5 Dariya News

रिसर्च को बढावा देने के लिए चितकारा यूनिवर्सिटी और सी-डैक ने मिलाया हाथ

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बनूड (राजपुरा) 10-May-2021

रिसर्च व इनोवेशन को बढावा देने के लिए चितकारा यूनिवर्सिटी, पंजाब, और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कंप्यूटिंग ( सी -डैक ), मोहाली ने आज यहां एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।सी डैक  के 33वें स्थापना दिवस के वर्चुअल समारोह के मौके पर इस समझोते पर दस्तखत किए गए जिसकी अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य डाक्टर वीके सारस्वत, सदस्य ने की।  एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए सी डैक  मोहाली कार्यकारी निदेशक, डाक्टर पीके खोसला ने कहा कि  "सी-डैक, मोहाली का जोर जिन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा है उनमें साइबर सुरक्षा,  हैल्थ केयर टेक्नालाजी, एग्री कल्चर टैक्नालाजी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस व एंबेडेड सिस्टम है।  चितकारा यूनिवर्सिटी कैंपस का दौरा करने और वहां की लीडरशिप टीम से मिलने के बाद, मुझे सी-डैक और चितकारा यूनिवर्सिटी के बीच तालमेल का यकीन था। मैंने यूनिवर्सिटी  की रिसर्च लैब व अन्य सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दौरा किया मैं यूनिवर्सिटी में की जा रही हैं अत्याधुनिक रिसर्च को देखकर बहुत प्रभावित हुआ। खासकर इमर्सिव एंड इंटरेक्टिव टेक्नालाजी लैब, सीओई इन वीएलएसई डिजाइन व सीओई इन साइबर सिक्योरिटी व आईओटी क्षेत्रों की रिसर्च विशेषकर उल्लेखनीय है। चितकारा यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर  डाक्टर अर्चना मंत्री इस  महत्वपूर्ण अवसर पर अत्यंत खुश थीं। उन्होंने कहा कि  सिर्फ तालमेल व सहयोग ही है जिसके जरिए हम बडी छलांग लगा सकते हैं।  चितकारा यूनिवर्सिटी में, हम राष्ट्र के बौद्धिक मूल्य में योगदान करना चाहते हैं और युवा पीढ़ी कोनवाचारों को सामने लाने में मदद करते हैं जो लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सके। यह समझौता उस दिशा में एक कदम है। "चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉक्टर मधु चितकारा व सी डैक मोहाली के कार्यकारी निदेशक  डॉ पीके खोसला, ने एक वर्चुअल समारोह में हस्ताक्षर किए।  एमओयू पर हस्ताक्षर करते समय, डॉक्टर मधु चितकारा ने घोषणा की, "हम 700 वें पेटेंट को दाखिल कर रहे हैं और संयोग से आज हमारे 70 वें पेटेंट को मंजूरी दे दी गई है। आज हम 1800 स्कोप्स इंडेक्सड पब्लिकेशंस मार्क को भी पार कर रहे हैं। उन्होंने एमओयू पर हस्ताक्षर को अनुसंधान बिरादरी के लिए एक सकारात्मक कदम माना।समारोह में चितकारा यूनिवर्सिटी  और सी-डैक के शीर्ष नेतृत्व ने भाग लिया। इस समझौते के जरिए टेक्नालाजी का संयुक्त विकास हो सकेगा और साथ में मास्टर्स व पीएचडी स्कालर्स पर संयुक्त रूप से निगरानी भी रखी जा सकेगी। एमओयू साइबर सुरक्षा, एग्रीटेक, हेल्थटेक और क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्रों में ज्ञान सृजन, प्रसार और आपसी सहयोग में  वृद्धि करेगा।