5 Dariya News

आद्य गुरू शंकराचार्य के उपदेशों को आमजन तक पहुंचाए संत समाज: शंकर भारती महास्वामी

5 Dariya News

हरिद्वार (उत्तराखण्ड) 07-Apr-2021

कर्नाटक की सांस्कृतिक नगरी मैसूर मंडल के कृष्णराज नगर स्थित वेदांत भारती संस्था द्वारा आयोजित दो दिवसीय संत समागम को संबोधित करते हुए संस्था के संरक्षक श्री श्री शंकर भारती महास्वामी महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखण्डता बनाने के लिए सभी संतों को एक मंच पर आना होगा। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की अध्यक्षता में आयोजित संत समागम के दौरान शंकर भारती महास्वामी महाराज ने कहा कि संतों की एकजुटता से ही राष्ट्र को उत्थान के मार्ग पर ले जा सकती है। संत समाज एकजुट होकर आद्य गुरू शंकराचार्य के उपदेशों व उनके विचारों को घर-घर तक पहुंचाने में सहयोग करे। धर्म संस्कृति से सभी को जोडऩे का प्रयास करना होगा। संत महापुरूषों की उपलब्धियों से समाज को अवगत कराएं। संत समागम क आयोजन का उद्देश्य ही सनातन संस्कृति व हिंदू धर्म की विशेषताओं से जन सामान्य को अवगत कराना है। इसके लिए पूज्य आद्य गुरू शंकराचार्य के उपदेशों को सरल भाषा में प्रकाशित कर लोगों को वितरित किया जाएगा। संस्था द्वारा आद्य शंकराचार्य के उपदेशों को जन सामान्य तक पहुंचाते हुए राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 

निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ मेला भारतीय सनातन परंपरांओं की अद्भूत पहचान है। करोड़ों श्रद्धालु भक्त कुंभ मेले के दौरान गगा स्नान के लिए पहुंचते हैं। इसलिए आद्य शंकराचार्य के उपदेशों का प्रचार प्रसार करने का इससे अच्छा अवसर नहीं हो सकता। कुंभ मेले में प्रतिभाग कर रहे समस्त संत समाज को आद्य गुरू शंकराचार्य के उपदेशों व उनकी शिक्षाओं से श्रद्धालु भक्तों को अवगत कराना चाहिए। म.म.स्वामी चिदंबरानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि धर्म सत्ता ही समाज का मार्गदर्शन कर समरसता का वातावरण बनाती है। समाज को एकजुट कर सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाले आद्य गुरू शंकराचार्य प्रत्येक सनातन धर्मी के पूज्यनीय हैं। संत समाज को उनके उपदेशों का प्रचार प्रसार समाज को लाभान्वित करना चाहिए। म.म.स्वामी विश्वेश्रानन्द महाराज ने कहा कि समाज की रक्षा के लिए अखाड़ों का गठन करने वाले आद्य गुरू शंकराचार्य की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार करना सभी अखाड़ों का दायित्व है। समस्त संत समाज को इसमें सहयोग करना चाहिए। संत समागम में म.म.स्वामी प्रणव चैतन्यपुरी, म.म.स्वामी जनकपुरी महाराज, निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज, स्वामी संवित्सोम गिरी महाराज, स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, स्वामी चिदानन्द पुरी महाराज, म.म.स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज, स्वामी ब्रह्मानन्द भारती महाराज ने भी विचार रखे। इस अवसर पर श्रीधर हेगड़े, वेंकट रमण भट्ट, हनुमंत राव, स्वामी कमलेशानंद, स्वामी दिनकरानन्द सरस्वती आदि संतजन भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।