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लोकसभा चुनावों से अकाली तानाशाही के अंत की होगी शुरूआत - बाजवा

5 दरिया न्यूज (धालीवाल)

चंडीगढ़ 24-Mar-2014

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि राज्य में लोकसभा चुनावों के साथ ही अकाली-भाजपा गठबंधन के अत्याचारी, तानाशाही व जनविरोधी शासन के खात्मे की शुरूआत हो जाएगी, जिनके खिलाफ का लोगो गुस्सा अभी से नजर आने लगा है। उन्होंने अकाली-भाजपा गठबंधन को कांग्रेस के धर्म निरपेक्षवाद व साकारात्मक सोच के खिलाफ चलने वाली ताकतों का प्रतीक बताया है। बाजवा ने कहा कि पंजाब के लोग तंग आ चुके हैं और राज्य को लूटने वालों, सियासी दुश्मनी निकालने के लिए आम आदमी को परेशान व अत्याचार करने वालों को सबक सिखाने का अवसर ढूंढ रहे हैं। 

बाजवा ने कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरिन्दर मोदी के नाम पर लोगों से वोट मांगने को मजबूर हैं, क्योंकि बड़े-बड़े दावों के बावजूद यह राज्य में कोई भी बदलाव लाने में असफल रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रधान ने उप मुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को सलाह दी है कि वह विकास संबंधी बड़े-बड़े दावे करने से पहले राज्य में विकास की जमीनी असलियत बारे जानकारी हासिल करें। जिससे पता चलता है कि आज भी जमीनी स्थिति दयनीय हालत में है। जबकि सरकारी जमीनों को निजी संस्थानों को रियायती दरों पर बेचा जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल व डिस्पैंसरियां बंद हो रही हैं। 

बाजवा ने कहा कि गत दिवस यूथ अकाली दल द्वारा बठिंडा में आयोजित की गई रैली पार्टी का खोखला आधार दर्शा रही थी, जिसमें पदाधिकारियों व वर्करों से ज्यादा संख्या प्रवासी मजदूरों व उनके बच्चों की थी। उन्होंने उपहास उड़ाते हुए कहा कि यदि सुखबीर के साला साहिब व राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के नेतृत्व वाला यूथ अकाली दल रैली के लिए पार्टी वर्करों को एकत्रित नहीं कर सकता, तो फिर लोकसभा चुनावों को रिकार्ड अंतर से जीतने संबंधी खोखली डींगें मारने की जरूरत नहीं। उप मुख्यमंत्री को इस बार्डर राज्य में गठबंधन की भारी हार का सामना करने को तैयार रहना चाहिए। पार्टी ने सुखबीर को याद दिलाया कि वह राज्य में अकाली दल की सरकार के दौरान ही फरीदकोट की सीट हारे थे, जबकि उस वक्त फरीदकोट को बादल परिवार की विरासत माना जाता था।