5 Dariya News

अकेली अध्यापिका ने लिया स्कूल को स्मार्ट बनाने का प्रण

अपनी मेहनत से स्कूल को लगाए चार चाँद

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फाजिल्का 01-Mar-2021

स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, वहां आने वाले विद्यार्थियों को अध्यापकों की तरफ से यही सिखाया भी  जाता है। अध्यापकों की तरफ से सिखाए यह शब्द उस समय पर सार्थक लगते हैं, जब अध्यापक खुद भी स्कूल को मंदिर समझ कर वहां सेवा रूपी कार्य करते हैं। इसी तरह की सेवा की बात कर रहे हैं सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल आलमशाह में पढ़ाने वाली अध्यापक मैडम सीमा भठेजा की। जिन्होंने अपने स्कूल को कर्म भूमि मान कर काम किया और स्कूल की आभा में बड़ा सुधार लाते हुए अपने स्कूल को स्मार्ट स्कूलों के साथ साथ सुंदर स्कूलों की लड़ी में लाकर खड़ा किया।स्कूल के अध्यापक मैडम सीमा भठेजा की बात करें तो उन्होंने14 नवंबर 2017 को बतौर प्राइमरी अध्यापकों स्कूल जुआइन किया था। जब वह स्कूल आए थे तो स्कूल के हालात ठीक -ठाक ही थे और उन के मन में एक ही बात हमेशा रहती थी कि स्कूल के लिए कुछ बढ़िया करना है और स्कूल की आभा सुधारनी है। स्कूल शिक्षा विभाग पंजाब के शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार द्वारा भी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने का प्राजैकट शुरू किया गया। शिक्षा सचिव द्वारा आए रोज पंजाब के मेहनती अध्यापकों को उन के सृजनात्मिक कार्यो के लिए उत्साहित भी किया जाने लगा। इस बात ने मैडम सीमा भठेजा के सपने और सोच को और बल दिया। उन्होंने स्कूल की आभा सुधारने की तरफ काम करना शुरू कर दिया।कहते हैं कि जब कोई मनुष्य शिद्दत के साथ किसी काम को करने का मन बनाता है तो कुदरत भी उसका साथ देती है। मैडम सीमा भठेजा की उम्मीदों को उस समय सहारा मिल गया जब शिक्षा विभाग ने पंजाब के सभी प्राइमरी स्कूलों को 25 -25 हजार रुपए की अनुदान राशि जारी कर दी। 

परन्तु जब स्कूल में निर्माण कार्य शुरू हुआ तो उस पर करीब 90 हजार रुपए खर्च हो गए। जिस के लिए उन अपने पति, सहयोगियों, गांव वासियों और बच्चों के माता-पिता से सहयोग लिया। स्कूल में उन्होंने बहुत सूंदर रास्ता तैयार करवाया, बैठने के लिए सीमेंट और बैंच बनवाऐ, रेलिंग लगवाई और अन्य छोटे छोटे काम करवाए। बच्चों और स्टाफ के लिए बाथरूम रिपेयर करवाए। मैडम सीमा भठेजा ने कहा कि यह उन की कर्म भूमि है और इसको स्वच्छ और सूंदर बनाना उनका पहला फर्ज है। यहां खास जिक्रयोग है कि स्कूल में एक एचटी सहित अन्य अध्यापकों के 2 पद हैं परन्तु न तो स्कूल में एचटी है और न ही अन्य साथी अध्यापक है। मैडम सीमा भठेजा ने बताया कि बच्चों की बात करें तो लाकडाउन दौरान जहां समूह स्कूलों में अध्यापकों ने बच्चों को आनलाइन पढ़ाई करवाई, वहीं उन्होंने भी स्कूल में काम करती ईजीएस अध्यापिका मैडम सीमा रानी के साथ मिल कर स्कूल के करीब 70 से भी अधिक बच्चों को आनलाइन पढ़ाई करवाई। मैडम भठेजा ने बताया कि उन की यह कोशिश है कि बच्चों को शैक्षिणक गतिविधियों के साथ साथ दूसरे सहायक शिक्षक गतिविधियों में भी आगे रखा जाये। उनके द्वारा करवाए काम बारे बात करने पर ब्लाक प्राइमरी शिक्षा अधिकारी सतीश मिगलानी ने मैडम सीमा भठेजा की प्रशंसा करते कहा कि उन की तरफ से गई कोशिशें प्रशसंनीय हैं,स्कूल में अन्य सहयोगी स्टाफ न होने पर अकेली महिला द्वारा स्कूल के लिए इतना काम करवाना बहुत बढ़िया कोशिश है। उन्होंने कहा की मैडम सीमा भठेजा ने वन मैन आर्मी की तरह काम किया है, जिस के लिए वह वह बधाई के पात्र हैं। डीईओ एलिमेंट्री शिक्षा डा. सुखबीर सिंह बल्ल ने मैडम सीमा भठेजा की प्रशंसा करते कहा कि शिक्षा विभाग उन की तरफ से कोशिशों पर गर्व करता है और अकेली महिला अध्यापक द्वारा लोगों को सहयोग की अपील करना और आप इतना काम करवाना बहुत बड़ी बात है। जिस के लिए वह बधाई के पात्र हैं।