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मुख्यमंत्री द्वारा 3 महीनों की विशेष मुहिम की समाप्ति के मौके पर कर्ज सर्टिफिकेटों के वितरण के लिए स्वै-रोजगार लोन मेले की शुरूआत

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पटियाला 25-Jan-2021

राज्य सरकार की बेहद महत्वपूर्ण स्कीम ‘घर-घर रोजगार और कारोबार मिशन’ को आगे बढ़ाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को पटियाला से बड़े स्तर पर एक स्वै-रोजगार लोन मेले की शुरुआत की जिससे पिछले साल अक्तूबर से दिसंबर तक करवाए विशेष लोन मेलों की कड़ी समाप्त हो गई जिसमें 1.70 लाख नौजवानों को अलग-अलग बैंकों से स्वै रोजगार के लिए कर्जे मुहैया करवाने में मदद की गई।आज राज्य भर में संकेत के तौर पर 1000 लाभपात्रियों को कर्ज मंजूरी के सर्टिफिकेट वितरित किये गए। मुख्यमंत्री की तरफ से पटियाला में पाँच लाभपात्रियों गुरदीप कौर, राजिन्दर सिंह, सीमा रानी, बेबी रानी और हरजीत सिंह को यह सर्टिफिकेट सौंपे गए। उन्होंने मिनी सचिवालय स्थित पटियाला जिले के जिला रोजगार और उद्यमिता ब्यूरो दफ्तर का भी दौरा किया।मुख्यमंत्री ने इस मौके संबोधन करते हुये कहा कि उनकी सरकार की तरफ से मार्च 2017 में सत्ता संभालने के बाद अब तक 15 लाख से अधिक नौजवानों को प्राईवेट/सरकारी क्षेत्र में नौकरियाँ और स्वै-रोजगार के काबिल बनाया गया है। इस मिशन के अंतर्गत रोजमर्रा के 1100 नौजवानों को फायदा हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय के दौरान 8.8 लाख नौजवानों को स्वै-रोजगार के योग्य बनाया गया जबकि 5.69 लाख नौजवानों को प्राईवेट क्षेत्र और 58,258 नौजवानों को सरकारी क्षेत्र में नौकरी मिली। अक्तूबर से दिसंबर, 2020 तक चली मुहिम में 1.7 लाख नौजवानों को नौकरियाँ/स्वै -रोजगार के मौके मिले।मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अब कोविड की स्थिति में सुधार हुआ है। हर जिले में हर महीने दो नौकरी मेले करवाए जाएंगे और एक लाख सरकारी नौकरियाँ देने के वायदे को पूरा करने के लिए सरकारी नौकरियों के लिए निरंतर विज्ञापन किये जाएंगे जिसके अंतर्गत 20 हजार सरकारी नौकरियों के लिए विज्ञापन पहले ही जारी किये जा चुके हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इस मोर्चे पर प्रगतिशील औद्योगिक नीति के साथ लम्बे समय की बहुपक्षीय रणनीति बनायी है जिसके निष्कर्ष के तौर पर राज्य में 71,000 करोड़ रुपए का औद्योगिक निवेश हुआ है जिससे 2.5 लाख और नौकरियों के मौके पैदा होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में नौकरियों की कमी जहाँ हर साल सेवा मुक्ति के कारण 13000 पद ही खाली होते हैं, को देखते हुए उनकी सरकार ने सरकारी नौकरियों के लिए सेवा मुक्ति आयु घटाई है जिससे नौजवानों के लिए अधिक से अधिक मौके पैदा किये जा सकें। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राज्य सरकार उद्योगों, स्वै-रोजगार और प्राईवेट क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड की स्थिति में सुधार होने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में नौकरियों की संख्या बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में नौजवानों को कुशल बना कर उनको राज्य से बाहर भी नौकरी के काबिल बनाने के लिए पंजाब में मैडीकल कालेज, स्किल यूनिवर्सिटियां और प्राईवेट यूनिवर्सिटियां स्थापित की जा रही हैं।नौजवानों को नौकरी के योग्य बनाने के लिए मानक शिक्षा की अहमीयत पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 15 डिग्री कॉलेज और 18 आई.टी.आईज स्थापित की जा रही हैं जिसके इलावा प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा के माध्यम के तौर पर अंग्रेजी की शुरुआत की गई है। होशियारपुर में एक आर्म्ड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट स्थापित किये जाने की भी प्रस्ताव है जिससे आई.एम.ए., ओ.टी.ए., एयर फोर्स अकैडमी, नेवल अकैडमी में भारतीय के लिए नौजवानों को तैयार किया जा सके। उन्होंने आगे बताया कि विदेशों में नौजवानों को नौकरी के योग्य बनाने के लिए एक विदेशी रोजगार और विदेशी शिक्षा सेल भी स्थापित किया गया है।गांवों के गरीब नौजवानों को रोजगार के लिए उचित मौके मुहैया करवाने हेतु हर गाँव के गरीब परिवार से सम्बन्धित 10 नौजवानों को नौकरियाँ देने की पहलकदमी की गई है जिससे अब तक 72,716 नौजवानों को रोजगार हासिल हुआ है। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि ग्रामीण रोजगार के लिए मगनरेगा स्कीम को मजबूत किया जा रहा है जोकि मौजूदा सरकार के सत्ता में आने समय खत्म होने के किनारे थी। इस स्कीम के कारण 2017 से लेकर अब तक 913 लाख दिहाड़ियों की सृजना हो चुकी है और 2007 से लेकर 2017 तक के समय के दौरान सृजित की 85 लाख सालाना औसतन दिहाड़ी की संख्या बढ़ कर 2017 से 2020 तक 228 लाख दिहाड़ियों तक पहुँच चुकी है जोकि सालाना औसत में 156 प्रतिशत का विस्तार है और इसके इलावा 17.48 लाख घरों को जॉब कार्ड भी दिए जा चुके हैं।

भारत सरकार की तरफ से पोस्ट मैट्रिक एस.सी. स्कॉलरशिप स्कीम बंद होने के कारण कुछ शैक्षिक संस्थाओं की तरफ से विद्यार्थियों की डिग्री रोकने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसी संस्थाओं को सख्ती से गरीब परिवारों के विद्यार्थियों को डिग्रियां देने के लिए कहा है। डिग्रियां न देने वाली संस्थाओं की मान्यता रद्द कर दी जायेगी।इस मौके पर अमृतसर से एक दिव्यांग नौजवान विकरमजीत सिंह जिसको जिम्म के लिए 6 लाख रुपए का कर्ज हासिल हुआ, जालंधर के समीर जिसको 10 लाख रुपए मिले और सिंगापुर से वापस आए संगरूर के प्रदीप सिंह जिसको डेयरी प्रोजैक्ट के लिए 14 लाख रुपए का कर्ज प्राप्त हुआ, ने वर्चुअल तरीके से मुख्यमंत्री के साथ बातचीत करते हुये धन्यवाद किया।इस दौरान अमृतसर से वर्चुअल तौर पर जुड़े रोजगार सृजन और प्रशिक्षण मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा कि कानूनी तरीकों से विदेश जाने के इच्छुक नौजवानों के लिए काउंसलिंग सेवाएं 15 फरवरी से शुरू हो रही हैं जिससे उनको धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों के शोषण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा साल के दौरान मुख्यमंत्री की दूर अन्देशी और गतिशील नेतृत्व में 10 लाख नौजवानों को नौकरियों के मौके मुहैया करवाए जाएंगे।रोजगार सृजन और प्रशिक्षण विभाग के सचिव राहुल तिवाड़ी ने बताया कि बेरोजगारों के लिए कॅरियर सम्बन्धित सलाह, मुफ्त इन्टरनेट, कौशल प्रशिक्षण विकल्प, विदेशों में नौकरी, स्वै-रोजगार के मौके प्रदान करने वाले 22 जिला रोजगार और उद्यमिता ब्यूरो (डी.बी.ई.ई.) स्थापित किये गए हैं।इस मौके पर अन्यों के अलावा पटियाला से लोक सभा मैंबर परनीत कौर, विधायक हरदयाल सिंह कम्बोज, निर्मल सिंह और राजिन्दर सिंह, जय इन्द्र कौर, हरिन्दर सिंह हैरी मान, पी.आर.टी.सी. के चेयरमैन के.के. शर्मा, नगर निगम के मेयर संजीव शर्मा बिट्टू, रोजगार सृजन और प्रशिक्षण के डायरैक्टर हरप्रीत सिंह सूदन भी मौजूद थे।