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कश्मीर के मुद्दे को लेकर गांधी परिवार स्पष्ट करे अपना रुख : हरपाल सिंह चीमा

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चंडीगढ़ 23-Aug-2021

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपने सलाहकारों के माध्यम से  कश्मीर को लेकर जो विवादास्पद टिप्पणी कर रहे हैं, इस संबंध में कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि क्या गांधी परिवार भी कश्मीर पर भारत का  कब्जे होने की बात को स्वीकार करता है?।सोमवार को पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी और दिल्ली से विधायक जरनैल सिंह की मौजूदगी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि पंजाब व पंजाब की जनता के महत्वपूर्ण मुद्दों के बजाय कश्मीर को लेकर इस तरह के अनावश्यक,गैर-जिम्मेदार बयान कांग्रेस और नवजोत सिंह सिद्धू की  सोची समझी साजिश है।ऐसा कर सिद्धू कांग्रेस के चुनावी वादों से पंजाब के लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं क्योंकि लोगों ने नवजोत सिंह सिद्धू के अध्यक्ष बनने के बाद 2017 में कांग्रेस द्वारा किए गए लिखित वादों का हिसाब मांगना शुरू कर दिया है।

चीमा ने कहा कि सत्ता में रहकर भी विपक्षी पार्टी के तरह पेश आ रहे नवजोत सिंह सिद्धू को जब जमीनी हकीकत से जुड़े सवालों का सामना करना पड़ा तो सिद्धू ने अपने सलाहकारों के माध्यम से विवादास्पद टिप्पणी कर दी ताकि लोगों का ध्यान दूसरी तरफ भटक जाए और कुछ दिन और राहत मिल जाए।उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता ने नवजोत सिद्धू समेत कांग्रेस के सभी मंत्रियों से महंगी बिजली और घातक बिजली समझौते, बेरोजगारी, बेरोजगारी भत्ते, घर-घर रोजगार और नशा माफिया, बालू माफिया, केबल माफिया, परिवहन माफिया, जमीन माफिया,मंडी माफिया सहित चीनी माफिया बारे सवाल पूछे जा रहे हैं, जिनसे वे बचने के प्रयास किए जा रहे हैं।कांग्रेस सरकार के खराब प्रदर्शन पर बोलते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बेरोजगार शिक्षक, पेंशन भोगी, कर्मचारी, कच्चे कर्मचारी, पैरालंपिक पदक विजेता, आंगनवाड़ी और आशा वर्कर, डॉक्टर, नर्स, पशु चिकित्सक, किसान, खेत मजदूर, दलित, व्यापारी सहित तमाम लोग धरने पर बैठे नवजोत सिद्धू से जवाब मांग रहे हैं, लेकिन  सिद्धू लोगों के सवालों से भागने की कोशिश कर रहे हैं।एक सवाल के जवाब में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि वह पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के आधिकारिक सलाहकार नवजोत सिद्धू से सलाह किए बिना ऐसा विवादित बयान नहीं दे सकते। चीमा ने इसे नवजोत सिद्धू और उनके सलाहकारों द्वारा देश को बांटने की कोशिश करार दिया।

गन्ने का मूल्य प्रति क्विंटल 400 रुपए निर्धारित करे प्रदेश सरकार: हरपाल सिंह चीमा

आप ने गन्ने से संबंधित बैठकों में राणा गुरजीत का होना बिल्ली का दूध की रक्षा करने के समान बताया

विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कैप्टन सरकार पर गन्ना किसानों को लेकर सरकार की मंशा साफ न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कहा कि गन्ने की कीमत पर किसानों और सरकार के बीच बैठकों में राणा गुरजीत सिंह की उपस्थिति दूध की रक्षा की जिम्मेदारी बिल्ली को देने के बराबर है।चीमा ने मांग की कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और मंत्री सुखजिंदर सिंह सुखी रंधावा स्पष्ट करें कि राणा गुरजीत सिंह को गन्ना विकास बोर्ड और गन्ना मूल्य निर्धारण बैठकों में शामिल करने की क्या मजबूरी थी?क्या कांग्रेसी बताएंगे कि राणा गुरजीत सिंह की गन्ना मिलों पर किसानों का कितना करोड़ रुपये का बकाया है? उन्होंने आरोप लगाया कि राणा शुगर्स की देनदारी सबसे खराब है। फिर डिफाल्टर मिल मालिक से गन्ना किसानों के हितों की रक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है।हरपाल सिंह चीमा ने मांग की कि राणा गुरजीत सिंह को गन्ना मूल्य निर्धारण बैठकों  से दूर किया जाए और गन्ना विकास बोर्ड से तुरंत हटा दिया जाए।चीमा के कहा कि  जब तक गन्ना मूल्य वृद्धि और बकाया भुगतान पर बैठकों में राणा गुरजीत सिंह जैसे चीनी मिल माफिया की उपस्थिति और हस्तक्षेप रहेगा, तब तक गन्ना किसानों को सही मूल्य मिलने और उनके हितों की रक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती है। चीमा ने सबसे कम कीमत का हवाला देते हुए गन्ने की कीमत एसएपी 400 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की मांग की।