ली की तरह पंजाब में भी स्वास्थ्य और शिक्षा प्राथमिक मुद्दे होंगे। पंजाब के दम तोड़ रहे सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को वित्तीय और प्रशासनिक संकट से बाहर निकाला जाएगा। इसके अलावा चीमा ने यह भी  कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के लिए पंजाब सरकार का बजट दोगुना किया जाएगा।हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) के इशारे पर पंजाब विश्वविद्यालय का भगवाकरण करना चाहती है, जिसे  बर्दाश्त नहीं  किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट एक लोकतांत्रिक बॉडी है जिसमें शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हर वर्ग को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है, लेकिन मौजूदा कुलपति विश्वविद्यालय से पंजाब के प्रतिनिधित्व को खत्म करने के लिए मोदी सरकार के इशारे पर सीनेट चुनाव नहीं कराना चाहते हैं।उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट में ग्रेजुएट कोंस्टीटूएंसी  में पंजाब के 15 युवा चुनकर आएंगे  तथा ये चुने गए नौजवान पंजाब के छात्रों के अधिकारों और मांगों के लिए आवाज उठाएंगे।चीमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी विश्वविद्यालय के कुलपति भाजपा की मोदी सरकार के इशारे पर सीनेट का चुनाव नहीं होने दे रहे हैं। उनकी मंशा सीनेट की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को समाप्त करना है और अपने प्रतिनिधियों को नामजद कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) के एजेंडे को लागू करना है।विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने स्पष्ट किया कि पंजाब विश्वविद्यालय सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान ही नहीं बल्कि पंजाब का गौरव और विरासत भी है। इसलिए इस विरासत को हड़पने की भारतीय जनता पार्टी की सभी साजिशों को नाकाम कर दिया जाएगा। चीमा ने मांग की कि पंजाब विश्वविद्यालय में  जल्द से जल्द सीनेट चुनाव कराए जाएं और सीनेट की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहाल किया जाए।