5 Dariya News

केंद्रीय विद्युत मंत्री ने राज्य विद्युत वितरण इकाइयों की नौवीं एकीकृत रेटिंग और रैंकिंग जारी की

भारतीय विद्युत क्षेत्र, वितरण क्षेत्र की वास्तविक स्थिति के निष्पक्ष और सटीक मूल्यांकन से लाभान्वित होगा जो बदले में इसके प्रदर्शन का आकलन और सुधार करने में मदद करेगा: श्री आर के सिंह

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नई दिल्ली 16-Jul-2021

केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, आर के सिंह ने आज यहां राज्य विद्युत वितरण इकाइयों के लिए नौवीं एकीकृत रेटिंग जारी की। मंत्री ने सराहना की कि वित्तीय वर्ष 2019-20 की रेटिंग अवधि के लिए 41 राज्य विद्युत वितरण इकाइयों को शामिल करते हुए नौवीं वार्षिक एकीकृत रेटिंग अभ्यास सभी इकाइयों की उत्साहपूर्ण भागीदारी के साथ पूरा किया गया है।उन्होंने सभी हितधारकों, विशेष रूप से राज्य वितरण इकाइयों को उनकी सक्रिय भूमिका और इस समय जारी महामारी के बावजूद नौवीं वार्षिक एकीकृत रेटिंग अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा करने में समर्थन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय विद्युत क्षेत्र को वितरण क्षेत्र की वास्तविक स्थिति के निष्पक्ष और सटीक आकलन से लाभ होगा जो बदले में इसके प्रदर्शन का आकलन एवं सुधार करने में मदद करेगा। इससे राज्य सरकारों, ऋण देने वाली संस्थाओं और अन्य हितधारकों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी।मंत्री ने विद्युत वित्त निगम (पीएफसी) के गठन के 35 गौरवशाली वर्ष पूरे करने पर भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान, पीएफसी एक प्रमुख गैर बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) और भारतीय बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण में एक प्रमुख कंपनी बन गयी है। उन्होंने कहा कि पीएफसी बिजली क्षेत्र के लिए सरकारी सुधार योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार होगा जैसे कि 3 ट्रिलियन रुपए की 'सुधार-आधारित और परिणाम-संबद्ध, पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना', आत्मानिर्भर विद्युत वितरण कंपनी पैकेज, आदि। उन्होंने तेज विकास और वृद्धि के पथ पर अग्रसर होने के लिए पीएफसी की सराहना की। उन्होंने कामना की कि पीएफसी की विरासत इसी तरह कायम रहे और विद्युत क्षेत्र के सभी हितधारकों को प्रेरित करे।श्री सिंह ने आगे 1.52 लाख सीकेएम की ट्रांसमिशन लाइनों को जोड़कर वन नेशन-वन ग्रिड-वन फ्रीक्वेंसी के लक्ष्य को प्राप्त करने की बात कही। बुनियादी ढांचे के निर्माण और आपूर्ति पक्ष के अंतर को पाटने के अलावा, सरकार ने उपभोक्ता सशक्तिकरण पर भी ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में अधिसूचित "बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020" इस दिशा में उठाया गया एक कदम है।

यह प्रमुख पहल उपभोक्ता को सबसे महत्वपूर्ण बनाएगी  और यह देश भर में जीने में आसानी और व्यापार करने में आसानी को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।श्री सिंह ने कहा कि एक मजबूत और कुशल विद्युत वितरण क्षेत्र विद्युत क्षेत्र के प्रदर्शन और व्यवहार्यता की कुंजी है और राज्य विद्युत इकाइयां भारत में बिजली के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) और एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस) के माध्यम से सभी घरों को हर समय बिजली की आपूर्ति प्रदान करने के लिए जरूरी वितरण प्रणाली को मजबूत करने में राज्यों का समर्थन कर रही है।श्री आर के सिंह ने बताया कि 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत सरकार तरलता के माध्यम से बिजली क्षेत्र का समर्थन कर रही है ताकि इस क्षेत्र को महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में सक्षम बनाया जा सके। इस संबंध में सभी राज्य विद्युत वितरण कंपनियों/विद्युत विभाग की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करने के उद्देश्य से आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा हाल ही में एक सुधार-आधारित और परिणाम-संबद्ध, संशोधित वितरण क्षेत्र योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना में आपूर्ति अवसंरचना के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण के लिए वितरण कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। राज्य अपनी वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए योजना के तहत धन प्राप्त कर सकते हैं। जहां वितरण कंपनियां घाटे में हैं, राज्य इस योजना के तहत धन की निकासी तभी कर पाएंगे जब वे इन नुकसानों को कम करने के उपाय करेंगे। इसलिए, वित्त पोषण सुधारों से जुड़ा हुआ है। विद्युत वितरण कंपनियों के प्रदर्शन में पहले से ही सुधार हुआ है। मंत्री ने कहा कि यह योजना सुधारों को और आगे ले जाएगी।इस अवसर पर विद्युत राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर, विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री आलोक कुमार,  राज्य सरकारों के ऊर्जा सचिव, राज्य वितरण इकाइयों के मुख्य प्रबंधन निदेशक (सीएमडी), पीएफसी के मुख्य प्रबंधन निदेशक और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के मुख्य प्रबंधन निदेशकभी उपस्थित थे।एकीकृत रेटिंग अभ्यास विद्युत मंत्रालय द्वारा अनुमोदित पद्धति के अनुसार 2012 से वार्षिक आधार पर किया जाता है। इस अभ्यास में वर्तमान में 22 राज्यों में फैले 41 राज्यों की वितरण इकाइयां शामिल हैं। आईसीआरए और केयर नामित क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां हैं। नौवीं एकीकृत रेटिंग आईसीआरए एनालिटिक्स लिमिटेड (आईएएल) और केयर एडवाइजरी रिसर्च एंड ट्रेनिंग लिमिटेड (कार्ट) द्वारा की गयी है जो क्रमशः आईसीआरए रेटिंग और केयर की परामर्श शाखाएं हैं। विद्युत मंत्रालय ने विद्युत वित्त निगम (पीएफसी) को रेटिंग अभ्यास के दौरान इकाइयों, रेटिंग एजेंसियों और विद्युत मंत्रालय के साथ समन्वय करने का अधिकार दिया है। सभी 41 इकाइयों की नौवीं एकीकृत रेटिंग रिपोर्ट विद्युत मंत्रालय को सौंप दी गई है और आज जारी की जा रही है।