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भारत के शिक्षा मंत्री डॉ पोखरियाल द्वारा एलपीयू में टॉप ग्लोबल विश्वविद्यालयों की मैनेजमेंट पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधन

अवसर था एलपीयू द्वारा आयोजित पोस्ट- कोविड वर्ल्ड में अंतर्राष्ट्रीय उच्च शिक्षा के अवसरों पर एक दिवसीय वर्चुअल कांफ्रेंस का

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जालंधर 16-Apr-2021

भारत के शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल  निशंक ने आज लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में शीर्ष वैश्विक विश्वविद्यालयों की मैनेजमेंट पर आधारित  अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। यह अवसर था  एलपीयू द्वारा अपने परिसर में आयोजित पोस्ट-कोविड वर्ल्ड में अंतर्राष्ट्रीय उच्च शिक्षा के अवसरों पर एक दिवसीय वर्चुअल  सम्मेलन का । माननीय शिक्षा मंत्री डॉ पोखरियाल  सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे।सम्मेलन के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और साइप्रस सहित टॉप देशों के विश्वविद्यालयों से प्रो चांसलर , वाईस चांसलर , निदेशक आदि के रैंक के 12 वरिष्ठ शिक्षाविदों ने  पैनलिस्ट के रूप में भाग लिया । दुनिया के शीर्ष 9 विश्वविद्यालयों  पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय (यूएसए), नॉटिंघम ट्रेंट विश्वविद्यालय (यूके), न्यूकैसल विश्वविद्यालय और कर्टिन विश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया), लेक हेड यूनिवर्सिटी (कनाडा) के वरिष्ठ प्रबंधन और ऑसट्रेड की डायरेक्टर ने  सम्मेलन में भाग लिया।कांफ्रेंस में सभी विशिष्ट शिक्षाविदों को बधाई और सार्थक संवाद के लिए शुभकामनाएं देते हुए  शिक्षा मंत्री ने साझा किया: “मुझे बहुत खुशी है कि एलपीयू ने दुनिया के वरिष्ठ नीति निर्धारकों के साथ इस वार्ता का आयोजन किया है, और शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में इतना अधिक काम कर रहा है। वास्तव में, अंतर्राष्ट्रीयकरण एक विश्वविद्यालय की वृद्धि और विकास और देश में इसके योगदान के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण तत्व है। मैं एलपीयू को उन अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में मानता हूँ , जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीयकरण को पूर्ण रूप से अपनाया है। ”भारत की नई शिक्षा नीति -2020 ( एनईपी- 2020) के बारे में बात करते हुए, डॉ निशंक ने कहा : “भारत ने करोड़ों भारतीय विद्यार्थियों के लिए अपनी नई शिक्षा नीति को अपडेट किया है, जो 1,000 विश्वविद्यालयों और 45,000 डिग्री कॉलेजों में अध्ययन कर रहे हैं | उन सब की  आकांक्षा की झलक इस नीति  में दिखाई देती है। यह नीति विद्यार्थियों , शिक्षकों, वैज्ञानिकों, गैर-सरकारी संगठनों से लेकर सभी हितधारकों के परामर्श से बनाई गई है। यह सबसे बड़ी इनोवेशन है, जिसमें सभी की भागीदारी है। यह देश के लिए, देश के द्वारा और देश के लिए देश की नीति है और हम देश के प्रत्येक विद्यार्थी  के लिए अच्छे और उत्कृष्ट भविष्य के भागीदार हैं। हम वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) के वाक्यांश पर विश्वास करते हैं, इसीलिए हम पूरी दुनिया की चिंता करते हैं।

 "डॉ निशंक ने कहा: “आज अंतर्राष्ट्रीयकरण बहुत बड़ी चीज है, और एनईपी- 2020  ने दुनिया  भर के विश्वविद्यालयों के लिए भारत में कैंपस खोलना संभव बना दिया है। मैं आप सभी को भारत में अपने कैंपस  खोलने के लिए आमंत्रित करता हूं, और इस तरह भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ अधिक संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं पर काम करें । ”डॉ पोखरियाल ने आगे कहा : “यह सम्मेलन एक उपयुक्त समय पर आयोजित हुआ  है, खासकर तब, जब अंतर्राष्ट्रीय  सीमाएं  बंद हो गई  हैं। अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में एलपीयू ने फिर से एक नेतृत्व की स्थिति संभाली  है और संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के कुछ महान शिक्षाविदों को एक साथ आगे लाया है ताकि कोविड की  चुनौतियों और उन अवसरों के बारे में गहराई से जानकारी ले सकें जो इसने प्रदान किए हैं। "इससे पहले, डॉ निशंक ने एलपीयू के चांसलर श्री अशोक मित्तल की  देश के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केंद्रित एकल-परिसर वाले सबसे बड़े विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रशंसा की। एलपीयू में सभी प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया- “जब पूरी दुनिया महामारी का मुकाबला कर रही है, एलपीयू ने शिक्षा और समाज पर ध्यान केंद्रित किया है, और इस तरह की महामारी में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। "गौरतलब है कि साहित्य, शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में एक अग्रदूत; डॉ निशंक भारत की वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में सुधार के प्रति अति उत्सुक हैं। पहले ही से प्राप्त हुई कई प्रशंसाओं और पुरस्कारों के अलावा अब नई शिक्षा नीति-(एनईपी 2020) के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, यूके, द्वारा भी डॉ निशंक को सम्मानित किया जा चुका है।सम्मेलन की शुरुआत करते हुए, एलपीयू के चांसलर श्री अशोक मित्तल ने मुख्य अतिथि डॉ पोखरियाल को नई शिक्षा नीति के लिए बधाई दी और दुनिया भर के सभी प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। श्री मित्तल ने महामारी का उल्लेख 'वास्तव में वैश्विक संकट' के रूप में किया; हालाँकि, उन्होंने सांझा किया कि  इस दौरान 'ऑनलाइन' शिक्षा को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया गया। नई शिक्षा नीति -2020  के अनुरूप  एलपीयू ने दोनों ऑनलाइन और नियमित शिक्षण मोड पर ध्यान केंद्रित किया है, और एलपीयू ने शिक्षण प्रक्रिया में इन्नोवेशंस को प्रोत्साहित करके सभी शिक्षार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच का विस्तार किया है ।

श्री मित्तल ने यह भी साझा किया: “इस दौरान हम देश में ऑनलाइन शिक्षा प्रक्रिया आरम्भ करने  वाले संभवतः पहले विश्वविद्यालय हैं। तालाबंदी लागू होने के ठीक तीसरे दिन ही हम पूरी तरह से ऑनलाइन थे। ”महामारी संकट से निपटने के लिए पैनलिस्ट, मध्यस्थ और दर्शकों के बीच महत्वपूर्ण संवाद आयोजित किए गए, जैसे कि नए उच्च शिक्षा मॉडल की कल्पना करना; टीकों को स्वीकार करना; और, कोविड की दुनिया में नए सिरे से एक साथ रहना आदि। महत्वपूर्ण पैनल चर्चा में "महामारी के दौरान अंतर्राष्ट्रीय उच्च शिक्षा जगत में सीखे गए पाठों पर विचार" और "क्या उच्च शिक्षा ने आखिरकार इंटरनेट की अप्रयुक्त क्षमता को समझ लिया?" को कवर किया गया | इस संबंध में, एजेंडा में शामिल रहे "अंतर्राष्ट्रीय उच्च शिक्षा में महामारी के सबसे बड़े झटके क्या थे: विद्यार्थी गतिशीलता; ऑनलाइन सीखना; या, चुनौतियां”, तथा “भविष्य के नए हाइब्रिड मॉडल”।कांफ्रेंस में भाग लेने वाले पैनलिस्ट कार्डिफ मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी, यूके के प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर लेह रॉबिन्सन; निदेशक, अंग्रेजी भाषा कार्यक्रम, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, यूएसए से जैक सुलिवन; उप-कुलपति, ग्लोबल एंगेजमेंट एंड पार्टनरशिप, डॉ टोनी ट्रावगलियोन यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल, ऑस्ट्रेलिया से; प्रो चांसलर इंटरनेशनल, नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी, यूके से प्रोफेसर सिलियन रेयान; प्रोवोस्ट, स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क, यूएसए से डॉ सुए ज़िम्मरमैन; एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट इंटरनेशनल एंड चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर ग्लोबल ऑपरेशंस, सुश्री बैहुआ शैडविक, थॉम्पसन रिवर यूनिवर्सिटी, कनाडा से; प्रो चांसलर इंटरनेशनल, ला ट्रोब विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से डॉ स्टेसी फर्रावे; प्रो चांसलर प्रोफेसर लॉरेंस प्रचेत, कैनबरा विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से; ऑस्ट्रेड की निर्देशक नेहा ग्रोवर; कर्टिन विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से वाईस चांसलर प्रोफेसर सेठ कुनिन; वाइस प्रोवोस्ट: इंटरनेशनल जेम्स एल्ड्रिज लेकहेड यूनिवर्सिटी, कनाडा से; अकादमिक मामलों के वाईस रेक्टर  प्रो लोइजोस सीमएओ यूरोपीय विश्वविद्यालय-साइप्रस, तथा  अन्य अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिभागि थे।