5 Dariya News

सर्वोत्तम थ्रो से चूकने के बावजूद कमलप्रीत 6वां स्थान हासिल करके अब तक का बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भारतीय खिलाड़ी बनीः राणा सोढी

कमलप्रीत का लाइव मुकाबला देखते हुए भावुक हुए राणा सोढी

5 Dariya News

चंडीगढ़ 02-Aug-2021

पंजाब के खेल एवं युवा सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने आज पंजाब सिविल सचिवालय-1 स्थित अपने कार्यालय में टोक्यो ओलम्पिक्स में डिस्कस थ्रो के फ़ाईनल मुकाबले का सीधा प्रसारण देखते हुए कमलप्रीत कौर का मनोबल बढ़ाया। इस मौके पर उनके साथ दूसरों के अलावा मुख्य सचिव श्री राज कमल चौधरी और डायरैक्टर खेल श्री डी.पी.एस. खरबन्दा और संयुक्त डायरैक्टर श्री करतार सिंह मौजूद थे।कमलप्रीत कौर का मुकाबला देखते हुए राणा सोढी कई बार भावुक हुए और कहा, “हालाँकि कमलप्रीत कौर फ़ाईनल में अपना सर्वोत्तम थ्रो फेंकने से चूक गई परन्तु फिर भी उसने कुल 12 फाईनलिस्टों में 6वें रैंक के साथ भारत का सर्वोत्तम स्थान हासिल किया है। उसने 6वां स्थान हासिल करके थ्रो के तीन और मौके हासिल किये।“टोक्यो में कमलप्रीत कौर के फ़ाईनल मुकाबले से पहले गाँव कबरवाला (मलोट) में रहते उसके माता-पिता के साथ ऑनलाइन बातचीत करते हुए राणा सोढी ने उनको इस ऐतिहासिक पल के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “हर पंजाबी को गर्व है कि कमलप्रीत कौर ने पंजाब और भारत का नाम विश्वभर में रौशन किया है।

“हालाँकि बारिश के कारण मुकाबले को रोक दिया गया था परन्तु खेल मंत्री और मुकाबला देख रहे अन्य अधिकारियों का उत्साह कम नहीं हुआ और हर कोई लगातार कमलप्रीत कौर की जीत के लिए दुआएं करता रहा।ज़िक्रयोग्य है कि राष्ट्रीय रिकार्ड धारक कमलप्रीत कौर ने 64 मीटर के थ्रो के साथ ओलम्पिक में दूसरा स्थान प्राप्त करके टोक्यो ओलम्पिक के फ़ाईनल के लिए क्वालीफाई किया था। इससे पहले भारत में उसने 65.06 मीटर थ्रो के साथ 2012 में राष्ट्रमंडल खेल की चैंपियन कृष्णा पुनिया द्वारा 64.76 मीटर के थ्रो के साथ कायम किये गए 9 साल के राष्ट्रीय रिकार्ड को तोड़ा था।इससे पहले सुबह के समय महिला हॉकी टीम के ओलम्पिक सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने पर खुशी ज़ाहिर करते हुए राणा सोढी ने ट्वीट किया, “यह एक शानदार जीत है। हमारी लड़कियों ने शानदार प्रदर्शन किया है और टीम इंडिया ने तीन बार ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता आस्ट्रेलिया को 1-0 के साथ हराया है। लड़कियों की टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में प्रवेश करके इतिहास रचा है और हमारा दिल जीत लिया है। यह भी ख़ुशी की बात है कि एकमात्र गोल पंजाब की गुरजीत कौर ने किया।“