सीधी बिजाई प्रति किसानों को प्रेरित करने के लिए स्वंय खेतों में पहुँचे डिप्टी कमिश्नर
35000 एकड़ क्षेत्रफल में सीधी बिजाई का लक्षय, सुल्तानपुर, भुलत्थ और फगवाड़ा में भी सीधी बिजाई की प्रर्दशनियां
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कपूरथला 03-Jun-2021
कपूरथला जिले में किसानों को धान की सीधी बिजाई प्रति उत्साहित करने के लिए डिप्टी कमिश्नर श्रीमती दीप्ति उप्पल ने स्वंय खेतों में जा कर धान की सीधी बिजाई का जायज़ा लिया, वही किसानों के साथ बातचीत करके सीधी बिजाई अधिक से अधिक करने के लिए प्रेरित किया।वह आज एस.डी.ऐम. कपूरथला श्री वरिन्दरपाल सिंह बाजवा, मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुशील कुमार के साथ गाँव कड़ाल नौ आबाद में किसान दविन्दर सिंह और रेशम सिंह के खेतों में पहुँचे। इन किसानों की तरफ से पिछले साल की तरह इस बार भी अपनी 10 -10 एकड़ ज़मीन में धान की सीधी बिजाई की है।डिप्टी कमिश्नर ने किसानों के पास से सीधी बिजाई के लाभ, बिजाई में कठिनाईयों और इसकी बिजाई के बारे में तकनीकी नेतृत्व के बारे में बातचीत की।उन्होनें बताया कि पिछले साल जिले में 27 हज़ार एकड़ क्षेत्रफल में धान की सीधी बिजाई हुई थी, जिसके अंतर्गत सुल्तानपुर ब्लाक में लगभग 50 प्रतिशत क्षेत्र अंदर सीधी बिजाई हुई थी।
इस बार यह लक्ष्य 35 हज़ार एकड़ रखा गया है, जिसके लिए कृषि विभाग की तरफ से किसानों तक विशेष टीमें बनाकर पहुँच की जा रही है।इसके इलावा डिप्टी कमिश्नर के निर्देशों पर फगवाड़ा, सुल्तानपुर, भुलत्थ में भी एस.डी.एमज़ की तरफ से सीधी बिजाई के प्रदर्शनी प्लांटों का दौरा किया गया।इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुशील कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से पहली से 15 जून तक धान की सीधी बिजाई के लिए उपयुक्त समय बताया गया है।इस के इलावा कोविड कारण मजदूरों की कमी के चलते सीधी बिजाई किसानों के लिए वित्तीय तौर पर भी लाभदायक है ,क्योंकि इसके साथ प्रति एकड़ 3500 से 4000 रुपए की बचत होती है ,जबकि पानी की 10 से 15 प्रतिशत तक बचत होती है।किसान दविन्दर सिंह ने अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया कि पिछले साल सीधी बिजाई के साथ उनका न सिर्फ़ लगवाई का खर्चा कम हुआ था बल्कि धान के झाड़ में भी कोई कमी नहीं आई थी।इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर ने नज़दीक ही कृषि और किसान भलाई विभाग की तरफ से किसानों को धान की सीधी बिजाई की तकनीक और लाभ, खादों के प्रयोग के बारे में अवगत करवाने के लिए एक पुस्तिका भी जारी की ।इस अवसर पर कृषि अधिकारी डा. अश्वनी, डा. एच.पी.एस. भरोत, डा. बलकार सिंह, ए.डी.ओ डा. विशाल कौंसिल और अन्य अधिकारी और किसान उपस्थित थे।